जानिए कौन हैं लता मंगेशकर की बहन उषा मंगेशकर जिन्होंने अस्थिकलश काशी में आकर गंगा में किया विसर्जित
जय संतोषी मां के गानों को याद करते ही बरबस उषा मंगेशकर की छवि सामने आ जाती है। उषा मंगेशकर लता मंगेशकर की छोटी बहन भी हैं। वह काशी में गंगा में वह अपनी दीदी का अस्थिकलश विसर्जित करने पहुंचीं थीं।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। 28 सितंबर 1929 को इंदौर में लता मंगेशकर का जन्म सिख मोहल्ला में रहने वाले मध्यमवर्गीय पंडित दीनानाथ मंगेशकर के घर हुआ। लताजी भाई-बहनों में सबसे बड़ी और सबसे समझदार थीं। लता मंगेशकर के साथ भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनें उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले का भी बचपन संघर्ष के साथ बीता। बाद के वर्षों में लता और उनका परिवार मुंबई चला आया।
पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर महाराष्ट्र के कोल्हापुर के पास सांगली में नाटक कंपनी चलाते थे, जिसे बंद करने के बाद उन्होंने एक फिल्म कंपनी भी बनाई और बाद में वे इंदौर चले आए। उसी समय लता मंगेशकर का जन्म हुआ था। लता पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे, इस वजह से परिवार में संगीतनुमा माहौल था। इंदौर में उन्होंने अपने पिता से गाना सीखना और अभिनय करना शुरू कर दिया था। जब लता महज 13 साल थीं, तभी उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर का निधन हुआ तो परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। इस घटना के बाद लता अपने भाई बहनों को पालने के लिए सिनेमा जगत में सक्रिय हो गईं। उन्होंने परिवार को संभालने की जिम्मेदारी निभाई तो उनके अंतिम समय तक बरकरा रहा। बड़ी बहन लता के अलावा भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनें उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले भी परिवार में हैं।
उषा मंगेशकर छोटी बहन होने के नाते लता के काफी करीब थीं और उनको प्रिय भी थीं। लिहाजा अपनी बड़ी बहन के लिए सभी रस्मों और रिवाजों को निभाने के अलावा उनकी सभी जरूरतों के लिए सजग भी रहती थीं। जब वह मंगलवार को वाराणसी में अस्थिकलश को गंगा में प्रवाहित करने आईं तो उन्होंने पूरी तन्मयता के साथ परंपराओं का निर्वहन किया और अपनी बड़ी बहन के मोक्ष और शांति की कामना भी की।
फिल्मों में लता की तरह वह अपनी जगह तो नहीं बना पाईं मगर जय संतोषी मां के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका के लिए पुरस्कार मिल चुका है। जय संतोषी मां (1975) के गीत "मैं तो आरती उतारूं" के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुकी हैं। इन्कार फिल्म के गीत "मंगता है तो आजा" के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुकी हैं। इकरार के गीत "हमसे नज़र तो मिलाओ" के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए भी वह नामांकित हो चुकी हैं। वहीं सुबा का तारा (1952), जय संतोषी मां (1975), आज़ाद (1955), खट्टा मीठा (1978), तराना (1979), डिस्को डांसर (1981), चित्रलेखा (1964), इंकार (1978) नसीब (1980), खूबसूरत (1980), काला पत्थर (1979), ब्लफ़ मास्टर (1964) सहित कई फिल्मों में पार्श्व गायन किया है।
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