Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Monsoon आख‍िरकार UP से शुक्रवार को हो गया रवाना, ठंड के मौसम की हुई शुरुआत

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Fri, 10 Oct 2025 04:20 PM (IST)

    वाराणसी में, दक्षिण-पश्चिम मानसून पूर्वांचल से विदा हो गया है, जिससे मौसम में बदलाव आया है और ठंडक बढ़ गई है। दीपावली पर बारिश की आशंका कम हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार से लौट रहा है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे मौसम के अनुसार अपनी फसलों की योजना बनाएं। मानसून की वापसी कृषि और जल संसाधनों के लिए महत्वपूर्ण है।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। दक्षिण-पश्चिम मानसून की आख‍िरकार एक पखवारे बाद वापसी उत्‍तर प्रदेश से पूर्वांचल के रास्‍ते हो गई है।मौसम में इसी के साथ बदलाव की नई शुरुआत भी हो गई है। वातावरण में ठंडक का असर शुरू हो चुका है। अब मानसूनी बादलों की वापसी से दीपावली पर बरसात की संभावनाएं लगभग खत्‍म हो चली हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मौसम व‍िभाग ने बताया क‍ि 10 अक्टूबर, 2025 को, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने गुजरात के शेष हिस्सों से अपनी वापसी शुरू कर दी है। इसके साथ ही, महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों, तथा बिहार के कुछ हिस्सों में भी मानसून की गतिविधियाँ कम हो गई हैं। शुक्रवार की दोपहर तक पूर्वांचल तक मानसून लौट चुका था। लि‍हाजा हल्‍की बदली की स्थ‍ित‍ि भी कई क्षेत्रों में बनी रही। मगर, उम्‍मीद है क‍ि रात तक पूरी तरह से मानसून उत्‍तर प्रदेश से व‍िदायी ले लेगा। 

    दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की रेखा अब 18.5°N/72°E, अलीबाग, अहिल्यानगर, अकोला, जबलपुर, वाराणसी, रक्सौल और 28°N/86°E से होकर गुजर रही है। यह संकेत करता है कि मानसून की गतिविधियाँ अब धीरे-धीरे समाप्त हो रही हैं।

    मौसम विभाग के अनुसार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के शेष हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हो चुकी हैं। अगले तीन से चार दिनों के दौरान, संपूर्ण झारखंड और छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में भी मानसून की वापसी की प्रक्रिया जारी रहेगी।

    इस वर्ष मानसून ने देश के विभिन्न हिस्सों में अच्छी बारिश दी है, जिससे कृषि और जल संसाधनों को लाभ हुआ है। हालांकि, अब जब मानसून की वापसी हो रही है, तो किसानों को अपनी फसलों की कटाई और अन्य कृषि कार्यों की योजना बनानी होगी।

    मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून की वापसी के बाद, देश के कई हिस्सों में तापमान में मामूली वृद्धि हो सकती है। इस वर्ष की मानसूनी बारिश ने कई क्षेत्रों में जल संकट को भी कम किया है। जलाशयों और नदियों में जल स्तर बढ़ने से सूखे की स्थिति में सुधार हुआ है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में बाढ़ और जलभराव की समस्याएँ भी सामने आई हैं, जिससे स्थानीय प्रशासन को राहत कार्यों में जुटना पड़ा है।

    मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसलों की देखभाल करें और मौसम के बदलाव के अनुसार अपनी योजनाएँ बनाएं। इसके अलावा, मौसम की भविष्यवाणी पर ध्यान देना भी आवश्यक है, ताकि किसी भी अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन से निपटा जा सके।

    दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी का यह समय न केवल मौसम के बदलाव का संकेत है, बल्कि यह कृषि और जल संसाधनों के लिए भी महत्वपूर्ण है। दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी एक नई शुरुआत का संकेत है, जो मौसम के साथ-साथ कृषि गतिविधियों में भी बदलाव लाएगा। आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति पर नजर रखना आवश्यक होगा, ताकि सभी संबंधित पक्ष सही निर्णय ले सकें।