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    जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय नहीं होगा स्थानांतरित, बलिया के रसड़ा में ही बनेगा दूसरा परिसर

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Tue, 16 Mar 2021 05:41 PM (IST)

    जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के ब‍लिया रसड़ा में स्थानांतरित होने की अटकलों पर कुलपति प्रो. कल्पलता पांडेय ने विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि विश ...और पढ़ें

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    जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के रसड़ा में स्थानांतरित होने की अटकलों पर कुलपति प्रो. कल्पलता पांडेय ने विराम लगा दिया है।

    बलिया, जेएनएन। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के रसड़ा में स्थानांतरित होने की अटकलों पर कुलपति प्रो. कल्पलता पांडेय ने विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कहीं भी स्थानांतरित नहीं हो रहा है। विश्वविद्यालय का वर्तमान परिसर पूरी तरह सक्रिय रहेगा। यह विश्वविद्यालय जननायक चंद्रशेखर के नाम पर स्थापित है और उनके आदर्शों व मूल्यों को आगे बढ़ा रहा है।

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    उन्होंने कहा कि बाढ़ आदि समस्याओं के कारण विश्वविद्यालय को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इसे ध्यान में रख लंबे समय से दूसरे परिसर की आवश्यकता महसूस की जा रही है। मैंने खुद रसड़ा स्थित कताई मिल में द्वितीय परिसर स्थापित करने की मांग की थी। उसे सरकार द्वारा जल्द पूरा किए जाने की संभावना है। नए परिसर की मांग के पीछे मंशा यह है कि बाढ़ के समय में भी प्रशासनिक कार्यों का संचालन सुचारु रूप से चलता रहे। अन्य समय में इस परिसर का उपयोग लड़कियों की शिक्षा के लिए किया जाएगा। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय के रसड़ा में स्थानांतरित होने की बात को लेकर बलिया के छात्र नेता आक्रोशित थे, जिसके बाद कुलपति अपनी मंशा स्पष्ट की है।

    1207 स्कूलों ने अपलोड नहीं किया ब्योरा, नोटिस-नोटिस खेल रहे बीएसए

    निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों के नामांकन में आरटीई के पोर्टल पर बलिया के 158 विद्यालयों का विवरण अपलोड है जबकि मान्यता प्राप्त विद्यालय 1365 हैं। इसके जिम्मेदार खंड शिक्षा अधिकारी हैं, जिन्होंने पंजीकरण आरटीई पोर्टल पर नहीं कराया। ऐसे में हजारों बच्चों का आनलाइन प्रवेश आरटीई से नहीं हो पाएगा। बीएसए सिर्फ नोटिस-नोटिस खेल रहे हैं।

    विद्यालय संचालक कर रहे आदेश की अनदेखी

    आरटीई एक्ट के तहत निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत गरीब वर्ग के बच्चों का प्रवेश हो लेकिन 1207 विद्यालय आरटीई पोर्टल पर अपना विवरण अपलोड नहीं किए हैं। नोडल नुरूल हुदा ने बताया कि पिछले सत्र में तीन चरण में कुल 1373 बच्चों का प्रवेश अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में कराया गया।

    दो मार्च से ही शुरू है आनलाइन प्रक्रिया

    आरटीई के तहत दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया दो मार्च से ही शुरू है। तीन चरण होंगे। सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए पहले चरण में आवेदन प्रक्रिया दो से 25 मार्च तक है दूसरे चरण में एक से 23 अप्रैल और तीसरे में 29 अप्रैल से 10 जून तक है।