वाराणसी में 15 हजार शिक्षकों ने एक लाख से अधिक विद्यार्थियों को दिलाया पांच संकल्प
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने हमारा विद्यालय-हमारा स्वाभिमान कार्यक्रम के तहत पांच लाख विद्यालयों में शिक्षकों और विद्यार्थियों को पांच संकल्प दिलाए। इसका उद्देश्य विद्यालयों को संस्कार तीर्थ मानकर चरित्र निर्माण और राष्ट्रीय पुनर्निर्माण करना है। विद्यार्थियों ने विद्यालय को स्वच्छ रखने संसाधनों का संरक्षण करने भेदभाव रहित वातावर का संकल्प लिया।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष प्रो उदयन ने बताया कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ सोमवार को देश के पांच लाख विद्यालयों में हमारा विद्यालय - हमारा स्वाभिमान संकल्प कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें देशभर के लाखों शिक्षक एवं करोड़ों विद्यार्थी विद्यालयों की प्रार्थना सभाओं में पांच संकल्प लेकर हमारा विद्यालय-हमारा स्वाभिमान का उद्घोष कर इस संकल्प को आत्मसात किया।
इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य ये है कि विद्यालय केवल भवन नहीं है बल्कि संस्कारों का तीर्थ है। विद्यालय को भारत में हमेशा विद्या का मंदिर माना गया है। सा विद्या या विमुक्तये अर्थात विद्या वही है जो हमें अज्ञान और बंधनों से मुक्त करे। इस संकल्प कार्यक्रम का उद्देश्य चरित्र निर्माण, व्यक्ति निर्माण है और इस प्रक्रिया को अपनाने से राष्ट्र के पुनर्निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा एवं विद्यार्थी व शिक्षक मिलजुल कर शैक्षिक उन्नयन एवं राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए कार्य करेंगे।
हमारा विद्यालय हमारा स्वाभिमान संकल्प कार्यक्रम के अंतर्गत सभी विद्यार्थी एवं शिक्षक निम्नलिखित पांच संकल्प लिया
1- हम मिलकर अपने विद्यालय को स्वच्छ, अनुशासित तथा प्रेरणास्पद बनाए रखेंगे।
2- हम विद्यालय के संपदा ,संसाधन तथा समय को राष्ट्र धन मानते हुए उनका संरक्षण एवं विवेक पूर्वक उपयोग करेंगे।
3- हम विद्यालय में ऐसा वातावरण बनाएंगे जहां कोई भेदभाव नहीं होगा ।हम सभी सम भाव से सीखने और सीखने के पथ पर अग्रसर रहेंगे।
4- हम शिक्षा को केवल ज्ञान का माध्यम नहीं अपितु चरित्र निर्माण , आत्मविकास और समाज सेवा का साधन मानकर कार्य करेंगे।
5- हम विद्यालय को केवल एक संस्था नहीं अपितु संस्कार सेवा और समर्पण का तीर्थ मानते हुए उसका गौरव बढ़ाने हेतु सतत प्रयत्नशील रहेंगे।
हम यह दृढ़ संकल्प लेते हैं कि "हमारा विद्यालय हमारा तीर्थ है, हमारी आत्मा का अभिमान है और राष्ट्र निर्माण का आधार है।
प्रदेश महामंत्री जोगेंद्र पाल सिंह ने कहा कि विद्यालय वह प्रयोगशाला है जहां भविष्य के नागरिक गढ़े जाते हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, पूरे संसार को गीता का ज्ञान देने वाले योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण से लेकर महात्मा गांधी, डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डा. एपीजे अब्दुल कलाम जैसे अनेक महापुरुषों के जीवन एवं सफलता की जड़ें उनके विद्यालयों के संस्कारों में निहित है।
विद्यालयों में हम केवल किताबें नहीं पड़ते बल्कि मित्रता, सहयोग, भाईचारा, अनुशासन, परिश्रम खेलकूद, संगीत, कला, सांस्कृतिक गतिविधियों में सहभागिता से हमारे संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास होता है। हमारे शिक्षा संस्थानों की लंबी गौरवमयी ऐतिहासिक परंपरा है। तक्षशिला नालंदा, विक्रमशिला जैंसे विश्विद्यालयों ने विश्व को ज्ञान देकर सकारात्मक दिशा और दशा देकर भारत को विश्व गुरु का गौरव प्रदान किया है। भारतीय दृष्टि में शिक्षा का ध्येय केवल रोजगार नहीं बल्कि संपूर्ण मनुष्य का निर्माण है।
विद्यालय हमें संस्कार, स्वास्थ्य और अनुशासन जैसी महत्वपूर्ण धरोहर देते हैं। भारतीय गुरुकुल परंपरा में स्वच्छता और अनुशासन से ही उत्कृष्ट व्यवस्था, प्रेरणा और आदर्श संभव है। भारतीय दृष्टि में संपत्ति व्यक्तिगत नहीं सामूहिक होती है। विद्यालय की हर वस्तु राष्ट्र की धरोहर है। इनका संरक्षण हमें जिम्मेदार नागरिक बनता है।शिक्षा हमें ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ एवं सेवाभावी नागरिक बनाती है। विद्यालय में हम वसुधैव कुटुंबकम की भारतीय परंपरा को आत्मसात करते हुए जाति, पंथ, धर्म, वर्ग, लिंग भाषा, धर्म के किसी भेदभाव के बगैर सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता की मजबूती के लिए कार्य करेंगे। भारतीय परंपरा में तीर्थ वह है जो आत्मा को शुद्ध करें अपने विद्यालय को तीर्थ मानने से उसमें श्रद्धा और समर्पण का भाव जागेगा। हर कक्षा, हर पुस्तक, हर घंटी हमें प्रेरणा देगी।
कार्यक्रम के प्रदेश संयोजक शशांक कुमार ने कहा कि संकल्प कार्यक्रम का आयोजन के द्वारा शैक्षिक उन्नयन एवं राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के सृजनात्मक आंदोलन की शुरुआत की गई है ,इसलिए हम सब मिलकर हमारे विद्यालय को मन, वचन, कर्म से हमारा स्वाभिमान, हमारा तीर्थ बनाने का प्रण करेंगे।
उदय प्रताप इंटर कालेज में उच्च शिक्षा के प्रदेश प्रभारी प्रो. धर्मेंद्र, कटिंग मेमोरियल इंटर कालेज में कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष प्रो .उदयन, ग्रीनवैली विद्यालय में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र विश्वविद्यालय के संयोजक प्रो. दिवाकर, वाराणसी पब्लिक स्कूल में प्रदेश शैक्षिक प्रकोष्ठ के संयोजक प्रो. नरेंद्र राय व हमारा विद्यालय हमारा स्वाभिमान के प्रदेश संयोजक शशांक, महाबोधि इंटर कालेज में प्रो. भावना, रामेश्वर महादेव इंटर कालेज में प्रो. पंकज सिंह, रानी मुरारका इंटर कालेज में काशी महानगर अध्यक्ष प्रो. शशिकांत, भारतीय शिक्षा मंदिर में प्रधानाचार्य डा. चारूचंद्र, एंग्लो बंगाली इंटर कालेज में डा. अनुराग मिश्र, गंगापुर इंटर कालेज में डा. श्रीप्रकाश सिंह, हरिश्चंद्र इंटर कालेज में प्रधानाचार्य डा. उमेश, रमा रूखैयार प्राथमिक विद्यालय भुल्लनपुर, आनंद सिंह प्राथमिक विद्यालय भीष्मपुर, दिनेश चंद प्राथमिक विद्यालय जगतपुर, डा. प्रभाकर प्राथमिक विद्यालय गंगापुर, सत्यप्रकाश पाल प्राथमिक विद्यालय करना, राजेश चौबे कन्या जूनियर हाईस्कूल जंसा, शेषनाथ प्राथमिक विद्यालय मंगारी, अनुराधा कंपोज़िट विद्यालय महमूरगंज, राजकुमार भिटकुरी विद्यालय, मनीष प्राथमिक विद्यालय धरमनपुर, रितु ओबराय प्राथमिक विद्यालय चुरामनपुर आदि ने पंच संकल्प दिलाया। इस कार्यक्रम में वाराणसी जनपद के लगभग चार हज़ार प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में संकल्प दिलाया गया, जिसमें लगभग पन्द्रह हज़ार अध्यापक व लगभग एक लाख से अधिक छात्र छात्राएं शामिल हुए।
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