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    वाराणसी में मसूर बीज मिनीकिट का राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर दो दिन में होगी उपलब्धता

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Thu, 06 Nov 2025 07:24 PM (IST)

    वाराणसी के किसानों के लिए अच्छी खबर है। मसूर बीज मिनीकिट अब दो दिन में राजकीय कृषि बीज भंडारों पर उपलब्ध होगी। इससे किसानों को समय पर बीज मिलेगा और मसूर की खेती आसान होगी। गुणवत्तापूर्ण बीज मिलने से उत्पादन बढ़ने और किसानों की आय में वृद्धि की उम्मीद है। कृषि विभाग किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।

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    प्रोटीन एवं आयरन की मात्रा अधिक पायी जाती है तथा इसके आटे की चपाती भी अच्छी बनती है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। दलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन (दलहन) योजनान्तर्गत भारत सरकार द्वारा रबी 2025-26 हेतु जनपद को 1405 पैकेट (प्रति पैकेट 8 किग्रा) मसूर बीज मिनीकिट उपलब्ध कराया गया है, जिसे जनपद के राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर 01 से 02 दिनों में आपूर्ति कर दिया जायेगा।

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    जो कृषकों को पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर वितरित किया जायेगा। मसूर बीज मिनीकिट प्राप्त करने वाले लाभार्थी कृषक का किसान पंजीकरण होना अनिवार्य है तथा इसका वितरण पोस मशीन से बायोमैट्रिक प्रक्रिया के माध्यम से किया जायेगा। साथ ही जनपद के अधिक से अधिक कृषकों को लाभान्वित किये जाने के उद्देश्य से तथा योजनान्तर्गत दिये गये निर्देश के क्रम में यह भी अवगत कराना है कि एक फसल सत्र में प्रति कृषक अधिकतम एक मिनीकिट ही देय होगा।

    जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह ने बताया कि कि वर्तमान में गेंहू बुवाई का उपयुक्त समय चल रहा है। जिन किसान भाइयों को गेंहू की बुवाई करनी है, उनसे अपील है कि अपने विकास खण्ड के राजकीय कृषि बीज भण्डार पर आधार कार्ड के साथ स्वयं उपस्थित होकर पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर उच्च गुणवत्ता का गेहूं बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर प्राप्त कर इसका लाभ लें।

    इसके साथ ही जनपद के सभी राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर गेंहू प्रजाति-डी बी डब्‍ल्‍यू-187 (करण वंदना) भी उपलब्ध है, जिसमें प्रोटीन एवं आयरन की मात्रा अधिक पायी जाती है तथा इसके आटे की चपाती भी अच्छी बनती है। यह प्रजाति भूरा एवं पीला रतुआ रोग के प्रति प्रतिरोधी है। इसकी प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता भी अच्छी है।