म्यांमार से छुड़ाए गए बंधक की आपबीती, बताया- कैसे चीन की चाल में फंस रहे हैं भारतीय युवक; फिल्म की तर्ज पर बनाया सेटअप
Myanmar Cyber Fraud Case चीन के साइबर जालसाजों ने अच्छी नौकरी का झांसा देकर थाईलैंड बुलाया और फिर साइबर ठगी में धकेल दिया। चीन की सुरक्षा एजेंसियां वहां तक पहुंचीं तो सभी को बंधक बनाकर म्यांमार ले गए। भारत सरकार ने उन्हें सुरक्षित बचाकर वापस लाया। साइबर जालसाजों से बचकर आने वालों में वाराणसी के आकिब अहमद खान भी हैं।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। चीन के साइबर जालसालों ने अच्छी नौकरी की झांसा देकर थाइलैंड बुलाया। यहां उन्हें साइबर ठगी में झोंक दिया। चीन की सुरक्षा एजेंसियां वहां तक पहुंचीं तो सभी को बंधक बनाकर म्यांमार ले गए। यहां से भारत सरकार उन्हें सुरक्षित बचाकर वापस ले आई।
साइबर जालसाजों से बचकर आने वालों में वाराणसी के ककरमत्ता निवासी आकिब अहमद खान भी है। म्यांमार के खतरनाक हालात से निकलने के बाद भारत में सुरक्षा एजेंसियों की लंबी पूछताछ से सदमे हैं।
म्यांमार की स्थिति की जानकारी उसने अपने स्वजन को दी। उसके बीएलडब्ल्यू में तैनात आरपीएफ सबइंसेप्क्टर पिता एम रहमान बताते हैं कि उनका छोटा बेटा आकिब बेहतर जिंदगी के सपने लेकर विदेश गया था लेकिन उसे बंधक जैसी जिंदगी बितानी पड़ी।
आकिब ने एसएमएस से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन (बीबीए) करने के बाद कंप्यूटर की जानकारी के लिए पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (पीजीडीसीए) किया। इसके बाद आनलाइन नौकरी की तलाश करने लगा।
उसे चीन की एक कंपनी का विज्ञापन दिया। उस पर आवेदन के बाद उसका आनलाइन की इंटरव्यू आदि हुआ और डेढ़ लाख रुपये प्रतिमाह का जाब आफर लेटर भी आ गया।
नौकरी की शर्तों के अनुसार उसे थाइलैंड में ज्वाइन करना था। पूरे परिवार ने उसेखुशी खुशी विदा किया। वहां जाने के बाद पता चला कि जिस कंपनी में वह काम करने आया वह चीन के साइबर जालसाजों की है। वहां आकिब के साथ कई और भारतीय युवक थे जिनसे उनकी योग्यता के अनुसार साइबर ठगी का काम कराया जा रहा था।
इसके लिए आफिस की तरह पूरा सेटअप बनाया गया था। यहां से लोगों के व्यक्तिगत और बैंक की जानकारी का डाटा चीन के ठगों तक भेजा जाता था। चीन के आकाओं के इशारे पर लोगों को ठगी के लिए फोन काल आदि किए जाते थे।
जालसाजों के जाल में फंस चुके आकिब को भी मजबूरी में यह सब करना पड़ा। वहां काम करने वाले हर किसी पर कड़ी निगरानी रखी जाती थी। इसी दौरान चीन की सुरक्षा एजेंसियों ने वहां के जालसाजों कार्यवाही शुरू कर दी। उनसे मिली जानकारी पर थाइलैंड में बनाए गए उनके ठिकाने पर भी पहुंच गए।
इसकी जानकारी होते ही थाइलैंड के ठिकानों को आपरेट कर रहे जालसाज आकिब व उसके साथ काम करने वाले सभी युवकों को वहां से म्यांमार शिफ्ट कर दिया गया। यहां साइबर ठगों का थाइलैंड से बड़ा सेटअप था। काफी बड़ी इमारत के परिसर में तीन शिफ्टों में 24 घंटे लगातार काम होता था।
आकिब को रात की शिफ्ट में काम करने को कहा गया। यहां थाइलैंड से कड़ी निगरानी थी और किसी को भी परिसर से बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। उनकी हर हरकत पर नजर रखी जा रही थी। काम के बदले उन्हें रुपये भी दिए जाते थे।
दस दिन पहले चीन की सुरक्षा एजेंसी म्यांमार में भी साइबर जालसाजों के ठिकाने पर पहुंच गई। स्थानीय सुरक्षा एजेंसी की मदद से वहां फंसे युवकों जालसाजों के गिरफ्त से बाहर निकाल लाया गया। इसके बाद उनके देश के दूतावास के संपर्क करके उनके देश भेज दिया गया।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने कई राउंड की पूछताछ
म्यांमार से लाए युवकों से भारतीय एजेंसियों ने लंबी पूछताछ की। सबसे पहले उनसे दिल्ली में काफी देर तक पूछताछ की गई। इसके बाद लखनऊ आने पर यहां भी पूछताछ का सिलसिला देर तक चला। सुरक्षा एजेंसियों भारतीय युवकों के साथ हुई साजिश को समझने और इसमें शामिल लोगों की जानकारी जुटाने में लगी रही। कई युवकों को मोबाइल, लैपटाप आदि की जांच की। म्यांमार से आए युवकों को सुरक्षा फिर पूछताछ कर सकती हैं।
साथ काम करते थे कई देशों के युवक
थाइलैंड व म्यांमार में चीन के जालसाजों के बनाए गए ठिकाने पर आकिब के साथ कई देशों के युवक काम कर रहे थे। हर किसी को साइबर ठगी से जुड़े टारगेट दिए जाते थे। जालसाज दुनिया के हर देश में अपना जाल फैलाना चाहते हैं। इसके लिए अलग-अलग देशों के युवकों का उपयोग करते थे। अपनी भाषा में अपने देश के लोगों को साइबर ठगी के लिए काल करते थे। अपने देश से डाटा जुटाते थे और साइबर ठगी के प्लेटफार्म करते थे। यह सबकुछ चीन में बैठे आकाओं के इशारे पर होता था।
खोल रखा है रिक्रूमेंट एजेंसी
चीन के जालसाजों ने साइबर ठगी के लिए पूरी दुनिया में कंप्यूटर के जानकारों के लिए रिक्रूमेंट एजेंसी खोल रखा है। युवकों को अच्छा वेतन, हर तरह की सुविधा का झांसा देकर अलग-अलग देशों में बनाए गए अपने ठिकानों तक बुलाते हैं। वहां आने के बाद बंधक बनाकर साइबर ठगी में इस्तेमाल करने लगते थे।
फिल्मी तर्ज पर बनाया है सेटअप
चीन के साइबर जालसालों ने फिल्मी तर्ज पर अपना सेटअप तैयार किया है। साइबर ठगी के लिए कई स्तर पर टीम तैयार किया। वर्ष 2024 के मई माह में रिलीज हुई कोरिया फिल्म के अंग्रेजी वर्जन राउंड अप पनिशमेंट में इस पूरे सेटअप को बखूबी दिखाया गया है।
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