काशी-विंध्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण का मुख्यालय होगा वाराणसी, अध्यक्ष और सचिव सहित दायित्व तय, जान लें पूरी व्यवस्था के बारे में
कैबिनेट की मंजूरी के बाद काशी-विंध्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण के गठन की अधिसूचना जारी कर दी गई है। प्राधिकरण का मुख्यालय वाराणसी में होगा और इसके अध् ...और पढ़ें

प्राधिकरण के गठन से क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद मंगलवार को काशी-विंध्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (क्षेविप्रा) के गठन की अधिसूचना जारी कर दी गई है। वाराणसी मंडल के अंतर्गत वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर और विंध्य मंडल के मीरजापुर, सोनभद्र तथा भदोही को अब काशी विंध्य क्षेत्र के रूप में जाना जाएगा।
महादेव की नगरी काशी और शक्ति उपासना के तीर्थ स्थल विंध्य धाम मंडल के समग्र विकास के लिए इस प्राधिकरण का गठन किया गया है। प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे, जबकि इसका मुख्यालय वाराणसी में स्थापित किया जाएगा।
उपाध्यक्ष की भूमिका में मुख्य सचिव कार्य करेंगे और मंडलायुक्त वाराणसी को सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। मंडलायुक्त एस राजलिंगम काशी-विंध्य क्षेत्र के पहले सचिव के रूप में प्राधिकरण के कार्यों को मूर्तरूप देंगे। प्राधिकरण के जिम्मे काशी विंध्य क्षेत्र के 23916 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के समग्र विकास की जिम्मेदारी होगी। इस संदर्भ में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को सदस्य बनाया गया है।
इसके अतिरिक्त, वित्त, न्याय, नियोजन, नगर विकास, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, नमामि गंगे, लोक निर्माण, पर्यटन, वन, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, कृषि, सिंचाई और परिवहन विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, इन सभी सात जिलों के डीएम और वाराणसी विकास प्राधिकरण तथा मीरजापुर विंध्याचल विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।
प्राधिकरण के गठन से क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी। दोनों मंडलों के सातों जिले संसाधन संपन्न हैं। अधिसूचना जारी हो चुकी है और कार्य को कैसे मूर्तरूप दिया जाना है, इसकी रूपरेखा सामने आते ही कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
मंडलायुक्त एस राजलिंगम ने कहा कि प्राधिकरण के लिए मुख्य कार्यपालक अधिकारी की भी तैनाती की जाएगी, जो प्रमुख सचिव के रैंक का होगा। जब तक इस पर किसी की तैनाती नहीं होती, तब तक आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव ही मुख्य कार्यपालक अधिकारी की भूमिका निभाएंगे।
काशी-विंध्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण का गठन क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और स्थानीय संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करेगा। यह प्राधिकरण न केवल विकास की दिशा में एक कदम है, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहल है।

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