Lok Sabha Election 2024: कठपुतलियों पर मतदाता जागरूकता की जिम्मेदारी
लोकतंत्र के सजग प्रहरी के तौर पर काशी के कठपुतली कलाकार मिथिलेश दुबे चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद ही सक्रिय हो गए हैं। इन दिनों वह भदोही प्रयागराज चित्रकूट महोबा बांदा हमीरपुर इटावा औरैया उरई उन्नाव कानपुर के बाद लखनऊ जैसी जगहों पर अपनी कठपुतलियों के साथ पहुंच मतदान की महत्ता की प्रेरणा लोगों में भर रहे हैं।

अभिषेक शर्मा, वाराणसी। जब टीबी और मोबाइल का जब दौर नहीं था तब किताबों-कहानियों-किस्सों बात कठपुतलियों के जरिये कहते थे। कठपुतलियां मनोरंजन और संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम हुआ करती थीं। ऐसे में अब कठपुतलियों ने जनजागरूकता का जिम्मा फिर से संभाला है।
लोकतंत्र के सजग प्रहरी के तौर पर काशी के कठपुतली कलाकार मिथिलेश दुबे चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद ही सक्रिय हो गए हैं। इन दिनों वह भदोही, प्रयागराज, चित्रकूट, महोबा, बांदा, हमीरपुर, इटावा, औरैया, उरई, उन्नाव, कानपुर के बाद लखनऊ जैसी जगहों पर अपनी कठपुतलियों के साथ पहुंच मतदान की महत्ता की प्रेरणा लोगों में भर रहे हैं।
बीते दिनों वाराणसी में विश्व कठपुतली दिवस पर कठपुतली नाटक वोट की ताकत, के मंचन से अभियान की शुरुआत भी कर चुके हैं। जागरूकता कहानियों को मंचित कर वह संदेश देते हैं कि वोट देश की तरक्की, उन्नति और खुशहाली के लिए होता है। मंचन के दौरान वह लोकतंत्र का प्राण वोट और सही व्यक्ति को देने की अपील ही नहीं बल्कि लालच, पैसा, प्रलोभन देने वाले व्यक्ति को वोट नहीं देने की जरूरत भी कठपुतलियों के जरिये रेखांकित करते हैं।
मतदान से देश के विकास की संकल्पना लिए मिथिलेश दुबे अपनी टीम के साथ चुनाव के दौरान जागरूकता अभियान के लिए समर्पित भाव से निकल चुके हैं। वह बताते हैं कि कठपुतली कला के मुरीदों की कमी नहीं है। पूर्व में भी वह चुनाव के समय मतदाताओं को जागरूक करते रहे हैं और गर्व से बताते हैं कि कठपुतलियों के लोकतंत्र की मजबूती के लिए बोल लोगों को प्रेरणा देते हैं।
वह बताते हैं कि मतदान के प्रति जागरूकता का दायरा बढ़ाने में लोककलाएं काफी मदद कर सकती हैं। वह इसे मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए शहरी और ग्रामीण इलाकों में बेहतर प्रयास मानते हैं, क्योंकि यह पुरनियों को प्रेरित करती हैं तो युवाओं को आश्चर्य के भावों से विभोर कर प्रेरणा से भी भरती हैं।
लोक से जुड़ी हुई परंपरा से मतदाता जागरूकता का यह कार्यक्रम बहुत ही अच्छा है। इससे कला भी संरक्षित होगी और नए व पुराने मतदाताओं के बीच अचा संदेश जाएगा। इसे हम वाराणसी में भी मतदाता जागरूकता के कार्यक्रम का हिसा बनाएंगे। - हिमांशु नागपाल, मुख्य विकास अधिकारी, वाराणसी
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