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    मत्स्य संरक्षण में सहयोग और छोटे मछली के बच्चों का शिकार रोकने की तैयारी

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sun, 16 Nov 2025 12:26 PM (IST)

    वाराणसी में मत्स्य विभाग ने गंगा नदी के अस्सी घाट पर मत्स्य जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया। इस दौरान गंगा नदी में 2.35 लाख मत्स्य अंगुलिकाओं का संचय किया गया। कार्यक्रम में मछुआ समुदाय को मत्स्य संरक्षण के महत्व और सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। रिवर रैंचिंग कार्यक्रम का उद्देश्य गंगा नदी की जैव विविधता को बढ़ाना और मछुआरों के जीवन स्तर में सुधार करना है।

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    इस दौरान गंगा नदी में 2.35 लाख भारतीय मेजर कार्प की मत्स्य अगुलिका 80-100 एमएम साईज का संचय किया गया।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (एनएफडीवी) द्वारा योजित रिवर रैचिंग कार्यक्रम के तहत मत्स्य विभाग द्वारा गंगा नदी के अस्सी घाट पर शनिवार को मत्स्य जागरूकता गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस दौरान गंगा नदी में 2.35 लाख भारतीय मेजर कार्प की मत्स्य अंगुलिका 80-100 एमएम साईज का संचय किया गया।

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    कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूनम मौर्या अध्यक्ष जिला पंचायत द्वारा गोष्ठी में उपस्थित सभी मछुआ समुदाय के लोगों को इस कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताया गया क‍ि गंगा नदी में रिवर रैंचिंग कार्यक्रम गंगा नदी के जैव विविधत को बढाने, मत्स्य संसधानों को मजबूत करने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

    नदी में मत्स्य अगुलिका संचय कर मत्स्य संरक्षण को बढ़ावा एवं जल पर्यावरण के सन्तुलन को बनाये रखने का प्रयास किया जा रहा है। पूनम मौर्या द्वारा कहा गया क‍ि मछुआरा समाज सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़ा है इनका मुख्य व्यवसाय मत्स्य आखेट और मत्स्य विक्रय करना है। गंगा नदी में विलुप्त हो रहे मत्स्य प्रजाति एवं मत्स्य क्षरण के कारण इनका रोजी-रोटी संकट में है भारत सरकार के पहल से गंगा नदी में मत्स्य बीज संचय कर मत्स्य सम्पदा को बढ़ावा देकर इनके आर्थिक एवं सामाजिक जीवन स्तर के परिवेश को ऊपर लाने का प्रयास रिवर रैचिंग कार्यक्रम के माध्यम से किया जा रहा है।

    अस्सी घाट पर आयोजित मत्स्य पालकों को जागरूकता गोष्ठी में राजेन्द्र कुमार मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य द्वारा उपस्थित सभी मछुआ समुदाय के लोगों को मत्स्य विभाग द्वारा संचालित केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की योजनाओं प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, निषाद राज बोट सब्सिडी योजना, मछुआ कल्याण कोष, किसान क्रेडिट कार्ड, मछुआ दुर्घटना बीमा के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए अवगत कराया गया कि योजनाओं में ज्यादा से ज्यादा लोग आवेदन कर योजना का लाभ उठाए तथा सभी मत्स्य व्यवसाय गतिविधि से जुड़े लोगों का एनएफडीवी पोर्टल पर पंजीकरण प्रारम्भ हो गया है।

    लोगों से पंजीकरण कराने की अपील के साथ आगामी मत्स्य विकास की योजनाओं में लाभ का अवसर प्राप्त करने के ल‍िए अवसर का लाभ लेने की बात कही। इसके साथ ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा बताया गया कि भारत विश्व में जलीय कृषि के माध्यम से मछली का दूसरा प्रमुख उत्पादक देश है प्रमुख नदियों में एवं उनसे सम्बन्धित प्रमुख जलधाराओं में मूल मछली की प्रजातियां एवं उनकी संख्या विगत 10 वर्षों से घटती जा रही है।

    इसका प्रमुख कारण गंगा नदी में मत्स्य प्रजातियों की संख्या पिछले वर्षों में प्रदूषण, अत्यधिक दोहन तथा अवैध मत्स्यन के कारण कम हुई है। रिवर रैंचिंग से इन प्रजातियों का पुनरुद्धार संभव होगा और आने वर्षों में मत्स्य उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी। इसके साथ ही उनके द्वारा स्थानीय मछुआरों से जीरो साईज का जाल नदी में लगाकर छोटे मछली के बच्चों को न मारने का अनुरोध किया गया।

    मछली पकड़ने के लिए कीटनाशक का प्रयोग एवं प्रतिबंधित अवधि के दौरान ब्रूडर के शिकार न करने का भी अनुरोध किया गया। यदि ऐसा किया जाता है तो मत्स्य सम्पदा के संरक्षण के प्रमुख संकट का कारण बनसकता है। जिससे मत्स्य संरक्षण हेतु सभी को जागरूक होना होगा तथा दूसरों को भी ऐसा न करने को प्रेरित करना होगा।

    गोष्ठी में उपस्थित निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव पंचम निषाद द्वारा मछुआ समुदाय के लोगों को मत्स्य संरक्षण में सहयोग एवं छोटे मछली के बच्चों का शिकार रोकने का आहवान किया गया और इसमें सभी का सहयोग करने का आपेक्ष की गई एवं विभाग के सभी योजनाओं का लाभ लेकर जीवन स्तर को ठीक करने का सुझाव दिया गया।

    पंचम निषाद द्वारा बताया गया कि मछुआ समुदाय का मुख्य पेशा मत्स्य व्यवसाय एवं आखेट है जो परम्परागत रोजगार है जिसे मत्स्य संरक्षण हेतु जागरूक होने से बढ़ाया जा सकता है। रिवर रैचिंग कार्यक्रम में राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद जिलाध्यक्ष अरविन्द निषाद एवं मत्स्य विभाग के शैलेन्द्र सिंह मत्स्य निरीक्षक, बलबीर सिंह मत्स्य निरीक्षक, काजल सरोज कनिष्ठ सहायक, गोपाल निषाद, चन्दन यादव एवं काफी संख्या में मत्स्य पालक उपस्थित रहे।