नेटवर्क मार्केटिंग के नाम पर बेरोजगार युवाओं के साथ ठगी, मैनेजर सहित चार हिरासत में
नेटवर्क मार्केटिंग के नाम पर बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले एक गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। मैनेजर समेत चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। यह गिरोह युवाओं को नौकरी का लालच देकर उनसे पैसे ऐंठता था। पुलिस ने युवाओं से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी झांसे में न आएं।

इस कार्रवाई में पुलिस ने कई कागजात को जांच के लिए कब्जे में लिया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। सारनाथ के पहड़िया स्थित श्रीकृष्णा नगर कालोनी के एक मकान में नेटवर्किंग मार्केटिंग एवं टेलीकलिंग की नौकरी देने के नाम पर युवाओं के साथ ठगी के मामले में रविवार को डीसीपी प्रमोद कुमार के नेतृत्व में स्थानीय और साइबर क्राइम पुलिस टीम ने छापा मारा।
इस कार्रवाई में पुलिस ने कई कागजात को जांच के लिए कब्जे में लिया। इस मामले में पुलिस ने मैनेजर, मकान मालिक सहित चार लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस लगभग 30 से 40 युवाओं से भी पूछताछ कर रही है, जिनमें अधिकांश बिहार और अन्य प्रदेशों के निवासी हैं।
नेटवर्किंग मार्केटिंग के नाम पर युवाओं के साथ ठगी की शिकायतें धीरे-धीरे पुलिस के पास पहुंचने लगीं। इसके बाद पुलिस ने श्रीकृष्णा नगर कालोनी पहड़िया स्थित एक मकान में छापा मारा। डीसीपी वरुणा जोन प्रमोद कुमार ने बताया कि प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से शिकायत मिली थी कि पहड़िया में युवाओं की बेरोजगारी का फायदा उठाकर उनके साथ आर्थिक धोखाधड़ी की जा रही है।
पोर्टल से ही पुलिस को लोकेशन प्राप्त हुआ और छापेमारी की गई। जांच में पता चला कि तारकेश्वर मिश्रा के मकान में आरआरएमवी रेगुलरवेयर प्राइवेट कंपनी के नाम पर एक फर्जी कंपनी चल रही थी, जो युवाओं को टेलीकॉलिंग के नाम पर रोजगार देने का झूठा वादा करती थी। इसके बदले युवाओं से पैसे भी लिए जाते थे।
सहायक पुलिस आयुक्त विदुष सक्सेना ने बताया कि कंपनी के लोग ऑनलाइन जॉब पोर्टल के माध्यम से युवाओं का डेटा निकालते थे। इसके बाद उन्हें टेलीकलिंग जॉब देने का प्रस्ताव दिया जाता था। युवा उनके पास आते थे, जिसमें युवक और युवतियां दोनों शामिल होते थे। उनसे 2850 रुपये लेकर तीन दिन का प्रशिक्षण दिया जाता था।
इसके साथ ही उन्हें 10,000, 20,000, 30,000 और 50,000 रुपये का किट दिया जाता था, जिसमें पेंट, शर्ट और बेल्ट शामिल होते थे। युवाओं को नेटवर्किंग में जोड़ने के नाम पर कमीशन दिया जाता था और इंसेंटिव के नाम पर भी पैसे वसूले जाते थे। पुलिस ने मौके से कंप्यूटर, दस्तावेज और अन्य सामान बरामद किया है। कागजात की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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