बलिया में पत्रकार हत्याकांड : मुआवजा राशि बढ़ाने व पत्नी को नौकरी देने की मांग को लेकर किया सड़क जाम
पत्रकार हत्याकांड में दस लाख की आर्थिक सहायता राशि को एक करोड़ करने व उनकी पत्नी को नौकरी देने की मांग को लेकर रसड़ा मार्ग पर पत्रकारों ने जाम कर दिया।
बलिया, जेएनएन। निजी चैनल के पत्रकार रतन सिंह के हत्या के बाद पत्रकार संग राजनीतिक दलों के लोगों में भी आक्रोश व्याप्त है। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव के उनके फेफना तिराहा के रसड़ा आवास पर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। वहीं शासन की तरफ से घोषित दस लाख की आर्थिक सहायता राशि को एक करोड़ करने व उनकी पत्नी को नौकरी देने की मांग को लेकर उनके आवास के सामने रसड़ा मार्ग पर पत्रकारों ने जाम कर दिया। इसमें सपा, कांग्रेस के भी नेता व कार्यकर्ता शामिल थे।
इस दौरान पत्रकारों ने इस पूरी घटना में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा किया। साथ ही अपने साथी की मौत पर आक्रोश जताया। वहीं सपा व कांग्रेस नेताओं ने पत्रकारों के इस मांग पर अपना पूरा समर्थन दिया। पत्रकार सर्वेद्र विक्रम सिंह ने कहा कि रतन की हत्या थाने से महज कुछ ही दूरी पर हुई लेकिन पुलिस की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है। इसकी जांच होनी चाहिए। वहीं रोशन जायसवाल ने पत्रकारों की सुरक्षा का मुद्दा रखा। कहा कि पुलिस की लापरवाही से एक साथी हम लोगों के बची नहीं है। इस मौके पर हर अखबार, चैनल, पोर्टल व ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकार मौजूद थे। वहीं सपा के जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश पांडेय, पूर्व विधायक संग्राम सिंह यादव, नागेंद्र पांडेय, पूर्व चेयरमैन लक्ष्मण गुप्ता, मानवेंद्र विक्रम सिंह, किशन प्रताप सिंह, मिथिलेश सिंह आदि मौजूद थे। इस दौरान पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ, अपर जिलाधिकारी राम आसरे, अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार, सीओ चंद्रकेश सिंह समेत कई थानों की फोर्स मौजूद थी।
मंत्री के आश्वासन पर माने परिजन
पत्रकार रतन सिंह की हत्या की सूचना पाकर दिल्ली से फेफना ससुराल के लोग मंगलवार की शाम पांच बजे पहुंचे। ससुर गोपाल सिंह ने संविदा की नौकरी को नकारते हुए सरकारी नौकरी की मांग की। इस पर क्षेत्रीय विधायक मंत्री उपेंद्र तिवारी के प्रतिनिधि भोला चौबे ने मोबाइल पर उनकी बात करवाई। मंत्री ने दो तीन दिन में सीएम से मुलाकात करवाकर सरकारी नौकरी दिलवाने के भरोसा दिया। कहा कि यह वादा एक नेता नहीं परिवार का सदस्य के रूप में कर रहा हूं। इसके बाद परिजनों ने दाह संस्कार का काम शुरू हुआ। इसके पूर्व पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार व अपर जिलाधिकारी राम आसरे ने परिवार वालों से कई चक्र बात की।

परिजनों का रो रोकर बुरा हाल
रतन सिंह का शव दरवाजे पर पहुंचते ही परिवार के सदस्य दहाड़ मारकर रोने लगे। उनकी मां आशा देवी, पत्नी प्रियंका व बहन अनिता सिंह व सुमन सिंह की चीत्कार से हर किसी का कलेजा फट जा रहा था। वहीं अंदर ही अंदर लोगों में आक्रोश व्याप्त था। परिजनों के रोते देख बेटा आशुतोष सिंह (12), रधुराज सिंह (आठ माह) व बेटी आराध्या (8) भी अपने पिता के लिए रोने लगे। इन मासूमों को देख हर किसी की आंखें आंसू से भर गई। बच्चे एक टक आंखों में आंसू लिए पिता के शव की तरफ देखते रहे। वह समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर हुआ क्या है। वहीं उनकी पत्नी रोते रोते बेहोश हो जा रही थीं।
पुलिस की कहानी झूठा
बेटे की हत्या के बाद पिता ने पुलिस की कहानी को झूठा करार दिया। रतन सिंह के पिता विनोद सिंह ने कहा कि पुलिस पूरी तरह से झूठ बोल रही है। यह आपसी रंजिश में हत्या नहीं है। मामले की सही जांच होनी चाहिए। जिससे मामले का खुलासा सही तरीके से हो सके। उन्होंने कहा कि थाना पुलिस उच्चाधिकारियों को सही तथ्यों की जानकारी नहीं दे रही है।
परिजनों की सुरक्षा में लगाई गई गार्द
घटना के बाद तनाव को देखते हुए पत्रकार रतन सिंह के परिजनों की सुरक्षा के लिए पुलिस लाइन से गार्द लगा दी गई है। एएसपी संजय कुमार ने बताया कि उनके परिवार की सुरक्षा में पुलिस लाइन से गार्द का निर्देश दे दिए गए है। अभी फिलहाल थाने की पुलिस मौके पर तैनात की गई है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को पुलिस ने रोका
पत्रकार रतन सिंह ने हर किसी को हिलाकर रख दिया। इधर घटना की जानकारी होते ही मंगलवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष लल्लू सिंह बलिया पीडि़त परिवार से मिलने के लिए चल दिए। इसी बीच रायबरेली जिले में उन्हें पुलिस ने रोक लिया और बलिया जाने से मना कर दिया। वहीं गेस्ट हाउस में उन्हें लेकर चली गई।
पांच लाख रुपये का मुआवजा पीडि़त परिवार को देने व पत्नी को संविदा पर नौकरी की बात मंडलायुक्त से हुई है
यह घटना अत्यंत ही दुखद है। रतन सिंह के परिवार वालों को शासन की तरफ से दस लाख रुपये देने की घोषणा की गई है। इसके अलावा किसान दुर्घटना बीमा के तहत पांच लाख रुपये का मुआवजा पीडि़त परिवार को दिया जाएगा। वहीं उनकी पत्नी को संविदा पर नौकरी देने की बात मंडलायुक्त से हुई है।
-राम आसरे, अपर जिलाधिकारी, बलिया।
नए थाना प्रभारी बने राजीव मिश्र
पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ ने फेफना थाना प्रभारी शशिमौलि पांडेय को संस्पेंड कर दिया है। वहीं उनकी जगह पुलिस लाइन से इंस्पेक्टर राजीव मिश्रा को पुलिस लाइन से तैनाती की है। साथ ही रतन ङ्क्षसह हत्याकांड के मुकदमे की विवेचना भी उन्हें सौंपी गई है।

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