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इंटरनेट मीडिया के सहयोग से नेपाल में खोजा किशोर का घर, किशोर को लेकर प्रवासी नेपाली मित्र नेपाल रवाना

नेपाली दूतावास के आदेश के बाद शनिवार को प्रवासी नेपाली मित्र मंच संस्था के पदाधिकारियों ने कागजी कार्रवाई पूरी कर किशोर को नेपाल लेकर रवाना हो गए। बताते चलें कि नेपाल के एक छोटे से कस्बे देवदहा का रहने वाला किशोर अपने परिजनों से बहुत नाराज था।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 06:01 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 06:01 PM (IST)
इंटरनेट मीडिया के सहयोग से नेपाल में खोजा किशोर का घर, किशोर को लेकर प्रवासी नेपाली मित्र नेपाल रवाना
नेपाली मित्र मंच संस्था के पदाधिकारियों ने कागजी कार्रवाई पूरी कर किशोर को नेपाल लेकर रवाना हो गए।

वाराणसी, जेएनएन। कभी विवादों तो कभी अच्छे कार्यों से भी इंटरनेट मीडिया चर्चा में बना रहता है। लेकिन, इस बार इंटरनेट मीडिया एक मां को उसके बिछड़े बेटे को मिलाने में मददगार साबित हुआ है। नगर के राजकीय बाल गृह बालक के अधीक्षक अशोक कुमार और उनकी टीम ने फेसबुक के मैसेंजर के माध्यम से नेपाल स्थित अपने घर से गायब किशोर को उसके मां का पता निकाल लिया।

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नेपाली दूतावास के आदेश के बाद शनिवार को प्रवासी नेपाली मित्र मंच संस्था के पदाधिकारियों ने कागजी कार्रवाई पूरी कर किशोर को नेपाल लेकर रवाना हो गए। बताते चलें कि नेपाल के एक छोटे से कस्बे देवदहा का रहने वाला किशोर अपने परिजनों से बहुत नाराज था। उसके माता और पिता के बीच तलाक हो गया था। जिसके बाद दोनों ने दूसरी शादी कर ली थी। किशोर मां के साथ रहता था। लेकिन सौतेले पिता की प्रताड़ना से आजीज आकर वह दो वर्ष पूर्व घर से निकल गया और सोनौली होते हुए फरीदाबाद चला गया। जहां उसने एक होटल में काम किया। 14 वर्ष से लेकर 16 वर्ष की उम्र तक वह वहां काम किया और मार्च महीने में एक दिन नेपाल के लिए वहां से निकल पड़ा।

रास्ते मे भूख लगने पर वह बनारस में ही उतर गया जहां चाइल्ड लाइन सहायता केंद्र के लोगो की उसपर नजर पड़ी तो उन लोगों ने उस किशोर को धूप छांव खुला आश्रम संस्था में 14 दिन के लिए कोरेंनटाइन कर दिया गया।बाद में 7 अप्रैल को उक्त किशोर को रामनगर स्थित राजकीय बाल गृह बालक में लाया गया। किशोर के नेपाल स्थित बताए पते पर सम्पर्क तो किया गया लेकिन उसके परिजनों ने पता बदल दिया था। जिस कारण उसका पता नही मिल पा रहा था।बाद में अधीक्षक अशोक कुमार को फेसबुक के जरिये एक दिन उसकी माँ सपना से बात हुई।जिसके बाद उक्त किशोर की उसकी मां से बात करायी गयी।

फोन पर बेटा और मां दोनो भावुक हो गए और रोने लगे जिसके बाद से ही किशोर को उसके घर नेपाल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी। नेपाली किशोर के परिजनों से बात होने के बाद उसका पता लुम्बिनी राज्य के रूपांड़ेही जिला स्थित देवदहा नगर पालिका के वार्ड नं 10 का निकला। राजकीय बाल गृह बालक द्वारा किशोर को घर भेजने का प्रयास शुरू किया गया तो मामला दो देशों के बीच का होने के कारण देरी होने लगी। बाद में विभाग ने प्रवासी नेपाली मित्र मंच संस्था ने दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास को इसकी सूचना दी गयी। नेपाली दूतावास के तृतीय सचिव टंका बहादुर राय के आदेश पर नेपाली बच्चों के संरक्षण पर कार्य करने वाली संस्था प्रवासी नेपाली मित्र मंच को उक्त किशोर को उसके घर पहुंचाने की जिम्मेदारी तय की गयी।बाल कल्याण समिति द्वारा भी किशोर को उसके देश भेजने के लिए संबंधित कागजात तैयार कर लिए गए। शनिवार को प्रवासी नेपाली मित्र मंच संस्था की ओर से विष्णु प्रसाद खनाल तथा रघुनाथ पाण्डेय के नेतृत्व में आयी दो सदस्यीय टीम किशोर को लेकर सड़क मार्ग से नेपाल के लिए रवाना हो गयी। घर जाते समय किशोर बहुत ही उत्साहित दिखा।


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