वाराणसी में बरसात के पानी को तालाब में संरक्षित कर रिचार्ज में जुटे जल संरक्षण प्रेमी मनीष पटेल
वाराणसी में जलसंरक्षण प्रेमी मनीष पटेल तालाब में पानी संरक्षित करने के कार्य में जुट गए हैं। खेतों से बहकर नालों के जरिये सीधे पानी को तालाब के इनपुट ...और पढ़ें

वाराणसी, जेएनएन। तीन दिनों से लगातार हो रही बरसात के हर बूंद को सहेजने की दिशा में जनकवि धूमिल के गांव खेवली में जलसंरक्षण प्रेमी मनीष पटेल तालाब में पानी संरक्षित करने के कार्य में जुट गए हैं। खेतों से बहकर नालों के जरिये सीधे पानी को तालाब के इनपुट के पास जंगली घास, कूड़ा करकटअवरोध को हटाकर पानी को तालाब में लाने का अथक प्रयास कर रहे है। कहा कि जीवन में जल की महत्ता है। हम यह भी जानते हैं कि देश ही नहीं, पूरा विश्व जल संकट से जूझ रहा है। इंसान के लालच ने भूजल दोहन को चरम पर पहुंचा दिया है।

जल संकट को भयावह बना दिया है। आजादी के बाद जनसंख्या तीन गुना जबकि जल दोहन के चलते जल संकट दस गुना बढा है। भारी दोहन के कारण देश का दो तिहाई भूजल भंडार खाली हो चूका है, इसके लिए जरूरी है कि हम पानी की हर एक बूंद का मूल्य समझें। खुद सजग हो और दूसरों को भी जल संरक्षण के प्रति जागरूक करें। बरसात के पानी को तालाब में रोककर ही इसे रिचार्ज के जरिये धरती के कोख में पहुंचा सकते हैं। हर युवा, किसान इस राष्ट्रीय विपदा में बरसात के पानी को बेकार बहने से रोकने का कार्य कर सबको जागरूक करें। एक छोटी सी प्रयास पर्यावरण को भी बचाने में मददगार होगी।
सैकड़ों स्कूलों, विद्यालयों में लाखों बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुक कर चुके हैं। पर्यावरण व जल संरक्षण के प्रति सजग और जागरुक होने की जरुरत है।आइए सभी लोग बरसात के पानी को संरक्षित करने के राष्ट्रीय कार्य मे योगदान करने का संकल्प पूरा करें।

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