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    वाराणसी में बिक्री के लिए पहुंचा कन्‍नौज का इत्र, आयकर की कार्रवाई से बढ़ी कन्‍नौज के इत्र की चर्चा

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Mon, 03 Jan 2022 11:09 AM (IST)

    कन्नौज इत्र व्यापारी सोनू पांडेय बताते हैं कि इत्र नगरी वाला प्रदेश का कन्नौज इत्र की खुशबू के लिए विश्व में मशहूर है। यहां के लिए कहा जाता है कि कन्नौज की हवाएं अपने साथ खुशबू लिए चलती हैं। इस शहर में इत्र का बड़े स्तर पर कारोबार होता है।

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    सोनू पांडेय बताते हैं कि इत्र नगरी वाला प्रदेश का कन्नौज, इत्र की खुशबू के लिए विश्व में मशहूर है।

    वाराणसी, जागरण संवाददाता। दुनिया भर में प्रसिद्ध कन्नौज के इत्र ने वाराणसी में भी अपनी खूशबू से लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। पहले अर्बन हाट चौका घाट में और अब पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल में उद्योग विभाग की ओर से एक माह लगने वाली प्रदर्शनी में हर रोज औसतन 2000 रुपये की बिक्री हो रही है। इसमें इजाफा और होता लेकिन मौसम की मार ने लोगों की आवाजाही पर कुछ पाबन्दी लगा दी है। माना जा रहा है कि कन्‍नौज में इत्र के कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की वजह से लोगों में इत्र को लेकर सुगबुगाहट स्‍टाल दिखते ही शुरू हो जा रहा है। 

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    कन्नौज इत्र व्यापारी सोनू पांडेय बताते हैं कि इत्र नगरी कहलाने वाला प्रदेश का कन्नौज, इत्र की खुशबू के लिए विश्व में मशहूर है। यहां के लिए कहा जाता है कि कन्नौज की हवाएं अपने साथ खुशबू लिए चलती हैं। इस शहर में इत्र का बड़े स्तर पर कारोबार होता है। बात इकाइयों की करें तो कन्नौज में इत्र कारोबार की करीब 200 से अधिक इकाइयां मौजूद हैं। इनमें ज्यादातर इकाइयों में बड़े पैमाने पर इत्र बनाया जाता है। इत्र बनाने के लिए देश के कई शहरों से फूल और लकड़ियां मंगाई जाती हैं।

    यहां मिट्टी से भी बनाया जाता है इत्र : सोनू यहाँ की खासियत बताते हैं कि जब बारिश की बूंदें कन्नौज की मिट्टी पर पड़ती हैं, तो यहां की मिट्टी से भी खास तरह की खुशबू निकलती है। खास बात यह है कि यहां मिट्टी से भी इत्र बनाया जाता है। इसके लिए तांबे के बर्तनों में मिट्टी को पकाया जाता है। इसके बाद मिट्टी से निकलने वाली खुशबू को बेस ऑयल के साथ मिलाया जाता है। इस तरह से मिट्टी से इत्र बनाने कि प्रक्रिया चलती है।

    आखिर क्यों खास है कन्नौज का इत्र : दरअसल, खास बात यह है कि दुनिया का सबसे महंगा इत्र कन्नौज में बनता है। बताते है कि यहां के इत्र की लोग बेचैनी और तनाव से बचने के लिए भी खुशबू लेते हैं। कन्नौज का इत्र पूरी तरह से प्राकृति के गुणों से भरपूर होता है। इसमें अल्कोहल जैसे रसायन का इस्तेमाल नहीं किया जाता। जिले में विश्व के सबसे सस्ते इत्र से लेकर सबसे महंगे इत्र बनाए जाते हैं, जिनमें सबसे महंगा इत्र 'अदरऊद' है। इस इत्र को असम की खास लकड़ी से तैयार किया जाता है। इस एक ग्राम इत्र की कीमत लगभग 5000 रुपये है।

    जानकारी के मुताबिक कन्नौज के इत्र की आपूर्ति यूरोपीय देश, अमेरिका, सउदी अरब, ओमान, इराक, इरान समेत कई देशों में की जाती है।

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