'मोंथा' चक्रवात ने बढ़ा दी यूपी के किसानों की चिंता, इस जिले में दिन भर होती बूंदाबांदी
बलिया जिले में मोंथा चक्रवात ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बारिश और बूंदाबांदी से तापमान में गिरावट आई है और सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है। धान की फसल पककर तैयार है, लेकिन बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसल गिरने का खतरा बढ़ गया है। रबी फसलों की बुआई भी बाधित हो गई है। कृषि अधिकारी ने किसानों को चक्रवात के बाद बुआई करने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, बलिया। जिले में मोंथा चक्रवात ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। दशहरा के समय में हुई भयंकर बारिश से किसान अभी परेशान ही थे, तब तक चक्रवात का असर भी दिखने लगा है। विभिन्न इलाकों में बुधवार को दिन भी बूंदाबांदी होती रही। इससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है। किसान इस समय आलू, सरसों, टमाटर और मटर की फसलों की बोआई कर रहे हैं। बारिश होने पर किसानों को क्षति का सामना करना पड़ सकता है। 6300 हेक्टेयर में धान की फसल भी तैयार है। किसान उसकी कटाई कराने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन मौसम में हुए बदलाव से सभी की परेशानी बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र मिड्ढ़ा के प्रभारी सुरेश ने बताया कि अगले 36 घंटों तक मोथा चक्रवात का असर रहने की संभावना है।
-बारिश से धान गिरने का खतरा
सिकंदरपुर : दोपहर बाद हुई हल्की बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में जब अधिकांश खेतों में धान की फसल पककर तैयार हो चुकी है, ऐसे समय में बारिश से सभी किसान परेशान दिख रहे हैं। क्षेत्र के कई गांवों में बारिश के बाद खेतों में पानी भर गया है। किसानों ने बताया कि बारिश के कारण धान की फसल खेतों में गिर सकती है। इससे नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
-बूंदाबांदी से धान की फसल को पहुंचेगा नुकसान
नगरा : क्षेत्र में मंगलवार की देर रात से हो रही बूंदाबांदी से किसान परेशान हैं। खेतों में धान की फसल पककर तैयार है। किसान सत्यानंद पांडेय व सुरेश यादव ने बताया कि अभी फसल कम गिरी है, लेकिन मोथा चक्रवात का असर दिखने लगा है। ताडीबडागांव, सलेमपुर, छिब्बी, सोनापाली, खरूआंव, मलप व वीरपुरा आदि जगहों बूंदाबांदी हो रही है। इससे किसान चिंतित हो गए हैं।
मटर, मसूर और तिलहन जैसी रबी फसलों की बोआई बाधित
मझौवा: क्षेत्र में लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मटर, मसूर और तिलहन जैसी रबी फसलों की बोआई बाधित हो गई है। किसान मुनेंद्र उपाध्याय, संजय उपाध्याय, कन्हैया तिवारी और लक्ष्मण सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के उत्तर हिस्से में अतिवृष्टि और दक्षिण में बाढ़ से पहले ही खेतों में अत्यधिक नमी है। अब नई बारिश ने स्थिति और बिगाड़ दी है। जिन किसानों ने पहले ही बोआई कर दी थी, वे बीज के अंकुरण पर प्रभाव पड़ने से चिंतित हैं। उनका कहना है कि तेज बारिश जारी रही तो पुनः बोआई करनी पड़ सकती है।
कई स्थानों पर गिर गईं फसलें
फेफना : मंगलवार रात से शुरू हुई बे-मौसम बारिश बुधवार को भी जारी रही, जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है। लगातार हो रही बारिश से खेतों में खड़ी और कटाई के लिए तैयार धान की फसल बुरी तरह प्रभावित हो रही है। कई स्थानों पर फसल गिर गई है, जबकि कटी पड़ी फसलें भीगने से सड़ने की कगार पर हैं। तापमान में गिरावट और ठंडक बढ़ने से मौसम में बदलाव साफ महसूस किया जा रहा है। किसानों का कहना है कि यदि बारिश का दौर यूं ही जारी रहा, तो फसलें पूरी तरह बर्बाद हो सकती हैं, जिससे भारी आर्थिक नुकसान की आशंका है।
मोथा चक्रवात गुजरने के बाद भी किसान मटर की बोआई करें। बारिश ज्यादा होने पर मटर की बीज ठीक तरीके से नही निकल पाएंगे और किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ेगा। धान की कटाई भी किसान चक्रवात को देखकर ही करें।
--पवन कुमार प्रजापति, जिला कृषि अधिकारी, बलिया।

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