जलसंरक्षण में रोड़ा : कभी राजा-रानी का तालाब आज हुआ दबंग भू-माफियाओं का
किसी तालाब को राजा ने बनवाया तो किसी को रानी ने कहीं गृहस्थ या विधवा ने तो कहीं साधु-संतों ने तालाब बनवाए।
वाराणसी, जेएनएन। किसी तालाब को राजा ने बनवाया तो किसी को रानी ने। कहीं गृहस्थ या विधवा ने तो कहीं साधु-संतों ने तालाब बनवाए। ऐसे तालाब सदियों तक समाज के लिए उपयोगी होने के साथ महाराजा या महात्मा के तालाब कहलाए। आज बहुत से तालाब भू-माफिया या दबंगों द्वारा कब्जे के रूप में जाने जाने लगे हैं। परिणामस्वरूप लोग जल की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए दैनिक जागरण ने सात दिवसीय अभियान 'सहेज लो बूंद' शुरू किया है। पेश है दूसरी किस्त..-
नगर में तालाब और कुंड की पूरी श्रृंखला रही है। ग्रामीण क्षेत्र का तो तालाबों से बहुत ही गहरा रिश्ता रहा है। रानी का तालाब, संत महात्माओं के नाम पर बहुत से तालाब आज भी मिल जाते हैं। नगर में राजा मोताचंद द्वारा निर्मित मोती झील तालाब के नाम पर पूरे इलाके का ही नाम है। यह तालाब कई किलोमीटर क्षेत्र को रिचार्ज करता था। शहर और गांव के कुछ तालाब तो आज भी अपने अस्तित्व को बचाएं हैं। इसके विपरीत बढ़ती जनसंख्या और जमीनों की बढ़ती कीमतों ने तालाबों पर कब्जा करना भू-माफियाओं और दबंगों का सबसे आसान शगल बना दिया है। इतना ही नहीं गृहस्थ और गरीब भी कब्जा करने में पीछे नही रहे। जीवनदायक तालाब खुद अपने अस्तित्व के लिए संघर्षरत हैं।
पानी नहीं होने के कारण कब्जे का शिकार अहिरानी तालाब : विकास खंड बड़ागांव के ग्रामसभा नथईपुर के राजस्व गांव अहिरानी में स्थित तालाब काफी वर्ष से सूखा पड़ा होने के कारण कई तरफ से अवैध कब्जे का शिकार है। किनारे से किसान उस पर काट और पाट कर कब्जा कर रहे हैं। कई बीघे में फैले इस तालाब की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ग्रामीण बताते हैं कि पहले शारदा सहायक नहर से रजवाहा से तालाब में पानी भरा जाता था। वर्षो से रजवाहा से तालाब में पानी भी नहीं जा रहा है। इस कारण किसानों के साथ पशु-पक्षी के लिए लाभकारी तालाब निष्प्रयोज्य हो गया है। आसपास के किसानों द्वारा तालाब पर कब्जा करने की शिकायत गाव वालों ने कई बार तहसील पिंडरा में की लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्मार्ट सिटी योजना में नदेसर तालाब का होगा सुंदरीकरण नगर निगम ने नदेसर तालाब के सुंदरीकरण का खांका खींच लिया है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत इस तालाब को नवजीवन दिया जाएगा। तालाब के चहुंओर घाट बनेगा। तालाब के अंदर सिल्ट सफाई के साथ ही पानी भरने का काम किया जाएगा। इसके अलावा तालाब के किनारे हेरिटेज लाइटें लगाई जाएंगी। इतना ही नहीं तालाब के किनारे ही वेंडिंग जोन बनाकर लोगों के खाने-पीने की उत्तम व्यवस्था भी होगी।
तालाब किनारे से गुजरी सड़क को टू-लेन किया जाएगा ताकि आवागमन आसानी से हो सके। योजना के मुताबिक तालाब किनारे पिकनिक स्पॉट बनाया जाएगा ताकि सुबह व शाम को इलाका गुलजार हो और बहुत से लोग रोजगार से भी जुड़ सकें। मोती झील में भरें पानी तो लौटे पुराना वैभव नगर का पॉश इलाका महमूरगंज जहां पर बड़े क्षेत्रफल में मोती झील का दायरा है। इस झील का वैभव शाही अंदाज को दर्शाता है। कभी झील में नौका विहार का आनंद लिया जाता था। किनारे नक्काशी वाले चबूतरे बने हैं जिसे देखकर राजा-रजवाड़ों की याद आ जाती है। वर्तमान में यह झील अतिक्रमण व उपेक्षा की शिकार है। झील पूरी तरह सूख गई है। बच्चे उसमें खेल-कूद रहे हैं। कुछ लोग उसमें कब्जा करने में जुटे हैं। नगर निगम मानो इस झील उपेक्षा कर दी है। स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की है। कब्जा खाली कराकर पानी भरने की मांग की है लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं हुई। उम्मीद है कि बारिश हो तो झील भर जाए।
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