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    Kashi Vishwanath Dham : मंदिर दर्शन में तय होगी वीआइपी की श्रेणी, प्रोटोकाल की व्यवस्था न्यास परिषद के जिम्मे

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Sun, 28 Aug 2022 10:29 PM (IST)

    श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में अब वीआइपी प्रोटोकाल की व्यवस्था न्यास परिषद के जिम्मे होगी। इसमें स्क्रीनिंग करते हुए वीआइपी की श्रेणी तय की जाएगी। उसके अनुसार ही निर्णय लिया जाएगा कि किसे किस स्तर तक का प्रोटोकाल दिया जाए और किसे सुगम दर्शन के लिए संदर्भित कर दिया जाए।

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    श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में अब वीआइपी प्रोटोकाल की व्यवस्था न्यास परिषद के जिम्मे होगी।

    वाराणसी, जागरण संवाददाता : श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में अब वीआइपी प्रोटोकाल की व्यवस्था न्यास परिषद के जिम्मे होगी। इसमें स्क्रीनिंग करते हुए वीआइपी की श्रेणी तय की जाएगी। उसके अनुसार ही निर्णय लिया जाएगा कि किसे किस स्तर तक का प्रोटोकाल दिया जाए और किसे सुगम दर्शन के लिए संदर्भित कर दिया जाए।

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    इस संबंध में शनिवार को मंडलायुक्त सभागार में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन समेत सुरक्षा इकाइयों की बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि वीआइपी के लिए अलग रास्ता विकसित किया जाए और सख्ती से उसका पालन कराया जाए ताकि श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो।

    बैठक में मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, मंदिर सीईओ डा. सुनील कुमार वर्मा के साथ ही पुलिस, पीएसी व सीआरपीएफ के अधिकारी थे। वास्तव में वीआइपी को लेकर मंदिर में अक्सर असहज स्थिति बन रही है। इसे लेकर मंदिर कर्मचारियों व पुलिस-सीआरपीएफ के साथ भिड़ंत तक भी हो चुकी है। न्यास की पिछली बैठक में भी प्रोटोकाल व्यवस्था न्यास के अधीन करने का निर्णय लिया गया था।

    श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का नव्य-भव्य स्वरूप सामने आने के बाद पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार सिर्फ जुलाई में ही 39 लाख सैलानी बनारस आ गए। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में ही नए साल पर दो दिन में 5.50 लाख लोग आए तो सावन में दर्शनार्थियों का आंकड़ा एक करोड़ छू गया। रक्षाबंधन से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तक के अवकाश में 12 दिन शहर के सभी होटल फुल थे। सप्ताहांत पर भी यही हाल हो रहा है। खास यह कि काशी आने वाले पर्यटकों में विश्वनाथ मंदिर के बाद सर्वाधिक सारनाथ जाते हैं। वहां म्यूजियम, लाइट एंड साउंड शो के साथ ही मान महल, लालखां रौजा आदि भी देखने जाते हैं। यूनिफाइड टूरिस्ट पास सिस्टम में सभी को समाहित किया जाएगा। इससे काशी विश्वनाथ मंदिर में आरती-अनुष्ठान, सुगम दर्शन, क्रूज, पार्किंग व इलेक्ट्रिक बसों के शुल्क को भी एकीकृत किया जाएगा। इसे सैलानी सुविधानुसार एक साथ बुक कर सकेंगे। इसे लेकर पिछले दिनों स्मार्ट सिटी कंपनी की वीडीए, पर्यटन विभाग, काशी विश्वनाथ धाम, अलकनंदा क्रूज समेत पर्यटन संबंधित विभागों-संस्थाओं के साथ बैठक भी हो चुकी है। माना जा रहा है दस सितंबर तक कंसल्टेंट चयन की प्रक्रिया पूरी होते ही इस दिशा में कदम आगे बढ़ा दिए जाएंगे।