पूर्वांचल में अच्छी फसल होने के बाद पचास फीसद तक सस्ता हो गया जीरा बत्तीस चावल
अच्छी फसल होने के कारण इस बार बाजार में जीरा बत्तीस चावल का भाव पिछले वर्ष के मुकाबले पचास फीसद सस्ता है। पिछले वर्ष कम पैदावार के कारण इसका भाव 80-90 रुपये प्रतिकिलो था। इस बार इसका भाव 45-60 रुपये के बीच चल रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। अच्छी फसल होने के कारण इस बार बाजार में जीरा बत्तीस चावल का भाव पिछले वर्ष के मुकाबले पचास फीसद सस्ता है। पिछले वर्ष कम पैदावार के कारण इसका भाव 80-90 रुपये प्रतिकिलो था। इस बार इसका भाव 45-60 रुपये के बीच चल रहा है। जो पिछले वर्ष से पचास फीसद सस्ता है। जिसकी मांग लोगों के बीच खूब है। मंडी में इस समय भरपूर मात्रा में चावल का स्टाक भी मौजूद है। पहले इस चावल की खेती बनारस में बड़े पैमाने पर होती थी। समय के साथ यह लुप्त होती गई। बाद में इसका प्रसार बिहार की ओर हो गया। वर्तमान समय में इसकी मंडी में इस चावल की आवक बिहार से हो रही है। विश्वेश्वरगंज मंडी में चावल के थोक व्यापारी भगवान दास ने बताया कि पिछले वर्ष जीरा बत्तीस की आवक कम थी। इस कारण भाव महंगा था। पिछले बार इसकी शुरुआती कीमत 90 रुपये से लेकर 110 रुपये तक था। लेकिन इस बार भाव में आधे का अंतर है।
दस फीसद गिरे बासमती चावल के भाव
पंजाब और हरियाणा में इस बार बासमती धान की अच्छी फसल उत्पादन होने का असर पूर्वांचल की मंडियों में भी दिख रहा है। व्यापारी ओम अग्रवाल ने बताया कि इस बार मिनी मोगरा चावल का भाव 32 से 35 रुपये किलो का है। वहीं मोगरा का भाव 40 से 50 तो सुपर मोगरा 50 से 60 के भाव बिक रहा है। जबकि वांड राइस का भाव 70 से 90 रुपये के भाव है। शक्ति प्रजाति के बासमती चावल का भाव 85, गोल्डेन शेला का 75, 1121 पंजा बासमती का भाव 65 रुपये है। इन सभी किस्मों में पिछले वर्ष के मुकाबले दस फीसद की गिरावट हुई है।
फुटकर में नहीं घटे हैं दाम
आमजनता को बाजार भाव की जानकारी नहीं होने का बेजा लाभ फुटकर दुकानदार उठा रहे हैं। थोक बाजार में दाम कम होने के बावजूद भी फुटकर दुकानदार पुराने रेट में ही चावल बेच रहे हैं। यहीं नहीं मंडी में सोनम और सांभा, नाटी मंसूरी चावल के दाम में भी 15 फीसद की गिरावट हुई है लेकिन फुटकर बाजार में भाव यथावत है।
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