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    वाराणसी में सपा कार्यालय में मनी महर्षि वाल्मीकि की जयंती एवं मासिक बैठक का आयोजन

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 04:43 PM (IST)

    वाराणसी में समाजवादी पार्टी कार्यालय में महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाई गई और जिला संगठन की मासिक बैठक आयोजित हुई। जिलाध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़ ने कहा कि श्रीराम ने माता सीता का परित्याग किया तो वे वाल्मीकि आश्रम में रहीं। आगामी एमएलसी चुनाव में अधिक से अधिक लोगों का नाम मतदाता सूची में शामिल कराने पर विचार किया गया।

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    महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती एवं जिला संगठन की मासिक बैठक का आयोजन किया गया।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। जिला समाजवादी पार्टी कार्यालय अर्दली बाजार में मंगलवार को महर्षि वाल्मीकि की जयंती एवं जिला संगठन की मासिक बैठक का आयोजन किया गया।

    बैठक में आगामी शिक्षक/स्नातक एमएलसी चुनाव में अधिक से अधिक लोगों का नाम मतदाता सूची में शामिल कराने, आगामी जिला पंचायत चुनाव के संदर्भ में तथा बूथ स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को और सक्रिय करने पर गहनता से विचार विमर्श किया गया। कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता भारी संख्या में उपस्थित थे।

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    बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़ ने कहा कि जब अयोध्या नरेश पुरुषोत्तम श्रीराम ने माता सीता का परित्याग किया, तब मां जानकी ऋषि वाल्मीकि के आश्रम में रहने लगी थीं, जहां उन्होंने दोनों पुत्र लव और कुश को जन्म दिया था। उन्होंने आगे कहा कि आगामी शिक्षक/स्नातक एमएलसी चुनाव में अधिक से अधिक लोगों का नाम वोटर लिस्ट में सम्मिलित कराने के लिए पार्टी के नेता व कार्यकर्ता जी जान से लग जाएं।

    कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू एडवोकेट ने कहा कि एक बार रत्नाकर डाकू ने जंगल में नारद मुनि को बंदी बना लिया था। नारद जी ने उनसे पूछा कि इन गलत कार्यों से तुम्हें क्या मिलेगा? रत्नाकर ने उत्तर दिया कि यह वह अपने परिवार के लिए करता है। नारद जी ने उनसे कहा कि जिसके लिए तुम गलत मार्ग पर चल रहे हो, उनसे पूछो कि क्या वह तुम्हारे पाप कर्म का फल भोगेंगे

    । नारद जी की बात सुनकर रत्नाकर ने अपने परिवार से पूछा, लेकिन परिवार के सभी सदस्यों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इस घटना से रत्नाकर बहुत दुखी हुआ और गलत मार्ग का त्याग करते हुए राम की भक्ति में डूब गया। इसके बाद ही उन्हें रामायण महाकाव्य की रचना करने की प्रेरणा मिली। बाद में वह महर्षि वाल्मीकि के नाम से जाने गए।

    कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़ एवं संचालन जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू एडवोकेट ने किया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. उमाशंकर सिंह यादव, उमेश प्रधान, रामसिंह यादव, दिलशाद अहमद, ओपी पटेल, राहुल यादव, चंद्रशेखर सिंह, नंदलाल कन्नौजिया, अखिलेश यादव, गोपाल पाण्डेय, सतेन्द्र यादव, शशी यादव, दीपचंद गुप्ता, सुरेश पाल, पुतुल यादव, करीमुल्ला अंसारी, डॉ. संध्या यादव, रामकुमार यादव, राजेन्द्र प्रसाद, दुर्गावती पटेल, मनोज यादव, डी के मौर्या, धर्मवीर पटेल, पार्वती कन्नौजिया, सुनील यादव, सलमा बेगम, रतन सोहबतिया, नीलेश, शुभम, संजय चाचू, लालजी राजभर व विनोद शुक्ला आदि ने विचार व्यक्त किए।