मोदी से मिल चुकी बनारस की टोली है बेहद खास, शहर को संवारने का कर रही काम
पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान सेंट जॉन्स स्कूल के पुरातन छात्रों की टीम
जागरण संवाददाता, वाराणसी : कबीर, तुलसी, रैदास के शहर बनारस में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की अपार चीजें विद्यमान हैं। इनमें से कई धरोहरों को समय के साथ सहेजे न जाने का खामियाजा हमारे सामने हैं। महान विभूतियों की यादों को संजोने के लिए अक्सर उनके जन्मदिन, पुण्यतिथि पर याद करने का चलन बचा रह गया है। इन्हीं परिस्थितियों के बीच शहर के युवाओं की एक टीम ने काशी की महान हस्तियों को शहर के विकास से जोड़ते हुए अपना योगदान शुरू किया।
चौराहों पर उनकी विभिन्न मुद्राओं, कला से संबंधित चीजों को सजाया-संवारा। सरकारी मदद से दूर अपनी जेब से रुपये निकाले और चंदा भी जुटाया। शहर को सजाने-संवारने वाली इस टीम की पीएम मोदी मोदी भी प्रशंसा कर चुके हैं।पीएम ने वाराणसी दौरे के दौरान इन युवाओं से मुलाकात भी की थी। सेंट जॉन्स मड़ौली की एल्युमनाई टीम के सदस्य रोहित कपूर, वैभव कपूर, उदय राजगढिय़ा, दिशांत बदलानी, समीर कपूर, श्रीश अग्रवाल, अपूर्व मित्तल, अतुल चौधरी, राजेश शाह समेत अन्य युवा कारोबारियों की टीम ने इसके लिए कोशिश की। उन्होंने पिपलानी कटरा तिराहे को 'कबीर तिराहा' में परिवर्तित किया।
स्कूल को भी संवारा
युवाओं की इस टीम ने मैदागिन, गोदौलिया चौराहा के साथ ही पिपलानी कटरा के समीप मौजूद मिडिल स्कूल का जीर्णोद्धार कराने के साथ ही उसे संवारा। प्रोजेक्ट के टीम लीडर कारोबारी वैभव कपूर ने बताया कि स्कूल के दिनों से ही हम मित्रों की इच्छा रही कि शहर के लिए कुछ करना है लेकिन सरकारी तंत्र की उपेक्षा के चलते बहुत कुछ कर नहीं पा रहे थे।
मोदी सरकार आने के बाद बदली तस्वीर
नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद चीजें बदली। वाराणसी में जब पीएम ने शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने का आह्वान किया तब टीम ने प्रोजेक्ट तैयार किया और अशोक धवन (वर्तमान एमएलसी) से मुलाकात की। साथ मिलने पर हमारी टीम ने इन चौराहों का सुंदरीकरण किया। इस समय हमारी टीम पर्यावरण संरक्षण को लेकर जुटी है। टीम ने तय किया है कि शहर में हरियाली का दायरा बढ़ाया जाए ताकि शहर को शुद्ध वातावरण मिल सके। चूंकि अभी बारिश का सीजन खत्म होने को है तो व्यापक पैमाने पर पौधरोपण करने की तैयारी है। इसके अलावा टीम ने तय किया है कि जनवरी 2019 में होने वाले प्रवासी सम्मेलन के मद्देनजर बनारस को मेहमानों के अनुरूप सजाने और संवारने की दिशा में अपना प्रयास भी किया जाए।