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    Lockdown in Varanasi जिंदगी आप की है हुजूर, कुछ तो उचित दूरी बनाकर चलो सभी

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Thu, 26 Mar 2020 10:48 PM (IST)

    कोरोनावायरस से निजात पाने के लिए वाराणसी में लॉकडाउन के समय अपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए 21 दिनों तक घरों में रहें और एक दूसरे से उचित दूरी बनाए ...और पढ़ें

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    Lockdown in Varanasi जिंदगी आप की है हुजूर, कुछ तो उचित दूरी बनाकर चलो सभी

    वाराणसी, जेएनएन। पूरे भारत में 21 दिन का लॉकडाउन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साफ-साफ लफ्जों में कह चुके हैं कि संकट का दौर है। किसी गलतफहमी में न रहें। अपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए 21 दिनों तक घरों में रहें और एक दूसरे से उचित दूरी बनाए रखें। बुधवार को पीएम मोदी ने काशी की जनता से खास तौर पर संवाद स्थापित करते हुए काशीवासियों पर भरोसा जताते हुए कहा भी कि काशी पूरी दुनिया को संयम, संवेदनशीलता, सहनशीलता सिखा रही है। अफसोस कि कुछ लोग अपने सांसद, देश के प्रधानमंत्री के इस भरोसे को तोड़ रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग की सुबह से लेकर शाम तक धज्जियां उड़ा रहे हैं।

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    जिला प्रशासन पूरे मनोयोग से राशन, भोजन की व्यवस्था कराने में दिन-रात जुटा है। पुलिस कभी लाठी के बल पर तो कभी गुलाब के फूल के जरिए लोगों को समझाने की कोशिश कर रही है लेकिन बात वही कि चाहे लाख तूफान आए मगर हम नहीं सुधरेंगे। ये बात गांठ बांध लीजिए कि अगर आप नहीं मानेंगे तो जिला प्रशासन के पास एकमात्र विकल्प बचेगा Curfew। अगर curfew लग गया तो सुबह- शाम निकलना भी बंद हो जाएगा। जो थोड़ी बहुत ढील मिली है वो भी नहीं मिलेगी। अब ये आपके हाथ में हैं कि आप चाहते क्या है। अगर आप चाहते हैं कि curfew की नौबत न आए तो कृपया घर से बाहर निकलने पर मास्क अवश्य पहनें, बाजार में उचित दूरी बनाए रखें। थोड़ा धीरज रखें और कतारबद्ध होकर खरीदारी करें।

    भाग रे पुलिस आई, आवा अब गइलन

    सब्जी मंडी, राशन की दुकानों पर गुरुवार को भी सोशल डिस्टेंसिंग का फार्मूला पूरी तरह फेल हो गया। सब्जी-दूध मंडी हो या फिर राशन-दवा की दुकान लोग उचित दूरी बिना ही खरीदारी में जुटे रहे। एक-दूसरे से कंधे रगड़ रहे थे लेकिन किसी को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का कोई भय नहीं। मास्क लगाए नहीं, कई ने खुद को बनारसी अंदाज में गमछा से मुंह बांध रखा था। सब्जी मंडी, राशन घर पहुंचाने के बाद लोग गलियों में ही मजमा लगाए रहे। पुलिस को देखकर हट-बढ़ जाते और जैसे ही पुलिस की जीप-बाइक आगे बढ़ती फिर से मजमा लगा लेते।