Ballia में धान क्रय केंद्रों पर बिचौलियों की सक्रियता बढ़ी, अन्नदाताओं में आक्रोश व्याप्त
धान क्रय केंद्रों पर बिचौलियों की सक्रियता अचानक बढ़ गई है। इससे अन्नदाताओं में भारी आक्रोश है। किसानों की हुई बैठक में शत-प्रतिशत क्रय केंद्रों के न खुलने पर रोष व्यक्त किया गया। मुख्यमंत्री को पत्रक भेजने के साथ क्रय केंद्र न खुलने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

बलिया, जेएनएन। धान क्रय केंद्रों पर बिचौलियों की सक्रियता अचानक बढ़ गई है। इससे अन्नदाताओं में भारी आक्रोश है। किसानों की हुई बैठक में शत-प्रतिशत क्रय केंद्रों के न खुलने पर रोष व्यक्त किया गया। मुख्यमंत्री को पत्रक भेजने के साथ ही क्रय केंद्र पूरी तरह न खुलने पर आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी गई। किसानों ने कहा कि सरकार के कड़े निर्देशों के बावजूद धान क्रय केंद्र खोलने में हर स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है।
अफसरों की अनदेखी व लापरवाही के कारण हर जगह बिचौलिए सक्रिय दिखाई पड़ रहे हैं। इसका परिणाम है कि पिछले एक पखवारे में मात्र 185 एमटी धान की खरीद हो पाई है। अधिकांश क्रय केंद्र बंद हैं। अब भी 45 प्रतिशत धान क्रय केंद्र बंद चल रहे हैं। इससे अन्नदाताओं को काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है। आक्रोशित किसान अब व्यापक आंदोलन छेडऩे के मूड में हैं क्योंकि उन्हें बिचौलियों की मदद से धान बेचना पड़ रहा है। किसानों ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुना करने को प्रतिबद्ध है। इसके लिए कई कल्याणकारी योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं लेकिन स्थानीय स्तर पर अधिकारियों की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ रही है।
55 क्रय केंद्रों पर हो रही धानी की खरीद
जनपद के 55 क्रय केंद्रों पर पिछले एक पखवारे से धान की खरीद की जा रही है। अभी भी 45 फीसद केंद्रों पर ताला लटक रहा है। खरीद का जिम्मा संभाल रही पांच एजेंसियां कागजों में ही खरीद का आंकड़ा बढ़ा रही हैं। किसानों की मदद के लिए खोले गए धान क्रय केंद्र अन्नदाताओं को मुंह चिढ़ा रहे हैं। तमाम दावों के बाद भी अन्नदाता बिचौलियों के हाथों पैदावार बेचने को मजबूर हैं। अन्नदाता विजय ङ्क्षसह व रामगोपाल तिवारी का कहना है कि सरकार लाख कोशिश कर ले संबंधित अधिकारियों की कार्यशैली नहीं बदल पा रही है।
इनको मिली है जिम्मेदारी
जिले में धान क्रय करने की जिम्मेदारी पांच एंजेंसियों को सौंपा गया है। इसके लिए कुल 75 क्रय केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें मार्केङ्क्षटग के 15, पीसीएफ के 17, एनसीसीएफ के 12, एफसीआई के 2, एग्रो के 10, एफपीसी के 14 तथा पांच समितियां शामिल हैं। इन केंद्रों पर पिछले एक पखवारे में मात्र 155 एमटी धान की खरीद हो पाई है। लक्ष्य 111000 एमटी का है।
क्रय केंद्रों के बंद होने की शिकायतों की जांच कराई जा रही है
क्रय केंद्रों के बंद होने की शिकायतों की जांच कराई जा रही है। जांच कराकर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिले में धान की कटाई विलंब से शुरु हुई। लिहाजा क्रय केंद्रों पर अभी किसान कम पहुंच रहे हैं। इसी वजह से खरीद की रफ्तार धीमी है।
-अविनाश कुमार, खाद्य विपणन अधिकारी
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