आज भी जिंदा हैं मां के दिए कार्तिक पूर्णिमा के संस्कार: मनोज तिवारी
लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने कार्तिक पूर्णिमा पर अपनी मां द्वारा दिए गए संस्कारों को याद किया। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी मां ने उन्हें इस त्योहार का महत्व समझाया और गरीबों की मदद करने की शिक्षा दी। उन्होंने युवाओं से अपनी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने की अपील की।

मनोज तिवारी दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति के देवदीपावली मंच पर पहुंचे और गंगा स्तुति की।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। भोजपुरी के प्रसिद्ध लोक गायक-नायक दिल्ली प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष सांसद डा. मनोज तिवारी ने कार्तिक पूर्णिमा पर हेलीकाप्टर से मां गंगा के ऊपर पुष्प वर्षा की। दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति के देवदीपावली मंच पर पहुंचे और गंगा स्तुति की। कहा, हमारे जीवन की शुरुआत इन्हीं घाटों से हुई है।
भाव में आए तो भोजपुरी में बोले, हम जब छोट रहलीं तब हमार माई हमके पूर्णिमा पर गंगा नहाए लेके आवत रहल। उहे संस्कार हमरे अंदर आज भी जिंदा बा। हम दुनिया में कतहूं रही बाकी शीतला मंदिर, गंगोत्री सेवा समिति के देव दीपावली, गंगा दशहरा, दुर्गा मंदिर, काली मठ मंदिर के नाहीं भुलाईला।
गीतकार कन्हैया दुबे केडी के संयोजन में आयोजित गीत संध्या में उन्होंने जय जय गंगा महारानी..., मेरी मां बताती है गंगा मेरी माता है..., शीतला घाट पे काशी में... आदि गीतों को स्वर दिया। बाल कलाकार यथार्थ दुबे ने महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र अई गिरी नंदिनी हे गंगे मैया सुख करनी..., डा. अमलेश शुक्ला ने मर्यादा है इस देश की पहचान है गंगा... आदि को सुरों में पिरोया। शैलबाला, आस्था शुक्ला आदि ने भी हाजिरी लगाई। स्वागत संस्थापक अध्यक्ष पं. किशोरी रमण दुबे बाबू महाराज व सचिव पं. दिनेश शंकर दुबे ने किया।

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