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    वाराणसी में आस्था का प्रतीक है लोटा-भंटा मेला, अगहन की षष्‍ठी तिथि को वरुणा में स्नान के बाद लगता है बाटी-चोखा

    By Jagran NewsEdited By: Anurag Singh
    Updated: Sun, 13 Nov 2022 05:24 PM (IST)

    बनारस के पारंपरिक उत्‍सव लोटा-भंटा मेले का महात्म्य ही अलग है। वाराणसी के जंसा रामेश्‍वर पंचशिवाला-हरहुआ के बीच वरुणा नदी के कछार पर तहसील राजातालाब व तहसील पिंडरा क्षेत्र में हर साल यह मेला लगता है। हर साल यह मेला मार्गशीर्ष (अगहन) महीने की षष्‍ठी तिथि को लगता है।

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    जंसा में वरुणा नदी किनारे स्थित रामेश्‍वर महादेव मंदिर।

    वाराणसी, जागरण संवाददाता। देवों की नगरी वाले प्राचीन शहर बनारस में उत्‍सवों की कोई कमी नहीं। देव दीपावली बीतने के बाद आता है काशी का प्राचीन उत्‍सव लोटा-भंटा का मेला। इस मेले को श्रद्धालु बहुत ही श्रद्धा और आस्था के साथ धूमधाम से मनाते हैं। बनारस (काशी) के पारंपरिक उत्‍सव लोटा-भंटा मेले का महात्म्य ही अलग है। वाराणसी के जंसा, रामेश्‍वर, पंचशिवाला-हरहुआ के बीच वरुणा नदी के कछार पर तहसील राजातालाब व तहसील पिंडरा क्षेत्र में हर साल यह मेला लगता है। हर साल यह मेला मार्गशीर्ष (अगहन) महीने की षष्‍ठी तिथि को लगता है।वैसे पूरा कार्तिक मास स्नान पर्व देवों के साथ आस्था संगम का माह है।

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    मेले में आने वाले श्रद्धालु पहले आदि गंगा वरुणा नदी में स्‍नान करते हैं। स्‍नान के बाद रामेश्‍वर महादेव सहित विभिन्न देवालयों में दर्शन-पूजन करते हैं और प्रसाद स्‍वरूप बाटी-चोखा सगे संबंधियों संग ग्रहण करते हैं। सुख-दुःख के दो पल बातचीत गले मिलकर गीले शिकवे के बाद मेला देखने के साथ खरीदारी संग वापस घरों को जाते है। रविवार को पुलिस अधिकारियों ने भी दर्शन-पूजन कर मंदिर परिसर में सुरक्षा व्‍यवस्‍था का जायजा लिय। इस दौरान ग्रामीण पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत त्रिपाठी

    लोटा-भंटा मेला का महात्म्य

    भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने यहां एक मुट्ठी रेत से शिवलिंग की स्‍थापना की थी। शिव व राम का पहला मिलन स्थल जिसे रामेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। जिस पर सिंधिया नरेश ने विशाल घाट व मंदिर का निर्माण कराया। रावण वध के बाद भगवान श्री राम को ब्रह्महत्‍या का पाप लग गया। जिसका प्रायश्‍चित करने के लिए श्रीराम ने अन्‍न का त्‍याग कर दिया। जिसके बाद श्रीराम काशी आए और यहां एक मुट्ठी रेत का शिवलिंग बना कर लोटा के जल से पूजा कर बाटी-चोखा प्रसाद बनाकर भगवान शिव को भोग लगाया और वहीं प्रसाद को खा कर अन्‍नत्‍याग के प्रायश्‍चित को समाप्‍त करते हुए भगवान श्रीराम ने अपना व्रत तोड़ा।

    एक अन्‍य कथा के अनुसार नि:संतान दम्‍पतियों के लिए इसी दिन रामेश्‍वर महादेव की पूजा और बाटी-चोखा का प्रसाद अत्यंत कल्‍याणकारी और फलदायक है।

     यहां मंदिर में नहुशेश्वर, द्यावा भुमीश्वर, लक्ष्मणेश्वर, पंच पालेश्वर, अग्निश्वर, भरतेश्वर, शत्रुघ्नेश्वर, दत्‍तात्रेय, राम लक्ष्मण जानकी, हनुमान, गणेश भगवान नरसिंह, काल भैरव, सूर्यदेव, साक्षी विनायक और माता तुलजा-दुर्गा भवानी की प्रस्तर प्रतिमा व अनेक लिंग और असंख्यात शिवलिंग स्‍थापित है। राधा-कृष्ण मंदिर में सत्संग चलता है। पास में ही झारखंडेश्वर महादेव, उत्कलेश्वर, रुद्राणी देवी के मंदिर में दर्शन होता है। जिससे कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और मनोकामना पूर्ण होती है।

     राधा-कृष्ण मंदिर के महंत राममूर्ति दास उर्फ मद्रासी बाबा व रामेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी आचार्य पं. अनूप तिवारी के अनुसार पर्व व त्योहार हमारी संस्कृति व संस्कार हैं जो हमें एकता, समरसता, भाई-चारे के सूत्र में जोड़ते हैं। यह मेला हमारी आस्था, विस्वास और पारस्परिक प्रेम का हिस्सा है जो समाज मे जोड़ने का संदेश देती हैं।

    पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने रामेश्वर मंदिर, घाट सहित मेला क्षेत्र का किया अवलोकन

    काशी क्षेत्र के सुप्रसिद्ध लोटा-भंटा मेला के कुशल रूप से संपन्‍न कराने के लिए पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सूर्यकांत त्रिपाठी, एडिशनल एसपी नीरज पांडेय व सीओ बड़ागांव अजय कुमार श्रीवास्तव ने एसओ जंसा, बड़ागांव व पुलिस बल के साथ स्थानीय प्रधानों, वालेंटियर संग पुलिस चौकी रामेश्‍वर में बैठक कर सुरक्षा के बाबत जानकारी ली और स्थलीय निरीक्षण किया। रामेश्वर मंदिर, घाट, बाजार सहित मेला क्षेत्र का भ्रमण किया। राधा-कृष्ण मंदिर के महंत राममूर्ति दास उर्फ मद्रासी बाबा, रामेश्वर महादेव मंदिर पुजारी पं. अनूप तिवारी, स्थानीय प्रधानों व स्वयंसेवकों से जानकारी ली।

     विभिन्न विभागों के कार्यों की प्रगति व व्यवस्था की समीक्षा की। एसओ जंसा चंद्रजीत कुमार, प्रभारी बड़ागांव अवधेश तिवारी व चौकी प्रभारी रामेश्वर मोहित वर्मा ने जानकारी दी। एसपी ग्रामीण ने देर रात से बड़े वाहनों के आवागमन बंद रखने, दो पहिया वाहनों का मेला क्षेत्र में प्रवेश पूर्ण रूप से बंद रखने, शोहदों, चेन स्नेचिंग पर कड़ी नजर रखने, रामेश्‍वर घाट व मंदिर पर पुरुष, महिला कांस्टेबल की तैनाती, ध्वनि विस्तारक द्वारा बराबर सूचनाएं प्रसारित करने, पेयजल, प्रकाश, स्वास्थ्य सेवाओं संग जल पुलिस की दुरुस्त व्यवस्था व मंदिर में सीसी कैमरे से निगरानी पर जोर दिया। विशाल मेले में हर लोगों के सहयोग के साथ सेवा भावना से योगदान पर चर्चा की।

    मेले के सकुशल संपन्‍न होने की कामना संग पुलिस अधिकारियों ने रामेश्वर मंदिर देवालय में मत्था टेका।

    प्रमुख रूप से महंत मद्रासी बाबा, पुजारी अन्नू तिवारी, प्रधान प्रतिनिधि रामप्रसाद, प्रधान जगापट्टी घनश्याम सिंह यादब, शशिकांत यादव, संजय यादव, स्वामीशंकर, विशाल गुप्ता, अनिल राम सहित कई लोग शामिल रहे।

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