नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय और पत्रकारिता विभाग बीएचयू के बीच शैक्षिक अध्ययन के लिए होगा समझौता
नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या और पत्रकारिता विभाग, बीएचयू के मध्य शैक्षिक अध्ययन हेतु समझौता होगा। इस समझौते का उद्देश्य शैक्षिक अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा देना है। छात्र और शोधकर्ता बीएचयू के पत्रकारिता विभाग के संसाधनों का लाभ उठा सकेंगे।

नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या और पत्रकारिता विभाग के बीच समझौता होगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। विकसित भारत @2047 शिक्षा, संस्कृति और नवाचार इसको लेकर नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या और पत्रकारिता विभाग के बीच समझौता होगा, जिससे कि कृषि में नवाचार के तौर तरीकों का पत्रकारिता के छात्र अध्ययन कर मीडिया के माध्यम से जन जन पहुचाने का कार्य करेगें।
अवध विश्वविद्यालय एवं नरेन्द्रदेव कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बिजेन्द्र सिंह ने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में आयोजन सचिव डॉ. ज्ञान प्रकाश मिश्र को आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि कृषि पत्रकारिता के क्षेत्र में आज भी भारत में पिछड़ापन है। विशेषकर पूर्वांचल में जागरूकता का अभाव है, उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के छात्र भी इस समझौते के तहत पत्रकारिता विभाग से बहुत कुछ सीखेंगे, जिससे विकसित भारत की दिशा में दूरदर्शी कार्य होगा।
डॉ. ज्ञान प्रकाश मिश्र ने बताया कि नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति से पत्रकारिता के छात्रों ने बहुत सारे कृषि पत्रकारिता विषय पर संवाद कर अपने अनसुलझे प्रश्नों का उत्तर भी दिया। कांफ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ ज्ञान प्रकाश मिश्र ने कहा कि विकसित भारत @2047 के लिए कृषि पत्रकारिता में क्रांतिकारी बदलाव जरूरी है जिससे छोटे बड़े सभी किसानों को जागरूक किया जा सके।
डॉ. मिश्र के इस आयोजन को प्रान्त प्रचारक एवं कुलपति द्वारा काफी सराहा गया। उन्होंने कहा कि सकारात्मकता, समय प्रबंधन और निरंतर सीखने की प्रवृत्ति को विकसित भारत के लिए अनिवार्य बताते हुए उन्होंने कहा कि गुरुकुल परंपरा के आदर्श-अनुशासन, संयम और ज्ञान-युवाओं के जीवन में वापस आने चाहिए।
उन्होंने कहा कि महामना के विचार स्वदेशी, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर भारत को लेकर थी वही आज विकसित भारत के लक्ष्य का मुख्य विषय है। कहा कि जीवन और जगत की सत्यता को स्वीकार करते हुए हर भारतीय विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।उन्होंने कहा कि कृषि पत्रकारिता को बढ़ावा मिलना चाहिए जिससे भारतीय ज्ञान परम्परा और नवाचार दोनों को भारतीय किसान जान सके।

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