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    BHU अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही हद से पार, बायोमेट्रिक अटेंडेंस से परहेज; अब भरना पड़ा लाखों का जुर्माना

    Updated: Sun, 07 Jul 2024 08:10 PM (IST)

    नेशनल मेडिकल काउंसिल वर्ष 2012 से प्रयासरत है कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान में बायोमेट्रिक उपस्थिति व्यवस्था को शत प्रतिशत लागू किया जाए। लेकिन करीब 300 डॉक्टर ऐसे हैं जिन्हें ऑनलाइन हाजिरी से एलर्जी है। ऐसे चिकित्सकों पर कार्रवाई के लिए सख्त रुख अपनाया गया है। बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था लागू नहीं करने से आइएमएस को आर्थिक दंड भोगना पड़ा है।

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    BHU में डॉक्टरों की बायोमेट्रिक अटेंडेंस को लेकर लापरवाही पड़ी भारी

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान में लापरवाही की हद पार हो गई। आइएमएस के अलावा सर सुंदरलाल अस्पताल, ट्रामा सेंटर और आयुर्वेद विभाग में करीब 300 डॉक्टर ऐसे हैं, जिन्हें ऑनलाइन हाजिरी से एलर्जी है। वह आधार बेस्ड बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था को अपनाने से दूर भाग रहे हैं। यह दुर्गति तब है जब मामले में नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) का रवैया सख्त है।

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    बायोमेट्रिक उपस्थिति व्यवस्था लागू नहीं करने से आइएमएस को आर्थिक दंड भोगना पड़ा है। करीब 12 लाख रुपये जुर्माना राशि जमा करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। जनता की गाढ़ी कमाई से यह रकम संस्थान को मिली थी, जो चिकित्सकों की लापरवाही के चलते बेकार चली गई।

    आइएमएस में करीब आठ सौ डाक्टर पंजीकृत हैं, इसमें प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, सीनियर रेजिडेंट, रेजिडेंट व जूनियर रेजिडेंट शामिल हैं।

    मनमानी पर उतरे चिकित्सक

    नेशनल मेडिकल काउंसिल वर्ष 2012 से प्रयासरत है कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान में बायोमेट्रिक उपस्थिति व्यवस्था को शत प्रतिशत लागू किया जाए। सिर्फ 500 डॉक्टर ही इस सांचें में खुद को ढाल पाए हैं, बाकी चिकित्सक मनमानी पर उतर चुके हैं। प्रकरण में आइएमएस भी सीधी कार्रवाई से बच रहा है।

    बीएचयू अस्पताल के 20 से अधिक विभागों में एईबीएएस (आधार इनेबल्ड बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस सिस्टम) मशीनें इंस्टाल हो चुकी हैं। ऐसे में नए सिस्टम को लागू कराना आइएमएस के लिए चुनौती से कम नहीं है।

    कॉलेज ऑफ नर्सिंग में फंसा भुगतान का पेंच

    आइएमएस के निदेशक कार्यालय पर अटेंडेंस मशीन लगी है, लेकिन बीएचयू अस्पताल, सुपर स्पेशियलिटी में कई जगहों पर मशीन नहीं लग सकी है। आयुर्वेद विभाग में मशीनों का इंस्टालेशन अब शुरू हुआ है। कालेज आफ नर्सिंग में एनएमसी की सेवा प्रदाता कंपनी ने विश्वविद्यालय की शर्तों के अनुसार मशीन उपलब्ध कराने से इन्कार कर दिया है। उसे अग्रिम भुगतान किया जाना है लेकिन बीएचयू चाहता है कि कंपनी अपना काम पूरा करे और बिल जमा करे, इसके बाद भुगतान किया जाएगा।

    जांच में मिली थी गड़बड़ी

    प्रदेश भर के मेडिकल कालेजों को एमबीबीएस की सीटों पर दाखिले से पहले नेशनल मेडिकल काउंसिल से मान्यता लेनी होती है। इस बार एनएमसी की टीम ने कालेजों का निरीक्षण किया तो निर्धारित प्रारूप पर बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं मिली। कई और कमियां मिली थीं। ऐसे में एनएमसी ने संस्थानों को कमियां दूर करने का निर्देश दिया लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। एनएमसी ने आइमएस पर जुर्माना लगा दिया।

    आइएमएस बीएचयू निदेशक  प्रो. एसएन संखवार के अनुसार, एनएमसी ने जो जुर्माना लगाया है उसे भरने के लिए फाइल बढ़ा दी गई है। जुर्माना राशि कम करने की अपील भी की गई है। संस्थान के हर डाक्टर को आधार बेस्ड बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य है। विभागाध्यक्षों को इस संबंध में पत्र लिखा गया है।

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