Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लोकसभा चुनाव 2019 - छह बार लोकसभा व विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं 'मृतक '

    By Vandana SinghEdited By:
    Updated: Fri, 12 Apr 2019 01:37 PM (IST)

    आजमगढ़ के विधानसभा क्षेत्र मुबारकपुर के अमिलो गांव निवासी निवासी लाल बिहारी मृतकÓ को 30 जुलाई 1976 में कागजों में मृत घोषित कर दिया गया। कार्यालयों का ...और पढ़ें

    Hero Image
    लोकसभा चुनाव 2019 - छह बार लोकसभा व विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं 'मृतक '

    आजमगढ़, जेएनएन। जिंदा रहते हुए भी कागजों में मृत घोषित कर दिया गया। तहसील व जिला प्रशासन को कौन कहे, केंद्र व प्रदेश की सरकार के अलावा जनप्रतिनिधियों तक का दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। 'मरता क्या न करता की कहावत को चरितार्थ किया मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल बिहारी 'मृतकÓ ने। उसके बाद तो कागजों में मृत घोषित लोगों के मौलिक अधिकारों की पहचान के लिए तीन बार लोकसभा चुनाव और तीन बार विधानसभा चुनाव लड़े। 'मृतकÓ की मानें तो उन्हें पता था कि वे जिस व्यक्ति के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं उनसे जीतेंगे नहीं लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान लोग यह तो जान ही जाएंगे कि विभागीय मिलीभगत से जिंदा रहते हुए लोगों को मृतक घोषित कर दिया जा रहा है और न्याय कहीं से नहीं मिल रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आजमगढ़ के विधानसभा क्षेत्र मुबारकपुर के अमिलो गांव निवासी निवासी लाल बिहारी 'मृतकÓ को 30 जुलाई 1976 में कागजों में मृत घोषित कर दिया गया। कार्यालयों का चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो गए। उसके बाद तो उन्होंने अपनी बात रखने का दूसरा और नायाब तरीका तलाश किया। नौ सितंबर 1986 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वीपी सिंह के कार्यकाल में विधानसभा में अपनी बात लिखा पर्चा का गोला बनाकर फेंका। मार्शल ने चार-पांच घंटे बाद छोड़ा। इसके बाद तो लालबिहारी ने अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लडऩे की ठान ली।

    लालबिहारी 'मृतक ' ने कब-कब लड़े चुनाव

    लालबिहारी ने फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन के इस्तीफे के बाद 1988 में इलाहाबाद सीट से वीपी सिंह के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा।  1989 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से राजीव गांधी के मुकाबले नामांकन किया था। 2004 में आजमगढ़ के लोकसभा क्षेत्र लालगंज (सुरक्षित) से भी चुनाव लड़ा। इसके अलावा आजमगढ़ के ही मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से 1991, 2002 और 2007 में भी चुनाव लड़ चुके हैं।

    अब तक कइयों को करा चुके हैं जिंदा

    बहरहाल, 30 जून 1994 को अभिलेखों में जिंदा होने के बाद लालबिहारी ने मृतक संघ की स्थापना की। अब तक धोखाधड़ी के शिकार हुए काफी संख्या में पीडि़तों को अभिलेखों में जिंदा करा चुके हैं।