Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोडीन सिरप कांड में फरार शुभम के खिलाफ लुकआउट नोटिस, करीबियों की 40 करोड़ की संपत्ति पर चलेगा बुलडोजर

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Tue, 23 Dec 2025 04:23 PM (IST)

    वाराणसी में कोडीन सिरप कांड के मुख्य आरोपी शुभम के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। पुलिस शुभम की तलाश कर रही है, और उसके करीबियों की लगभग 40 करोड ...और पढ़ें

    Hero Image

    पुल‍िस ने अब आरोप‍ित को व‍िदेश से वापस लाने के ल‍िए लुक आउट नोट‍िस जारी कर द‍िया है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। कोडीन युक्‍त प्रत‍िबंध‍ित कफ सीरप मामले में फरार चल रहे शुभम जायसवाल के ख‍िलाफ व‍िदेश से वापस लाने के ल‍िए लुक आउट नोट‍िस जारी कर दी गई है। इसके साथ ही उसके परिवार तथा करीबियों की लगभग 40 करोड़ रुपये की संपत्ति की पहचान की गई है जहां बुलडोजर की कार्रवाई की जा सकती है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह संपत्ति दो हजार करोड़ रुपये की कफ सीरप तस्करी मामले की जांच के दौरान चिह्नित की गई है। विशेष जांच दल (एसआइटी) द्वारा की जा रही इस जांच में तस्करी के पैसे से जमा की गई संपत्ति को जब्त करने और बुलडोजर चलाने की तैयारी की जा रही है। वहीं व‍िदेश से आने के बाद ही शुभम से पूछताछ के बाद पूरे ग‍िरोह के काम करने के तरीके का राज उजागर हो सकता है। 

    पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने सोमवार को जानकारी दी कि कफ सीरप तस्करी मामले में वाराणसी के कोतवाली, रामनगर, रोहनिया और सारनाथ थानों में केस दर्ज हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआइटी का गठन किया गया है। जांच में यह भी सामने आया है कि कफ सीरप को बांग्लादेश में तस्करी किया जा रहा था।

    पुलिस उपायुक्त काशी जोन और एसआइटी के अध्यक्ष गौरव बंसवाल ने बताया कि शुभम जायसवाल के अलावा वाराणसी के दिवेश जायसवाल उर्फ सानू, आकाश पाठक और अमित जायसवाल के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है। कमिश्नरेट पुलिस ने इस कार्रवाई के लिए ब्यूरो आफ इमिग्रेशन को प्रस्ताव भेजा था। लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद आरोपितों के विदेश भागने के सभी रास्ते निगरानी में रहेंगे।

    सूत्रों के अनुसार, शुभम जायसवाल वर्तमान में दुबई में छिपा हुआ है। चूंकि भारत और यूएई के बीच प्रत्यर्पण संधि है, इसलिए वह वहां से कहीं और भागने में असमर्थ होगा। दिवेश जायसवाल तस्करी में शामिल दवा कारोबारियों के खातों का संचालन करता था, जबकि अमित और आकाश लोगों को फर्जी फर्म बनाने के लिए तैयार करते थे।

    ब्यूरो आफ इमिग्रेशन भारत सरकार की एक एजेंसी है, जो गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करती है। इसका मुख्य कार्य देश में विदेशियों के प्रवेश, निकास, प्रवास और उनके पंजीकरण की निगरानी करना है। इसमें वीजा, यात्रा प्रतिबंधों की निगरानी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी विदेशी नागरिकों के बायोमीट्रिक डेटा का प्रबंधन शामिल है।

    इस मामले में एसआइटी की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है, और पुलिस ने तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है। शुभम और उसके सहयोगियों की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। माना जा रहा है क‍ि पुल‍िस और प्रशासन चर्च‍ित इस मामले में जल्‍द ही कड़ी कार्रवाई कर सकता है। 

    वाराणसी में कफ सीरप तस्करी के मामले में पुलिस और एसआइटी की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। यह कार्रवाई न केवल तस्करों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि समाज में इस प्रकार की अवैध गतिविधियों के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी है। आगे की कार्रवाई और जांच के परिणामों का सभी को इंतजार रहेगा, ताकि इस गंभीर अपराध में शामिल सभी व्यक्तियों को उचित सजा मिल सके।