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चंदौली में कर्मनाशा नदी का पुल क्षतिग्रस्‍त होने से बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और झारखंड से संपर्क कटा

बिहार सीमा पर शुक्रवार की देर रात कर्मनाशा नदी पर बने पुल के शुरुआती तीन पाए का बड़ा हिस्‍सा टूट जाने से समूचे पुल में बड़ी दरार आ गयी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 10:11 AM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 06:02 PM (IST)
चंदौली में कर्मनाशा नदी का पुल क्षतिग्रस्‍त होने से बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और झारखंड से संपर्क कटा
चंदौली में कर्मनाशा नदी का पुल क्षतिग्रस्‍त होने से बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और झारखंड से संपर्क कटा

चंदौली, जेएनएन। बिहार सीमा पर शुक्रवार की देर रात कर्मनाशा नदी पर बने पुल के शुरुआती तीन पाए का बड़ा हिस्‍सा टूट जाने से समूचे पुल में बड़ी दरार आ गयी। इसकी वजह से सीमा पर वाहनों का आवागमन बाधित हो गया है। यूपी-बिहार सीमा के अंदर दोनों तरफ वाहनों को रोक दिया गया है। जिसकी वजह से एनएच 2 पर दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई है। फ‍िलहाल भीषण सर्दी और कोहरे के बीच नौबतपुर के समीप कर्मनाशा पुल से पहले सैकड़ों गाड़ियां खड़ी होने से सड़क मार्ग पूरी तरह बाधित है।

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हादसे के दौरान पुल में कंपन होने से गुजर रहे वाहन चालकों में हड़कंप मच गया। अफरातफरी के बीच रात में ही पुलिस कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर पुल पर यातायात राेक दिया। इससे जहां जहां वाहन खड़े हो गए। वहीं पास में ही अंग्रेजों के जमाने का बना पुल अभी भी सुरक्षित खड़ा है जबकि नया पुल क्षतिग्रस्‍त होने से लोग विभाग की नाकामी को ही कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। 

यूपी और बिहार को जोड़ने वाला एनएच 2 पर बना कर्मनाशा नदी का पुल काफी जर्जर हाल है। यूपी और बिहार सरकार को ही पुल की मरम्मत की जिम्मेदारी है। लेकिन आपसी खींचतान के चलते काफी दिनों से मरम्मत का काम नहीं कराया गया। भारी वाहनों के दवाब के कारण बिहार की ओर पुल के तीन पाए आखिरकार क्रैक हो गए और दरार आ गयी। इससे बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और झारखंड से संपर्क टूट गया है। वहीं प्रशासन की ओर से एहितयात के तौर पर आवागमन ठप कर दिया गया है। इससे दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गयी है। मार्ग अवरुद्ध होने से राहगीरों और चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

देर रात पुल क्षतिग्रस्‍त होने की वजह से प्रशासनिक अधिकारी और सेतु निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पुल मरम्‍मत की संभावनाओं पर मंथन किया। वहीं स्‍थानीय लोगों के अनुसार पुल पर भारी वाहनों और अवैध खनन के वाहनों को लंबे समय से मिलीभगत कर पार कराया जाता रहा है जिसकी वजह से पुल पर काफी दबाव बना रहता था। हादसे की लंबे समय से आशंका बनी हुई थी। आखिरकार शुक्रवार की रात पुल का बड़ा हिस्‍स चटक कर बिखर जाने से पुल के गिरने की संभावना बढ़ गई है। 

नौबतपुर बॉर्डर पर एनएचएआइ द्वारा निर्मित पुल क्षतिग्रस्‍त होने के बाद प्रशासन में अफरा-तफरी मची रही। जानकारी होने के बाद नेता, डीएम, एसपी भी आए और नुकसान का जायजा लिया। लोगों ने केंद्रीय मंत्री व सांसद महेंद्र नाथ पांडे और विभागीय मंत्री नितिन गडकरी को सूचित करने के बाद जल्द से जल्द पुल को ठीक करने की मांग की है। एनएचएआइ के अधिकारियों के अनुसार यथाशीघ्र रूट का डायवर्जन कर पुल निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। निर्माणकर्ता कंपनी ने पीसीएल (प्रोग्रेसिव कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड) पुल की गुणवत्ता पर सवाल उठाने वालों के प्रश्न को सिरे से खारिज करते हुए हादसे का कारण ओवर लोड को बताया है।

वहीं हादसे के बाद चंदौली के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने चंदौली में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्‍या दो पर कर्मनाशा नदी पर बने पुल के क्षतिग्रस्त होने का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी चंदौली से वस्तुस्थिति जानकर दिल्ली में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य आर के पाण्डेय से वार्ता कर तत्काल यातायात व्यवस्था बहाल करने के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाने के साथ पुनः स्थायी व्यवस्था शीघ्र स्थापित करने का निर्देश दिए। साथ ही वर्ष 2009 में बनकर तैयार हुए इस पुल के मात्र 10 वर्ष में छतिग्रस्त हो जाने की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों को चिन्हित कर कार्यवाही करने को कहा है। इस बाबत मंत्री, केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली के कार्यालय से एक सूचना शनिवार दोपहर बाद जारी की गई। 


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