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    आइपीसी की धारा 376 को पर्दे पर कानूनी संघर्ष के तौर पर जीवंत करेगी '376 डी' : विवेक

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Fri, 09 Oct 2020 02:53 PM (IST)

    फिल्म का नाम है 376 डी नाम सुन के लोगों के जेहन में बिना बताए आइपीसी की धारा 376 याद आ जाती है। जी हां यह फिल्म सामूहिक दुष्‍कर्म जैसे जघन्य अपराध पर बनी है। फिल्म समाज के बहुत से संवेदनशील विषयों से दर्शकों को रूबरू कराएगी।

    फ‍िल्‍म का नाम सुन कर लोगों के जेहन में बिना बताए आइपीसी की धारा 376 याद आ जाती है।

    वाराणसी [सौरभ चंद्र पांडेय]। जैसा कि फिल्म का नाम है 376 डी, नाम सुन कर लोगों के जेहन में बिना बताए आइपीसी की धारा 376 याद आ जाती है। जी हां यह फिल्म सामूहिक दुष्‍कर्म जैसे जघन्य अपराध पर बनी है। फिल्म समाज के बहुत से संवेदनशील विषयों से दर्शकों को रूबरू कराएगी। करीब ढाई साल के शोध के बाद फिल्म की स्क्रिप्ट और कहानी फाइनल हुई है।

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    यह एक नए जमाने की व्यवसायिक फिल्म है, जो ना सिर्फ एक अनूठी संकल्पना को दर्शकों तक लाती है बल्कि सधे हुए तरीके से कहानी को बयां करने का प्रयास करती है। अभिनेता विवेक कुमार संजय दत्‍त स्‍टारर फ‍िल्‍म भूमि और चंद्र प्रकाश द्विवेदी के टीवी सीरीज सुराज्‍य संहिता में काम कर चुके हैं। वहीं उनकी आने वाले फ‍िल्‍म 376 डी इन दिनों चर्चा में है। इस फ‍िल्‍म में उनके साथ दीक्षा जोशी, प्रियंका शर्मा और सुमित सिकरवार भी हैं। फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले फिल्म अभिनेता विवेक कुमार ने फिल्म के रिलीज होने की पूर्व संध्या पर दैनिक जागरण से बातचीत किया जिसके कुछ अंश हैं।

    लीक से हटकर है 376 डी

    दुष्‍कर्म जैसे वारदालों को लेकर लोगों में रोष है, इस फिल्म में हालांकि किसी पीड़ित लड़की की कहानी नहीं दिखाई जाएगी। इस फिल्म की कहानी में एक लड़का सामूहिक कुकर्म का शिकार होता है और फिर उसे अपने हक की लड़ाई लड़नी पड़ती है। यह फिल्म अन्य फिल्मों से हटकर है। जब इसकी स्क्रिप्‍ट मैंने पढ़ा तो भौचक्का रह गया। फिल्म की पूरी शूटिंग अहमदाबाद और दिल्ली में हुई है। फिल्म में जबरदस्त कोर्ट ड्रामा दिखाया गया है जो दर्शकों को शुरूआत से अंत तक बांधे रखेगा। यह फिल्म नौ अक्टूबर को शेमारूमी बाक्स आफिस पर आनलाइन रिलीज होगी।

    बनारस में शूटिंग का अब भी इंतजार

    बनारस में कोई फिल्म की शूटिंग अभी तक नहीं कर पाने की कमी फ‍िलहाल बनी हुई है। हालांकि दिली इच्छा है कि बनारस में काम करने का मौका मिले तो किसी सौभाग्‍य से कम नहीं है। मौका मिला तो जरूर आने वाले समय में अच्छी फिल्म पर काम करूंगा, इसके लिए मेरे भी स्‍तर पर प्रयास किया जाएगा।

    यूपी के अन्य क्षेत्रों में फिल्म सिटी बनने से फायदा होगा

    यकीनन इससे फायदा होगा, अभी तक केवल नोएडा में फिल्म सिटी बनी है। यदि सरकार कुछ अन्य क्षेत्रों में भी फिल्म सिटी का निर्माण कराए तो यहां यूपी और बिहार के बहुत से लोगों को फिल्मों में रोजगार मिलेगा। नए फिल्म निर्माता नई सोच के साथ नई स्क्रिप्‍ट के साथ फिल्म बनाने में रूचि लेंगे। बनारस में भी काफी बेहतरीन लोकेशन हैं जहां पहले भी कई चर्चित फ‍िल्‍मों की शूटिंग हुई है, बिहार से सटा होने से भोजपुरी इंडस्‍ट्री को भी फायदा होगा। यूपी में फ‍िल्‍म सिटी बनने से स्‍थानीय प्रतिभाअों को भी मंच मिलना तय है।

    आगे की प्लानिंग

    अभी कुछ माह में हमारी नई फिल्म 'लव ऐट फिफ्थ फ्लोर' आने वाली है। हालांकि, यह वेब सीरीज की फिल्म है। स्क्रिप्‍ट राइटिंग का भी काम पसंद है, इसके लिए खुद लिखने का काम करता रहता हूं। स्क्रिप्‍ट राइटिंग भी करता हूं। बीते वर्ष कॉमेडी ड्रामा फ‍िल्‍म स्‍क्रिप्‍ट स्‍क्रीन राइटर एसोशिएशन कांटेस्‍ट में शॉर्टलिस्‍ट हुई थी। बतौर अभिनेता एक बडे़ प्रोडक्‍शन हाउस से बात चल रही है। उम्‍मीद है कि नए वर्ष में कई फ‍िल्‍में हाथ में आएंगी और बनारस में भी शूटिंग का अनुभव लेने का मौका मिलेगा।

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