Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ISRO आइआइटी बीएचयू में खोलेगा स्पेस सेंटर, रीजनल एकेडमिक सेंटर का छात्रों को मिलेगा फायदा

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Wed, 23 Dec 2020 03:09 PM (IST)

    ISRO to open space centre at IIT BHU आइआइटी-बीएचयू में अब इसरो द्वारा अंतरिक्ष अनुसंधान पर भी अध्ययन व शोध कराया जाएगा। इसके लिए इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) आइआइटी-बीएचयू में अपना रीजनल एकेडमिक सेंटर फार स्पेस (आरएसी-एस) की स्थापना करेगा।

    Hero Image
    आइआइटी-बीएचयू में अब इसरो द्वारा अंतरिक्ष अनुसंधान पर भी अध्ययन व शोध कराया जाएगा।

    वाराणसी, जेएनएन। आइआइटी-बीएचयू में अब इसरो द्वारा अंतरिक्ष अनुसंधान पर भी अध्ययन व शोध कराया जाएगा। इसके लिए इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) आइआइटी-बीएचयू में अपना रीजनल एकेडमिक सेंटर फार स्पेस (आरएसी-एस) की स्थापना करेगा। सेंटर बनाने पर आइआइटी व इसरो के बीच बुधवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी हुआ। आनलाइन कार्यक्रम के तहत संस्थान की तरफ से निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन और इसरो की तरफ से सीबीपीओ निदेशक डा. पी वी वेंकटकृष्णन ने इस समझौते पर मुहर लगाई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शुरू होंगे बीटेक व एमटेक के कोर्स

    इस समझौता के बाद संस्थान में बीटेक और एमटेक छात्रों के लिए शार्ट टर्म और एक वर्षीय प्रोजेक्ट भी शामिल किये जाएंगे। पीएचडी छात्रों को लांग टर्म आरएंडडी प्रोजेक्ट्स में वरीयता दी जाएगी। साथ ही अन्य कार्यक्रम जैसे सम्मेलन, प्रदर्शनी और लघु पाठ्यक्रम भी क्षेत्र में ज्ञान का आधार बनाने के लिए आयोजित किए जाएंगे

    आइआइटी बीएचयू बनेगा इसरो का एंबेसडर

    निदेशक प्रोफेसर जैन ने बताया कि इसरो का यह रीजनल एकेडमिक सेंटर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख फैसिलिटेटर के रूप में कार्य करेगा। आइआइटी-बीएचयू इसरो के लिए एंबेसडर के तौर पर कार्य करेगा, जिसके तहत क्षमता निर्माण, जागरूकता सृजन और शोध व अनुसंधान गतिविधियों के लिए विशेषज्ञों के अनुभवों का उपयोग किया जाएगा।

    आरएसी-एस के अनुसंधान और विकास गतिविधियों में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता के अन्य संस्थानों को भी शामिल किया जाएगा, जिसमें आइआइटी नेतृत्वकर्ता और प्रोजेक्ट मानीटर की भूमिका में होगा। वहीं आरएसी-एस के प्रतिदिन गतिविधियों और समग्र प्रबंधन की जिम्मेदारी भी निभाएगा। प्रोफेसर जैन ने आगे बताया कि इससे स्पेस साइंस और स्पेस टेक्नोलाजी के क्षेत्र में ही शोध नहीं बढ़ेगा, बल्कि उसके अंतर्गत होने वाले शोधों से कृषि, दूरसंचार, मौसम विज्ञान, जल संसाधन आदि क्षेत्रों में पूर्वांचल और मध्य भारत को काफी लाभ होगा।

    इस दौरान इसरो के साइंटिफिक सेक्रेटरी आर उमा महेश्वरन ने स्वागत भाषण दिया। अतिथियों का स्वागत एकेडमिक अफेयर्स के डीन प्रोफेसर एसबी द्विवेदी और धन्यवाद ज्ञापन डा. अनुराग ओहरी ने किया। इस अवसर पर डीन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोफेसर राजीव प्रकाश, प्रोफेसर रजनीश त्यागी और प्रोफेसर पीकेएस दीक्षित उपस्थित रहे।

    comedy show banner
    comedy show banner