वाराणसी में 72 मदरसों की जांच शुरू, रिपोर्ट शासन को एसडीएम माध्यम से भेजी जाएगी 15 मई तक
मदरसा आधुनिकीकरण योजना (एसपीईएमएम) से आच्छादित जिले के 72 मदरसों में हुए कार्यों की जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में जनपद में नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग-अलग कमेटी बनाई गई है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : मदरसा आधुनिकीकरण योजना (एसपीईएमएम) से आच्छादित जिले के 72 मदरसों में हुए कार्यों की जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में जनपद में नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग-अलग कमेटी बनाई गई है। नगरीय क्षेत्र की कमेटी में उप जिलाधिकारी, नगर शिक्षा अधिकारी के अलावा अधिशासी अधिकारी नगर पालिका, नगर पंचायत व नगर आयुक्त की ओर से नामित अवर अभियंता को रखा गया है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में उप जिलाधिकारी , खंड शिक्षा अधिकारी व खंड विकास अधिकारी की ओर से नामित अवर अभियंता को शामिल किया गया है। जांच की जद में शामिल जिले के मदरसों की भौतिक अवस्थापना सुविधाओं यानी भूमि, भवन, किरायानामा जांच मुख्य रूप से होगी। जांच अधिकारियों को 15 मई तक रिपोर्ट देनी है। यह रिपोर्ट एसडीएम के माध्यम से शासन को भेजी जाएगी।
मदरसा आधुनिकीकरण योजना मुस्लिम बच्चों की शिक्षा
केंद्र की ओर से संचालित मदरसा आधुनिकीकरण योजना तहत मुस्लिम बच्चों को आधुनिक शिक्षा देने पर बल है। योजना के संचालन के लिए प्रत्येक मदरसे में तीन अतिरिक्त शिक्षक रखे जाते हैं। ताकि बच्चों को पारंपरिक शिक्षा के साथ विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, हिंदी व सामाजिक अध्ययन आदि विषयों का ज्ञान मिल सके। स्नातक पास शिक्षक को छह हजार व परास्नातक शिक्षक को 12 हजार रुपये मानदेय दिया जाता है।
एक ही सोसायटी कई मदरसों को संचालित कर रही है
राज्य सरकार की ओर से अलग से अतिरिक्त मानदेय दिया जाता है। बताया जा रहा है कि बहुतायत मदरसे कागज पर संचालित हैं। एक ही सोसायटी कई मदरसों को संचालित कर रही है। इस योजना में शिक्षकों की बिना तैनाती के मानदेय लिया जा रहा है। इस तरह की तमाम शिकायतों को देखते हुए शासन ने प्रदेश में संचालित 7742 मदरसों की जांच का निर्देश दिया है। इस मदरसों में कुल 21 हजार 126 शिक्षक तैनात हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।