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    अतीत की यादें : 1966 में सूखे का दंश झेल रहे लोगों के बीच सोनभद्र आईं थीं इंदिरा गांधी

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Tue, 13 Aug 2019 08:38 AM (IST)

    1966 में भीषण सूखे के दौरान घोरावल आईं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद ताजा हो गई है। यहां के घुवास कालोनी में किसानों के बीच सूखा राहत चेक का वितरण किया था।

    अतीत की यादें : 1966 में सूखे का दंश झेल रहे लोगों के बीच सोनभद्र आईं थीं इंदिरा गांधी

    सोनभद्र, [मनीष श्रीवास्तव]। घोरावल के उम्भा गांव में हुए नरसंहार में मारे गए आदिवासियों के परिजनों से दुख बांटने आ रहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा को लेकर 1966 में भीषण सूखे के दौरान घोरावल आईं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद ताजा हो गई है। यहां के घुवास कालोनी में स्व. इंदिरा गांधी ने किसानों के बीच सूखा राहत चेक का वितरण किया था। घुवास कालोनी में उस वक्त बना स्टेज व हेलीपैड आज भी इसकी गवाही दे रहा है।

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     उभ्भा में दिल दहला देने वाली घटना के बाद प्रियंका वाड्रा के आने से लोगों के जेहन में इंदिरा गांधी की याद ताजा हो गई है। बस फर्क इतना है कि उस समय लोग सूखे का दंश झेल रहे थे और वर्तमान में भूमि कब्जे को लेकर नरसंहार का मामला है। टेंदुहार निवासी व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विनोद कुमार तिवारी ने वर्ष 1966 में भीषण सूखे का जिक्र करते हुए बताया कि उस समय यह जनपद मीरजापुर से जुड़ा था। सूखे के कारण आदिवासी गरीब लोग भूख प्यास से बिलख रहे थे। उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने घुवास कालोनी में आने का निर्णय लिया। पीएम के आने से पहले 12 किमी सड़क का निर्माण कराया गया। जिसमें मूर्तिया, ढोलो, इमली पोखर, कुशियरा, भिलाई, मतवार, तेंदुहार समेत मध्य प्रदेश व मीरजापुर जिले के दर्जनों गांव के मजदूरों ने काम किया था। जनपद में उस समय बनीं यह सड़क लोगों के लिए संजीवनी साबित हुई थी। घुवास कालोनी में आज भी सन 1966 में इंदिरा गांधी के लिए बनाया गया हेलीपैड अपनी हकीकत बयां कर रहा है।

    गरीबी देख दंग रह गई थीं इंदिराजी

    सूखा राहत चेक वितरण के दौरान इंदिरा गांधी पैदल ही गांव के लोगों से मिलने के लिए निकल पड़ी थीं। तभी सड़क किनारे कुछ महिला श्रमिक साड़ी का घेरा बनाकर खड़ी थीं। उन्होंने पूछा था कि यहां क्या हो रहा। बताया गया कि सड़क निर्माण कार्य में लगी एक महिला श्रमिक को प्रसव पीड़ा हो रही है और प्रसव कराया जा रहा है। यह सुन वह अवाक रह गईं कि जिस महिला को बच्चा होने वाला है वह आज के दिन भी काम कर रही है। यह देख भावुक भी हो गई थीं।

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