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    आमजन के प्राणवायु के लिए नीम का पौधा बाटेंगे जौनपुर के माडल किसान गुलाब मौर्या

    वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर में लाइफलाइन आक्सीजन के लिए चहुंओर त्राहि-त्राहि मची थी। समय से उपलब्धता न होने से कई जानें जा चुकी हैं। ऐसी स्थिति की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए जनपद के माडल किसान गुलाब मौर्य ने पहल शुरू की है।

    By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Sat, 05 Jun 2021 07:20 AM (IST)
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    वह प्राणवायु के लिए नीम के पौधे का मुफ्त वितरण करेंगे।

    जौनपुर, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन के लिए चहुंओर त्राहि-त्राहि मची थी। समय से उपलब्धता न होने से कई की जान चली गई। ऐसी स्थिति की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए माडल किसान गुलाब मौर्य ने पहल शुरू की है। यह प्राणवायु के लिए नीम के पौधे का मुफ्त वितरण करेंगे। इसके लिए अपनी नर्सरी में एक हजार पौधे तैयार किए हैं। पांच जून विश्व पर्यावरण दिवस से इसकी शुरुआत करेंगे।

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    धर्मापुर क्षेत्र के कादीपुर निवासी गुलाब मौर्य बेरोजगारी का दंश झेल रहे बेरोजगारों के प्रेरणास्त्रोत हैं। नवीनतम तकनीक से फल, सब्जी व औषधीय खेती से न केवल अच्छी आय करते हैं, बल्कि आस-पास के लोगों को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। खेती के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए देश, प्रदेश व जनपद स्तर पर कई बार इन्हें पुरस्कृत किया जा चुका है। इतना ही पूर्व राष्ट्रपति डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम से भी शाबासी मिल चुकी है। कोरोना काल में पर्यावरण प्रदूषण से बचाव और पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन की उपलब्धता के लिए माडल किसान जनमानस को न सिर्फ जागरूक कर रहे, बल्कि इच्छुक लोगों को मुफ्त में नीम का पौधा बांटने का भी निर्णय लिया है। उनका कहना है कि सनातन हिंदू संस्कृति में नीम के वृक्ष का महत्वपूर्ण स्थान है। यह वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण ग्रामीण जीवन का अभिन्न अंग रहा है। इसका जड़ से लेकर पत्ती तक का औषधि उपयोग किया जाता है। इससे वातावरण शुद्ध होने के साथ ही शुद्ध ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है।

    मालाबार नीम के पौधे भी हैं नर्सरी में

    गुलाब की नर्सरी में एक हजार नीम के पौधों के अलावा एक हजार मालाबार नीम (बकाइन) के पौधे भी मानसून आने से पूर्व तैयार हो जाएंगे। गुलाब ने बताया कि दो साल में तैयार होना वाला यह पौधा भी छायादार होने के साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग विभिन्न औषधियों में किया जाता है।