Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Varanasi: दहशत के ढाई घंटे ...चाकू के नोक पर बदमाशों ने बच्ची को बनाया बंदी, फिर रिश्तेदार बनकर पहुंची पुलिस

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Mon, 21 Aug 2023 10:56 AM (IST)

    Varanasi Crime News बदमाशों की चंगुल में फंसी जान से प्यारी बेटी मैत्री के मुक्त होने तक का एक-एक पल मां सोनी के लिए बहुत भारी था। बेटी की जान मुश्किल में देख उन्होंने साहस दिखाया और बदमाशों से बातचीत करती रहीं। बच्ची को छोड़ने की कीमत दोनों बदमाश विक्सी उर्फ विश्वजीत गोंड और मनीष उर्फ प्रिंस पासवान दस लाख रुपये मांग रहे थे।

    Hero Image
    Varanasi: दहशत के ढाई घंटे ...चाकू के नोक पर बदमाशों ने बच्ची को बनाया बंदी, फिर रिश्तेदार बनकर पहुंची पुलिस

    जागरण संवाददाता, वाराणसी : (Varanasi News) बदमाशों की चंगुल में फंसी जान से प्यारी बेटी मैत्री के मुक्त होने तक का एक-एक पल मां सोनी के लिए बहुत भारी था। बेटी की जान मुश्किल में देख उन्होंने साहस दिखाया और बदमाशों से बातचीत करती रहीं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बच्ची को छोड़ने की कीमत दोनों बदमाश विक्सी उर्फ विश्वजीत गोंड और मनीष उर्फ प्रिंस पासवान दस लाख रुपये मांग रहे थे। सोनी ने कहा कि अभी तो घर में इतने रुपये नहीं है। पांच लाख रुपये ले लो और मेरी बच्ची को छोड़ दो। बदमाश धनराशि ऊपर-नीचे करने में ऐसा उलझे कि वक्त का ध्यान ही नहीं रहा और पुलिस के शिकंजे में जा फंसे।

    घर में घुसकर बदमाशों ने बनाया बंधक

    रविवार दोपहर एक बजे जब बदमाश घर में घुसे और चाकू की नोक पर मैत्री को बंधक बनाया तो दादा भाई लाल उनके चंगुल से छूटकर घर से बाहर भागने में सफल हो गए। उस समय प्राथमिक विद्यालय में टीचर मैत्री की मां सोनी, पिता अनुपम गौतम, दादी विद्यारानी समेत आठ लोग घर की दूसरी मंजिल पर थे।

    भाई लाल की चीख-पुकार सुनकर परिवार के लोग दौड़े तो सच्चाई जानकर सबके पैरों तले जमीन खिसक गई। उधर, बदमाश पैसे नहीं मिलने पर बच्ची की जान लेने की धमकी दे रहे थे। इसलिए किसी को समझ नहीं आ रहा था कि करें भी तो क्या? ऐसे में सोनी नीचे आईं, बोली खाली हाथ हूं, बच्ची को दूध दे दूं, मुझे भी कमरे में अंदर आने दो।

    वह अंदर गईं तो बदमाशों से बात कर उनकी मांग के बारे में पूछा। दस लाख रुपये घर में नहीं होने की बात कहकर उन्हें कम पैसे लेने की बात कहने लगीं। बदमाश भरोसे में आए तो पानी मंगाकर पिया। इस दौरान डीआइजी एस चिनप्पा ने एसीपी अतुल अंजान त्रिपाठी को रिश्तेदार बनकर बदमाशों के पास जाने को कहा। बदमाश पुलिस की यह चाल भांप नहीं पाए और वे दबोच लिए गए।

    • 1:00 बजे दिन में बदमाश घर में घुसे।
    • 1:05 बजे दादा चीखते घर से बाहर भागे।
    • 1:20 बजे डायल 112 को सूचना दी गई।
    • 1:35 बजे डायल 112 पुलिस पहुंची।
    • 1:50 बजे शिवपुर पुलिस पहुंची।
    • 2:30 बजे एसीपी अतुल अंजान।
    • 2:35 एडीसीपी मनीष शांडिल्य पहुंचे।
    • 2:50 बजे डीसीपी अमित कुमार पहुंचे।
    • 2:55 बजे डीआइजी एस चिनप्पा। 3:39 बजे बिटिया मुक्त हुई।
    • 3:50 बजे पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन पहुंचे।

    नोट : समय में थोड़ा अंतर हो सकता है।