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    ब‍िना ज्‍योत‍िषी स्वयं जान सकेंगे व्रत पर्वों का मुहूर्त, शास्त्रार्थ महाविद्यालय देगा प्रशिक्षण

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 06:30 PM (IST)

    वाराणसी के शास्त्रार्थ संस्कृत महाविद्यालय ने एक अनूठी पहल की है। अब आम लोग भी पंचांग देखकर व्रत-पर्वों की तिथियां और मुहूर्त जान सकेंगे। महाविद्यालय इसके लिए पांच दिवसीय शिविर का आयोजन करेगा। इस प्रशिक्षण से दीपावली जैसे पर्वों पर होने वाले तिथि संबंधी भ्रम दूर होंगे और लोग स्वयं सही तिथि का निर्धारण कर पाएंगे।

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    पंचांग देखकर व्रत-पर्वों की तिथि व मुहूर्त का पता लगा सकते हैं।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। अब किसी व्रत पर्व के लिए आपको किसी विद्वान ज्योतिषी की राह नहीं देखनी, पता नहीं पूछना। आप स्वयं पंचांग देखकर व्रत-पर्वों की तिथि व मुहूर्त का पता लगा सकते हैं।

    जन सामान्य स्वयं पंचांग देखकर मुहूर्त का ज्ञान कर सकें, इसके लिए बीड़ा उठाया है काशी के दशाश्वमेध स्थित शास्त्रार्थ संस्कृत महाविद्यालय ने। महाविद्यालय ने आमजन को आसानी से पंचांग देखने की विधि सिखाने का निर्णय लिया है। इसके लिए महाविद्यालय में पांच दिवसीय शिविर का आयोजन किया जाएगा। शिविर का पहला चरण नौ अक्टूबर गुरुवार से आरंभ होगा।

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    महाविद्यालय के प्राचार्य डा. पवन कुमार शुक्ल ने बताया कि अनेक बार ऐसा होता है जब हिंदू व्रत-पर्वों को लेकर तिथि एवं मुहूर्त संबंधित असमंजस सामने आते हैं। विगत कई वर्षों से दीपावली, देव दीपावली, होली, रक्षाबंधन आदि पर्वाें को लेकर इस तरह की अनिश्चितता सामने आई है।

    ऐसा पंचांगों में भिन्नता, परंपरागत तिथि को ही वास्तविक मान लेने या फिर किसी गणना त्रुटि के कारण होता है। इस बार भी दीपावली पर्व को लेकर कतिपय पंचांगों में वर्णित गलत तिथि से भ्रम की स्थिति बनी, जिसका निराकरण श्रीकाशी विद्वत परिषद ने किया।

    ऐसे में लोग स्वयं पंचांग देखना सीखकर व्रत-पर्वों की तिथि एवं मुहूर्त का निर्धारण कर सकें, शास्त्रार्थ महाविद्यालय ने इस विधा को सुगम बनाकर जनसामान्य तक पहुंचाने का निर्णय लिया है। समय-समय पर इस तरह के शिविर के आयोजन किए जाएंगे जिनमें विद्यार्थी से लेकर सामान्य जन तक को पंचांग देखने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

    इससे समाज में व्रत-पर्वों की तिथि को लेकर असमंजस और ऊहापोह की उत्पन्न होने वाली स्थिति का निराकरण किया जा सकेगा, साथ ही तिथि अनिश्चितता को लेकर लोगों में उत्पन्न होने वाले नकारात्मक भाव का भी शमन किया जा सकेगा।