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    आजमगढ़ में सीपू हत्याकांड के 7 आरोपितों को आजीवन कारावास, 2013 को हुई थी पूर्व विधायक समेत दो की हत्या

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Tue, 17 May 2022 02:34 PM (IST)

    Sipu murder case in Azamgarh पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू हत्याकांड के मुकदमे में अदालत ने मंगलवार को माफिया ध्रुव कुमार सिंह कुंटू समेत सात आरोपितों को आजीवन कारावास व 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

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    आजमगढ़ : पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू, जिनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

    आजमगढ़, जागरण संवाददाता : पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू हत्याकांड के मुकदमे में अदालत ने मंगलवार को माफिया ध्रुव कुमार सिंह कुंटू समेत सात आरोपितों को आजीवन कारावास व 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। इसमें कुंटू को कासगंज जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर सजा की जानकारी दी गई।

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    पूर्व विधायक समेत दो लोगों की 19 जुलाई 2013 की सुबह जीयनपुर कस्बे में गोली मारकर हत्या के मामले में सुनवाई पूरी करते हुए अदालत ने 10 मई को नौ आरोपितों को दोषसिद्ध करार दिया था।इसमें बयान मुल्जिम के बाद मोहम्मद रिजवान और विजय यादव के फरार होने के कारण अदालत ने उनकी पत्रावलि अलग कर दी, जबकि बयान मुल्जिम के समय अरविंद कश्यप तथा अभिषेक सिंह की फाइल पहले ही अलग कर दी गई थी।

    यह फैसला विशेष सत्र न्यायाधीश गैंगस्टर कोर्ट रामानंद ने मंगलवार को सुनाया।अभियोजन के अनुसार जीयनपुर बाजार में पूर्व विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सीपू तथा रौनापार थाना क्षेत्र के मऊ कुतुबपुर निवासी भरत राय की जीयनपुर कस्बे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

    इस मामले में जीयनपुर पुलिस ने जांच प्रारंभ की तथा ध्रुव सिंह समेत ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू समेत 11 आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया था। इसी दौरान शासन के निर्देश पर सीबीआइ ने भी मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। सीबीआइ ने पुलिस की जांच को आगे बढ़ाते हुए दो अन्य आरोपितों दुर्ग विजय तथा शिव प्रकाश का नाम जोड़ते हुए कुल 13 आरोपितों ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू, संग्राम सिंह, मोहम्मद रिजवान,अरविंद कश्यप, विजय यादव, अभिषेक सिंह, शिव प्रकाश उर्फ प्रकाश यादव, राजेंद्र यादव, रामप्रवेश, मृत्युंजय, दिनेश, कन्हैया उर्फ गिरधारी के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया। एक आरोपित रामप्रवेश उर्फ बिट्टू के नाबालिग होने के कारण उसकी पत्रावली अलग कर के किशोर न्यायालय बोर्ड भेज दी गई, जबकि एक अन्य आरोपित कन्हैया उर्फ गिरधारी को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया।

    मुकदमे के अंतिम चरण में बयान मुलजिम के समय अरविंद कश्यप तथा अभिषेक सिंह फरार हो गए, जबकि मोहम्मद रिजवान व विजय यादव बयान मुल्जिम के बाद फरार हो गए।

    अभियोजन पक्ष की तरफ से संतोष सिंह उर्फ टीपू, यशवंत सिंह उर्फ गप्पू सिंह तथा वंदना सिंह समेत 21 गवाहों को परीक्षित कराया गया। अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए सात आरोपित ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू, मृत्युंजय सिंह, दिनेश, शिव प्रकाश उर्फ प्रकाश, राजेंद्र यादव, संग्राम सिंह, दुर्गविजय को आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई।

    अभियोजन पक्ष की तरफ से सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक दीप नारायण, एडीजीसी क्रिमिनल प्रमोद पांडेय, विशेष लोक अभियोजक संजय द्विवेदी, विनय मिश्रा, वादी के अधिवक्ता लाल बहादुर सिंह, स्वामीनाथ यादव, वंश गोपाल सिंह, रवि राय, संतोष सिंह ने पैरवी की।