छोटे किसानों तक पहुंचे नई तकनीक, वाराणसी में बोले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी द्वारा ’’पोषण उद्यमिता व पर्यावरण के लिए सब्जी अनुसंधान एवं नवाचार’’ पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। भारत विश्व की कुल सब्जियों के 15 प्रतिशत के साथ उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा ’’पोषण, उद्यमिता व पर्यावरण के लिए सब्जी अनुसंधान एवं नवाचार’’ पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ मंगलवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र की गैप्स भरकर किसानों को खुशहाल बनाने का प्रयास कर रही है। इसीलिए कृषि क्षेत्र का बजट अब 1.23 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो कि वर्ष 2014 से पहले 21 हजार करोड़ रुपये ही था।
साथ ही, दस हजार नए कृषक उत्पादक संगठन और एक लाख करोड़ रुपये का एग्री इंफ्रा फंड बनाने जैसी बड़ी योजनाएं लाई गई है। सरकार का फोकस किसानों पर है, खासकर छोटे किसानों पर, जिन्हें अनेक योजनाओं के माध्यम से लाभ पहुंचाया जा रहा है, उनकी आय बढ़ाने के लिए प्रयास किए गए हैं।
देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में, मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि इस वर्ष 2021 को विश्व खाद्य संगठन ने फल एवं सब्जी वर्ष के रूप में मनाने का आह्वान किया है और हम सबके लिए यह गौरव का विषय है कि इसी साल बागवानी फसलों के उत्पादन ने 331 मिलियन टन के नए शिखर को हासिल किया है। निश्चित रूप से इस उपलब्धि के पीछे हमारे किसान भाइयों व बहनों की अथक मेहनत के साथ ही वैज्ञानिकों का कुशल अनुसंधान और सरकार की किसान हितैषी नीतियों का योगदान है। श्री तोमर ने कहा कि सब्जियां पोषण का आधार होने के साथ-साथ, किसानों की आय एवं कृषि विविधीकरण का मुख्य स्तंभ सिद्ध हुई है, इसलिए इनका अधिकाधिक उत्पादन व उपभोग होना चाहिए। भारत, विश्व की कुल सब्जियों के 15 प्रतिशत के साथ उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।
तोमर ने ’’सब्जी एप’’ बनाने के लिए भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान को बधाई दी, जो किसानों को सब्जियों की उन्नत वैज्ञानिक तकनीक की जानकारी देता है। इसके अलावा कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे- ड्रोन, रोबोट, सेंसर आदि का उपयोग बढ़ाने की आवश्यक पर जोर देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने नई ड्रोन पालिसी बनाकर नियमों को सरल कर दिया है। पिछले साल टिड्डी दलों पर नियंत्रण में भी केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा अनुमतियां लेकर ड्रोन का बखूबी उपयोग किया गया। श्री तोमर ने जैविक खेती को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि जैविक खेती किसानों के लिए समृद्धि की कारक है, वहीं यह मिट्टी के लिए फायदेमंद है। जैविक एवं कार्बनिक विधि से सब्जियां उगाना सभी के लिए फायदेमंद होगा। श्री तोमर ने कहा कि खेती में पानी का दुरूपयोग नहीं हो, कृषि विविधीकरण के नए आयाम हो, किचन गार्डन जैसे प्रयोगों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। साथ ही, नई तकनीकों का लाभ छोटे किसानों व कमजोर तबके तक पहुंचाना आवश्यक है, ताकि वे लाभान्वित हो सकें।
कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र, पूर्व महानिदेशक डॉ. पंजाब सिंह, उप महानिदेशक (बागवानी) डॉ. आनंद कुमार सिंह, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के निदेशक डॉ. टीके बेहेरा व संस्थापक निदेशक डॉ. जी. कल्लू, एएसआरबी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. कीर्ति सिंह, आईएसवीएस के अध्यक्ष डॉ. के.वी. पीटर सहित अन्य गणमान्यजन, वैज्ञानिक, शोधार्थी, छात्र एवं किसान थे।
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