Dev Deepawali 2022 : अस्सी घाट पर 2000 शंखनुमा दीपकों की रोशनी का गंगा तट पर शंखनाद, पढ़ें...
Dev Deepawali वाराणसी में गंगा तट पर इस बार देव दीपावली के मौके पर शंखदीप में अस्सी घाट पर रोशनी की जाएगी। दो हजार ऐसे शंखदीपों की रोशनी से संपूर्ण क्षेत्र दैदीप्यमान रोशनी का शंखनाद करता नजर आएगा।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। light of 2000 conch shaped lamps at Assi Ghat : देव दीपावली के मौके पर जहां प्रशासन अपने बजट से दीपक और उसमें तेल बाती का खर्च दे रहा है वहीं अस्सी घाट पर विकास प्रजापति द्वारा डिजाइन किए गए शंखनुमा 2000 दीपक जलाने के लिए मुफ्त में उन्होंने उपलब्ध कराया है। बताया कि दो लाख रुपये कीमत के इन अनोखे शंख दीपों के जलने से अनोखा नजारा लोगों को अस्सी घाट पर देखने को मिलेगा।
काशी में इस बार देव दीपावली पर शंख रूपी अनोखा दीया बनाया है। खास बात यह है कि यह दीये अपनी रोशनी से शंखनाद करते लोगों को नजर आएगा। इसे तैयार करने वाले रोहनिया में परमानंदपुर निवासी विकास प्रजापति बताते हैं कि यह चार महीने में तैयार किया गया है। हर पीस की कीमत सौ रुपये है और दो हजार दीपकों की कीमत करीब दो लाख रुपये है जिसे उन्होंने मुफ्त में जलाने के लिए उपलब्ध कराया है।
यह है दीये की खासियत
दीये की खासियत यह है कि यह दीया हुबहू शंख की तरह बनाया गया है। इस शंख को पलटने के बाद भी तेल कहीं से नहीं गिरता है। इसे बनाने वाले विकास ने बताया कि इसमें किसी प्रकार का कैंप नहीं लगाया गया है। बल्कि इसकी कलाकृति बेहद बारीक तरीके से की गई है जो इसे अद्भुत बना रही है। उन्होंने बताया कि इस दीये के पहले पीस को बनाने में उन्हें लगभग चार महीने लगे हैं। इसके बाद उन्होंने दूसरे दीये को बनाकर ट्रायल किया। अब यह आसानी से इसे बना ले रहे हैं। विकास इस अनोखे शंख का आविष्कार करने वाले पहले कुम्हार हैं।
दो हजार दीयों से रोशन होंगे घाट
कुम्हार विकास प्रजापति बताते हैं कि देव दीपावली पर उनका परिवार इस शंख रूपी दीये में रंग भर चुका है। 7 नवंबर को दो हजार की संख्या में यह दीया अस्सी घाट पर सजाया जाएगा। जो खास आकर्षण का केंद्र होगा। उन्होंने बताया कि इन दीयों को घाट पर लगाने का दो मुख्य उद्देश्य है। पहला तो यह है कि हम अपना योगदान इस महोत्सव में दे पा रहे हैं। दूसरा इसके जरिए लोग इन दीयों के बारे में जान सकेंगे। जिससे अगले बार लोग इसे खरीदेंगे। उन्होंने बताया कि बाजार में इन दीयों की कीमत 100 रुपये प्रति पीस होगी।
तीन पीढ़ियों से कर रहे दीयों का काम
एक दिन में तैयार हो रहे 25 दीये इन दीयों को बनाने में काफी समय लगता है। पांच लोग मिलकर एक दिन में सिर्फ 25 दीये बना पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे में पिछले दो हफ्तों में अब तक लगभग 2,000 हजार की संख्या में दीये तैयार हो पाए हैं। जिन्हें वह घाट पर अपनी तरफ से लगाएंगे। विकास के पिता बताते हैं कि उनकी तीन पीढ़ियां इस पुश्तैनी काम को कर रही हैं। उनके यहां की युवा पीढ़ी भी इस काम में लगी हुई है। विकास उनके पीढ़ी के पहले ऐसे युवा हैं जो अलग - अलग तरीके की आकृति को तैयार कर रहे है। इनकी कलाकृति की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं। इसके लिए उनको पुरस्कृत किया जा चुका है।
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