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    कफ सीरप प्रकरण में झारखंड पुलिस ने भी शुरू की जांच, एसआइटी ने बढ़ाई धाराएं

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Mon, 01 Dec 2025 12:42 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में कफ सीरप तस्करी की जांच अब झारखंड तक पहुंच गई है। झारखंड औषधि विभाग ने पिंडरा स्थित एक दवा फर्म को नोटिस भेजा है। एसआईटी जांच में फर्म द्वारा फर्जी कागजात का इस्तेमाल करने का खुलासा हुआ है, जिसके बाद धोखाधड़ी की धाराएं बढ़ाई गई हैं।

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     मुख्य सरगना शुभम जायसवाल दुबई से एक अधिवक्ता के संपर्क में है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। उत्तर प्रदेश में शुरू हुए जानलेवा कफ सीरप प्रकरण की जांच की आंच अब झारंखड तक जा पहुंची है। झारखंड के औषधि विभाग ने पिंडरा स्थित एक दवा कारोबार की फर्म को नोटिस भेजकर करोड़ों के कोडीनयुक्त सीरप का हिसाब-किताब मांगा है।

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    इधर, वाराणसी में तस्करी मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी के अध्यक्ष सरवणन टी पिंडरा पहुंचे तो पता चला कि फर्जी किराएदारी के कागजात से खोली गई फर्म से हजारों पेटियों का कारोबार हुआ। जिसके बाद कोतवाली में पहले से दर्ज केस में धोखाखड़ी की धारा बढ़ाई गई, जिसमें उम्र कैद तक का प्रविधान है।

    पुलिस कमिश्नरेट प्रशासन का कहना है कि झारखंड से औषधि विभाग ने घटनाक्रम का संज्ञान लिया है। वहां के अधिकारियों ने पत्र जारी कर कई दुकानों से कोडीनयुक्त सीरप की खरीद-फरोख्त का ब्योरा मांगा है। जिसके क्रम में जांच में धोखाधड़ी सरीखे कई तथ्य सामने आए हैं।

    दस्तावेजों की जांच में कदम-कदम पर कूटरचित तरीके अपनाए गए हैं। बताया कि 138 दवा फर्मों में 40 दवा दुकानों की जांच पूरी की जा चुकी है। उनके अधिष्ठाताओं को नोटिस दिए जा रहे हैं, जिसका जवाब नहीं मिला तो गिरफ्तारी की जाएगी। 

    वरिष्ठ अधिवक्ता के संपर्क में सरगना शुभम, दुबई से फोन पर की बात

    नशे के लिए प्रयोग किए जाने वाले कोडीनयुक्त कफ सीरप की तस्करी के मुख्य सरगना कायस्थान मुहल्ला प्रह्लादघाट निवासी शुभम जायसवाल शहर के एक वरिष्ठ अधिवक्ता के संपर्क में है। उसने एपल मोबाइल पर सुरक्षित काल के लिए प्रयोग किए जाने वाले एप के जरिए बात की है। दोनों के बीच हुई बातचीत तो जांच का विषय होगी, लेकिन आइपी एड्रेस के जरिए जांच एजेंसियों ने पड़ताल तेज कर दी है।

    वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस सर्विलांस और साइबर सेल के जरिए पहले से निगरानी कर रही हैं। शुभम जायसवाल के खिलाफ चार नवंबर को गाजियाबाद में केस दर्ज हुआ था। उसके दूसरे ही दिन वह झारखंड के रांची शहर से पश्चिम बंगाल भागा, वहां से परिवार को साथ लेकर फ्लाइट पकड़ी और दुबई भाग निकला। पुलिस छानबीन में शुभम के दुबई भागने की बात कंफर्म हुई तो दुबई से वाराणसी के बीच संदिग्ध काल पर नजर रखनी शुरू कर दी गई।

    शुभम से जुड़े सीए, अधिवक्ता, जनप्रतिनिधि सबके ऊपर नजर रखी जा रही है। कई दिनों के प्रयास के बाद एक अधिवक्ता से शुभम की दो बार बात होने की पुष्टि हुई है। जांच एजेंसी आइपी एड्रेस के जरिए शुभम के सटीक ठिकाने तक पहुंचने में लगी है। आइपी एड्रेस एक संख्यात्मक कोड है जो इंटरनेट या कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक डिवाइस (कंप्यूटर, मोबाइल फोन, आदि) का होता है। इसे डिवाइस का डिजिटल पता भी कह सकते हैं। 

    भोला प्रसाद को रिमांड पर लेगी कमिश्नरेट पुलिस

    कफ सीरप प्रकरण की जांच कर रही विशेष जांच प्रकोष्ठ के मुखिया सरवणन टी ने बताया कि सोनभद्र पुलिस ने भोला प्रसाद जायसवाल को गिरफ्तार किया है। वह हमारे यहां दर्ज केस में आरोपित है, उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेंगे। पुलिस अधिकारियों ने की आनलाइन मीटिंग कोडीनयुक्त सीरप की बरामदगी मामले की जांच सही तरीके से आगे बढ़े, इसके लिए सोमवार को सोनभद्र, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली जिले के पुलिस अधिकारियों ने आनलाइन मीटिंग। सभी ने अपने-अपने यहां कफ सीरप प्रकरण में दर्ज केस और उसकी जांच में सामने आए तथ्यों को एक-दूसरे से शेयर किया। पुलिस अधिकारियों ने संयुक्त आपरेशन की रणनीति पर सहमति बनाई। शुभम जायसवाल उसके पिता कई जिलों में आरोपित हैं।