विदाई लेने से पहले पूर्वांचल में ठिठक गया Monsoon, बादलों ने डाल दिया डेरा
उत्तर प्रदेश से मानसून की विदाई होने वाली है, लेकिन पूर्वांचल में अभी भी बादल छाए हुए हैं। इससे किसानों को धान की फसल के लिए राहत मिली है, क्योंकि बारिश से फसलों को पर्याप्त पानी मिल रहा है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक हल्की बारिश की संभावना जताई है, जिससे लोगों को उमस से राहत मिलेगी।

11 अक्टूबर को लौटता हुआ मानसून पूर्वांचल में ही ठिठका रहा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। मानसून उत्तर प्रदेश से आखिरकार विदा होते-होते पश्चिम से आकर पूर्वांचल में ठिठक गया है। बीते चौबीस घंटों से लौटता मानसूनी पूर्वांचल में ठहर गया है। वाराणसी सहित जौनपुर, बलिया, मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़, मीरजापुर चंदौली जैसे जिलों में बादलों की सक्रियता का दौर भी शनिवार को नजर आया।
पूर्वांचल में शनिवार को बादलों की आवाजाही से सूरज का ताप भी थमा और सुबह होने वाली ठंडक सिहरन का रूप ले ली। दिन चढ़ा तो आते जाते बादलों ने बदरी का अहसास कराया और पर्याप्त बादलों की वजह से सूरज का ताप आसमान में ही रह गया। हालांकि मानसून आगे तक टिक गया तो त्योहार में बारिश की सूरत भी लोकल हीटिंंग बना सकता है।
धरती पर हवा भी चली तो ठंडक का अहसास कराती रही। मौसम विभाग ने दोपहर में डाटा अपडेट किया तो पता चला कि मानसून के यूपी से गुजरने की उम्मीद पर मौसम ने दगा दे दिया। एक ओर मानसूनी सक्रियता का रुख तो दूसरी ओर गुलाबी ठंडक के मेल ने सुबह लोगों को कंपाया भी और पंखा समय से बंद करने की ओर मौसम ने इशारा भी किया। अब चादर की जगह कंबल ने ले ली है।
ठंड मानो रजाई ओढ़ाने को आतुर हो चली है। इसी वजह से सुबह मामूली कोहरे की चादर भी अंचलों में नजर आने लगी है। इसकी वजह से सुबह सिहरन सामान्य हो चला है। इसी के साथ ही वातावरण में गर्मी का असर अचानक से खत्म होकर मौसम का रुख पूरी तरह ठंडक की ओर हो चला है। 11 अक्टूबर को मानसून पूर्वांचल में ही ठिठका रहा। जबकि अमूमन प्रदेश से मानसून पांच अक्टूबर तक विदा ले लेता था। इस लिहाज से इस बार सप्ताह भर पहले आया मानसून सप्ताह भर से अधिक समय देर तक टिक चुका है।
बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 1.6 डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 2.4 डिग्री कम रहा। वहीं आर्द्रता न्यूनतम 64% और अधिकतम 73% फीसद दर्ज की गई।
न्यूनतम और अधिकतम पारा दोनों ही सामान्य से कम रहने से वातावरण में ठंडक का असर स्पष्ट नजर आया और लोग ठंड से बचाव के साथ ही अब गर्म कपड़ों और रजाई कंबल की दुकानों का रुख करने लगे हैं। घरों से अचानक कूलर, एसी बंद होने के बाद अब पंखे भी बंद होने लगे हैं। माना जा रहा है कि अब कोहरे का दौर कभी भी घना होकर चुनौती देना शुरू कर सकता है।
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