वाराणसी में मार्च तक बेसहारा पशुओं से पूरी तरह मुक्त होगी काशी, निजी क्षेत्र के गोशाला भी होंगे अब पंजीकृत
सड़कों पर आए दिन पशुओं की मौत व गोशालाओं में सही ढंग से देखरेख न होने को लेकर शासन गंभीर हो गया है। अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दुबे ने बुधवार को पशुपालन ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, वाराणसी : सड़कों पर आए दिन पशुओं की मौत व गोशालाओं में सही ढंग से देखरेख न होने को लेकर शासन गंभीर हो गया है। अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दुबे ने बुधवार को पशुपालन व मत्स्य विभाग की समीक्षा की।
वाराणसी नगरीय क्षेत्र में चार गोशाला होने पर चिंता व्यक्त करते हुए पशु चिकित्साधिकारी को इसकी संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। कहा कि अपंजीकृत गोशाला को पंजीकृत कराया जाए। सतुआ बाबा, मानव गौरव संस्थान के गोशालाओं को भी शीघ्र फार्म भरा कर शासन को भेजे जाने का निर्देश दिया। कहा कि मार्च तक कोई भी छुट्टा पशु सड़कों पर विचरण नहीं करना चाहिए। मार्च तक वाराणसी को पूरी तरह मुक्त बेसहारा पशु विहीन जिला बनाया जाए।
अपर मुख्य सचिव पशुधन, मत्स्य व डेरी सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि 10 नए गोशालाओं के लिए स्थान चिह्नित कराएं। गोशालाओं की भूमि पर नेपियर घास लगाए जाने पर बल दिया।
उन्होंने आगामी निकाय चुनाव के दौरान पशुपालन विभाग के अधिकारियों की चुनाव में ड्यूटी न लगाए जाने के लिए अनुरोध पत्र भेजे जाने हेतु उपनिदेशक पशुपालन को निर्देशित किया। ताकि पशुओं का इलाज एवं रोगों की रोकथाम का कार्य प्रभावित न होने पाए। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की समीक्षा के दौरान दुग्ध विकास निगम के जीएम के अनुपस्थित रहने पर उन्होंने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए उनके विरुद्ध विरुद्ध शासन को पत्र भेजने की बात कही।
सजावटी मछली पालन उद्यम की समीक्षा के दौरान उन्होंने सार्क एवं कार्प मछली बढ़ाए जाने का निर्देश दिया। कहा कि दुकानों की संख्या बढ़ाई जाए। अपर मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान पहुंची काशी सोसाइटी की महिलाओं से वार्ता की। मत्स्य उद्यम में कार्य के लिए स्थान मांगे जाने पर उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को इस संबंध में शीघ्र कार्रवाई किए जाने का निर्देश दिया।
रंग ला रही जागरण की पहल
जिले के गोआश्रय केंद्रों की स्थिति लेकर जागरण निरंतर अभियान चलाकर प्रशासन को सतर्क करता रहा है। इसी क्रम में आठ अक्टूबर, 2022 के अंक में 'गो आश्रय केंद्र में सात मरे पशुओं को नोच रहे कौए-कुत्ते' शीर्षक से खबर प्रकाशित की। प्रशासन ने तत्काल संज्ञान में लिया। सीडीओ हिमांशु नागपाल ने तत्काल तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर जांच करायी व वीडीओ को निलंबित करते हुए पशु चिकित्साधिकारी, बीडीओ व ग्राम प्रधान को चेतावनी पत्र जारी किया।
अब पशुआश्रय केंद्रों की जमीन पर लगेंगे बीजी प्लांट व नेपियर घास
पशुओं की देखरेख को लेकर वर्तमान में प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह सतर्क दिख रही है। इसी क्रम में अब पशुआश्रय स्थल की जमीन पर बायो गैस (बीजी) प्लांट लगाने की तैयारी है। पशुआश्रय स्थलों की रिपोर्ट मांगी गई है।
बताया जा रहा है कि जहां भी जमीन पर्याप्त होगी प्लांट स्थापित किया जाएगा। इससे पशुआश्रय स्थल को बिजली मिलेगी वहीं आसपास के दो दर्जन घरों में पाइप लाइन से गैस की आपूर्ति व रोशनी की भी व्यवस्था होगी। इसी के साथ ही गोआश्रय स्थल की जमीन पर नेपियर घास लगाने की भी आदेश हुए हैं ताकि बेसहारा पशुओं को हारा चारा भी मिल सके।

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