युवाओं से जुड़ेगी बनारस घराने की संगीत, परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए 24 कार्यशालाओं का किया जाएगा आयोजन
बनारस घराने की संगीत को युवाओं से जोडऩा है। यह प्रयास का संकल्प स्पिक मैके ने लिया है। बनारस घराने की गायकी तबला वादन तथा शहनाई को करीब 24 कार्यशालाओं ...और पढ़ें

वाराणसी, जागरण संवाददाता : बनारस घराने की संगीत को युवाओं से जोडऩा है। यह प्रयास का संकल्प स्पिक मैके ने लिया है। बनारस घराने की गायकी, तबला वादन तथा शहनाई को करीब 24 कार्यशालाओं के माध्यम से युवाओं से जोडऩे का प्रयास किया जाएगा।
यूं समझें कि वर्तमान की युवा पीढ़ी घराने तथा घरानों की विशिष्टताओं से अपरिचित है। शिव की नगरी काशी कला व संस्कृति का प्रमुख केंद्र रही हैं। रस से रचा-बसा बनारस घराना संगीत के क्षेत्र में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। पं. बड़े रामदास की शिष्य परंपरा ने संगीत जगत को नायाब हीरे दिए हैं।
पं. पशुपति नाथ-अमर नाथ मिश्र, पं. राजन-साजन मिश्र, पं. सुरेंद्र-मोहन मिश्र, पं. मोहन मिश्र, पं. महादेव मिश्र, पं. जालपा मिश्र जैसे अनेक कलाकार रहे हैं। वहीं, सिद्धेश्वरी देवी, जानकी बाई, विदुषी पद्म अलंकृत गिरिजा देवी जैसे अनेक गायिकाओं ने कला जगत में बनारस घराने की छाप छोड़ी है। पं. राम सहाय ने जिस विशिष्ट तबला वादन शैली को जन्म दिया। उसे पं. शारदा सहाय, पं. किशन महाराज, पं. अनोखे लाल, पं. कंठे महाराज, पं. सामता प्रसाद (गुदई महाराज) ने विश्व पटल पर स्थापित किया। इस परंपरा से जुड़े अनेक कलाकार बनारस का नाम रोशन कर रहे। कबीरचौरा में शुक्रवार को पत्रकारों के समक्ष यूसी सेठ, डा. समरेन्द्र सिंह, डा. मधु शुक्ला, डा. शुभा सक्सेना, डा. विभा सिंह, शांभवी शुक्ला, श्रेयस शुक्ला, वीना सेठ, प्रो. अलका सिंह प्रो शारदा वेलणकर व डा. सुचरिता गुप्ता ने प्रकाश डाला।
यहां होंगे अगले पांच दिन तक कार्यक्रम
वाराणसी के अनेक विद्यालयों जैसे सनबीम ग्रुप, स्मिथ, आर्य महिला महाविद्यालय, अग्रसेन कालेज, राजघाट बेसेंट स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, दयावती मोदी अकादमी, बीएचयू, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, डालिम्स स्कूल आदि अनेक शिक्षण संस्थाओं में आयोजित होंगी। जिससे विद्यार्थी बनारस घराने की तबला वादन, गायन शैली तथा शहनाई वादन से सुपरिचित हो सके। इसके लिए पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होगा। प्रत्येक कार्यशाला में लगभग तीस बच्चे पांच दिनों तक सीखेंगे। अंतिम दिन उनकी प्रस्तुति भी होगी। कार्यशाला समापन के पश्चात कलाकार का मंच प्रदर्शन भी होगा।

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