काशी में संस्कृति संसद बनेगी हिंदू धर्म के विमर्श का व्यापक मंच
काशी में संस्कृति संसद का निर्माण किया जाएगा, जो हिंदू धर्म के विमर्श के लिए एक महत्वपूर्ण मंच होगा। इसका मुख्य उद्देश्य हिंदू संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देना है। यह संसद हिंदू धर्म से जुड़े विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा और विचार-विमर्श का केंद्र बनेगी, जिससे धर्म से जुड़े मुद्दों पर समझ बढ़ेगी।

आयोजन में सनातन धर्म के विभिन्न संप्रदायों के प्रतिनिधि तथा सामान्य जन सम्मिलित होंगे।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। प्रत्येक दूसरे वर्ष काशी में आयोजित होने वाली संस्कृति संसद इस बार आगामी 31 अक्टूबर से दो नवंबर तक सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित की जाएगी। अखिल भारतीय संत समिति, अखाड़ा परिषद, गंगा महासभा के तत्वावधान में होने वाले इस आयोजन में देश भर से 350 से अधिक संत-महंत, शंकराचार्य, जगद्गुरु, रामानुजाचार्य, शिवाचार्य तथा विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संगठनों के लोगों के अतिरिक्त राष्ट्र व समाज हित में कार्य कर रहे अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं, चिंतकों, विचारकों के साथ सनातन धर्म के विभिन्न संप्रदायों के प्रतिनिधि तथा सामान्य जन सम्मिलित होंगे।
मुख्य आयोजक अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने बताया कि यह संस्कृति संसद सनातन हिंदू धर्म व राष्ट्रीय हितों के विमर्श का व्यापक मंच बनेगी। तीन दिनों में 30 से अधिक सत्रों में 100 से अधिक वक्ता विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखेंगे। राष्ट्र व समाज की परिस्थतियों को देखते हुए युगानुकूल निर्णय लिए जाएंगे तथा अनेक प्रस्ताव पारित करके केंद्र व राज्य सरकारों से उन पर कानून बनाने की मांग की जाएगी।
स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने बताया कि संसद में सनातन धर्म के विरुद्ध चल रहे अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्रों पर चर्चा होगी और लोगों को सचेत किया जाएगा। पूरे विश्व में चल रहे हिंदू विरोधी इकोसिस्टम को बेनकाब किया जाएगा। आयोजक संस्था गंगा महासभा के महामंत्री पं. गोविंद शर्मा ने बताया कि संस्कृति संसद में तीनों दिन तीन राज्यों हिमाचल प्रदेश, बिहार और असम के राज्यपाल क्रमश: शिव प्रताप शुक्ला, आरिफ मुहम्मद खान और लक्ष्मण आचार्य मुख्य अतिथि होंगे।
साथ ही विश्व हिंदू परिषद के शीर्षस्थ नेता भी आयोजन में पूरे तीन दिनों तक उपस्थित रहेंगे। आयोजन में हिंदू धर्म-संस्कृति, राष्ट्रवाद के लिए कार्य करने वाले सभी प्रमुख जाने-माने कार्यकर्ताओं, चिंतकों व वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है। हिंदू आचार संहिता का होगा विमोचन, पारित होंगे अनेक प्रस्ताव: पं. गोविंद शर्मा ने बताया कि संस्कृति संसद में हिंदू आचार संहिता का विमोचन किया जाएगा। इसके माध्यम से युगानुकूल हिंदू संस्कृति को बढ़ावा देने का संकल्प लिया जाएगा।
धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए आवश्यक अनेक प्रस्ताव तीन दिनों में पारित किए जाएंगे। इनमें फिल्म सेंसर बोर्ड को भारतीय संस्कृति के अनुकूल बनाने, इंटरनेट मीडिया पर अपसंस्कृति व हिंदू धर्म विरोधी कंटेंट रोकने के लिए पूरे इंटरनेट मीडिया को सेंसर बोर्ड के अंतर्गत लाने, हिंदू मठ-मंदिरों से सरकारी आधिपत्य समाप्त कर उन्हें हिंदू समाज को सौंपने तथा धार्मिक आयोजनों को मर्यादा के अनुकूल बनाने, मंदिरों में प्रवेश के लिए परिधान संबंधी आचार संहिता बनाने आदि विषय शामिल होंगे।
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