भारत की अर्थव्यवस्था जल्द ही ब्रिटेन को पीछे छोड़ने जा रही है : वाराणसी में बोलीं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल
काशी विद्यापीठ में आजादी के अमृत महोत्सव में हर घर तिरंगा अभियान कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल एवं उत्तर प्रदेश के आयुष खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु ने प्रतिभाग किया एवं दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। महात्मा गांधी काशीविद्यापीठ में आजादी के अमृत महोत्सव में हर घर तिरंगा अभियान कार्यक्रम में रविवार को केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल एवं उत्तर प्रदेश के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ दयाशंकर मिश्र "दयालु" ने प्रतिभाग किया एवं दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मंत्रीद्वय ने जनपद के 6 मृतक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पारिवारिक सदस्यों को सम्मानित किया।
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की आजादी के लिए अपने- अपने प्राण निछावर करने वाले देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में जो हमारे स्वाधीनता संग्राम सेनानी और उनके परिजन यहां पर उपस्थित हैं, वह सभी इस देश का गौरव है। सभी को आजादी के अमृत महोत्सव पर बधाई और शुभकामना देने से पूर्व जिनकी छाया में महात्मा गांधी काशीविद्यापीठ की स्थापना हुई आज से 101 वर्ष पूर्व हमारे राष्ट्रपिता परम पूज्य महात्मा गांधी जी को श्रद्धा से नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है, जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है तो देश का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में है।
जिन्होंने 135 करोड़ भारतीयों का आवाहन किया कि आजादी के 75 वर्ष में हम सभी को मिलकर पूरे हर्षोल्लास के साथ आजादी के इस पर्व को मनाना चाहिए। इसके लिए 135 करोड़ भारतीय मिलकर अपने कार्यालय एवं आवास पर और जितने भी हमारे सरकारी और प्राइवेट प्रतिष्ठान हैं, यानी देश के कोने-कोने में हमारे सम्मान हमारे गौरव का प्रतीक इस तिरंगा को पूरे आदर के साथ फहराने का कार्य करे। सोमवार 15 अगस्त को आजादी के 75 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। तिरंगा अभियान की शुरुआत 13 अगस्त से निरंतर देश के कोने-कोने में जहां भी नजर जाये, वहां पर हमारे स्वाभिमान और गर्व का प्रतीक तिरंगा हमें लहराता हुआ नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के हाथ में सम्मान का यह राष्ट्रीय ध्वज है, जिससे आप पूरे हर्षोल्लास के साथ लहरा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने सभी को शुभकामनाएं दी। मंत्री अनुप्रिया पटेल महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की ऐतिहासिकता एवं गौरव का जिक्र करते हुए कहा कि आज मैं जिस ऐतिहासिक स्थल पर बैठी हूं और आजादी का उत्सव हम मना रहे हैं उस आजादी के नायक के रूप में हम परम पूज्य बापू को याद कर रहे हैं। उन्होंने ही इस महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की स्थापना की और देश के अनेकोनेक महान विभूतियां इसी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अपनी यात्रा को तय किया।
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री सहित अनेक आजादी के दीवानो की यादें इस महान संस्था से जुड़ी हुई है। इसलिए आजादी का उत्सव मनाने के लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से उत्तम स्थान और कोई नहीं हो सकता था। यह सभी का परम सौभाग्य है कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने कार्यक्रम यहां आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह यादगार क्षण भी है और सौभाग्य का विषय भी। हम सबको जीवन पर्यत्न याद रहेगा की आजादी के 75 वर्ष की बेला में हम सब महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में आए थे और हमने पूज्य बापू को और उन अनगिनत लाखों-करोड़ों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन किया, जिनके कारण आज हम आजाद हवा में सांस ले रहे हैं। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
आजादी के 75 वर्ष की यात्रा में हमने क्या पाया, क्या खोया, कितनी उन्नत की और भारत को अगले 25 वर्षों में क्या पाना है ये सब कुछ हमें देखने और सोचने का अवसर है। आजादी के 75 वर्ष में इस लोकतंत्र का सिरमौर बनी है कि समाज के अंतिम पायदान में जीने वाली जनजाति, वनवासी समाज से आने वाली, जल, जंगल व जमीन के संघर्ष से होकर गुजरने वाली हमारे देश की वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू जी।
ऐसा सिर्फ भारत के लोकतंत्र में ही संभव है। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है, जो आज पूरी दुनिया देख रही है कि एक आदिवासी समाज में जन्म लेने वाली बेटी भारत के सर्वोच्च पद पर विराजमान हुई है। 135 करोड़ भारतीयों का सर उनके सामने सम्मान से झुकता है, जो यह लोकतंत्र आजादी के उस लंबे संघर्ष की देन है। आजादी का अमृत महोत्सव इसलिए मनाया जा रहा है कि देश की जो हमारी युवा एवं आने वाली पीढ़ी है, वह इस लोकतंत्र के महत्व को समझें।
आजादी के मूल्यों को समझें कि हमारा देश अगर दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बना है तो उसके पीछे कितनी कुर्बानियां है। यह आजादी हमें कितनी मुस्किलात के बाद हमें प्राप्त हुई है। आने वाली पीढ़ियां देश की आजादी के लिए मरने-मिटने वालों के बारे में जाने, उन्हें याद करें और उससे प्रेरित होकर और दिन रात उस भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अपने जीवन में हर एक कदम उठाए। ऐसी प्रेरणा देने के लिए आजादी के अमृत महोत्सव को इतने भव्य तरीका से मनाने के लिए भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्णय लिया गया है। 2047 में जब हम आजादी के 100 वर्ष पूरे करेंगे तो हमें कहां तक जाना है यह सोचने का मौका है।
उन्होंने अपने मंत्रालय की चर्चा करते हुए कहा कि वाणिज्य उद्योग मंत्रालय की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि 2019 से कोरोना के दौर में भी भारत ने निर्यात की दृष्टि से रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की है। हमारा कुल निर्यात 676 मिलियन डॉलर पहुंच गया है। यह आजादी के 75वे वर्ष की हमारी उपलब्धि हैं। प्रधानमंत्री कहते हैं कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में निर्यात की बहुत बड़ी भूमिका होती है और दुनिया के तमाम जो हमारे विकासशील देश है वह विकसित हुए हैं तो उसमे उनके निर्यात की बहुत बड़ी भूमिका रही है और इसलिए निर्यात को लगातार बढ़ाने के लिए ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने आह्वान किया कि देश के हर जिले के अंदर वह ताकत है जो दुनिया छोटे मोटे देश के अंदर है। तो हम अपनी उस क्षमता को पहचाने और देश के हर जिले को निर्यात के हब के रूप में विकसित करें। ऐसा बहुत कुछ हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम और बहुत कुछ जो हमारी विरासत है उसको निर्यात की दृष्टि से उसको निर्यात के लायक बनाते हुए हम देश के प्रत्येक जिले से निर्यात के जो मानक हैं आपने एक्सपोर्ट के जो प्रोडक्ट हैं सूची हैं उनकी सूची को भी बढ़ाए और दुनिया के बाजार में एक्सपोर्ट की दृष्टि से अपनी पहुंच को बढ़ाएं। जो निर्यात करने लायक हमारे उत्पाद हैं उनकी संख्या को बढ़ानी है, साथ में जितने देशों में हम पहुंच रहे हैं उतने देशों की संख्या में भी हमें अपने ग्लोबल मार्केट एक्सेस भी बढ़ानी है।
75 वें वर्ष में हम तेजी से निर्यात को आगे लेकर जा रहे हैं और आने वाले समय में और भी आगे बढ़ेगा और देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा परिवर्तन लाने का काम करेगा। आज हमारे देश की अर्थव्यवस्था कोरोना के बाद भी जब दुनियां की तमाम अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी थी, तब उस वर्ष भी भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
उन्होंने बताया कि आज भारत की जो अर्थव्यवस्था है, वह बहुत जल्द ही ब्रिटेन को पीछे छोड़ने जा रही है। इतनी तेज गति से भारत की अर्थव्यवस्था का विकास हो रहा है।
मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। आज हमारे देश में 62 प्रतिशत आबादी वर्किंग ग्रुप है और हमारे देश की 60 प्रतिशत आबादी 30 वर्ष से कम है, यानी आज भारत युवा देश है। दुनिया के तमाम देश बूढ़े हो रहे हैं लेकिन भारत युवा हो रहा है। युवाओं की इतनी बड़ी तादाद है यहां पर इन युवाओं की क्षमता पर युवाओं की योग्यता पर टैलेंट पर हमें आने वाले भारत की अगले 25 वर्षों में जो हमारा एक नया भारतवर्ष जो आत्मनिर्भर भारतवर्ष बनाने का संकल्प संकल्प लिया है उसका आगे का काम ये युवा करने जा रहे हैं। आज भारत दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप देशों में से एक बन चुका है।
आज हमारे देश के अंदर हमारे इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के द्वारा मान्यता प्राप्त 75000 से अधिक स्टार्टअप है, जो युवाओं ने बना कर खड़े कर दिए हैं। यानी भारत की सोच बदल रही है। आज भारत के अंदर जो नौजवान हैं वह नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनना चाहता है। 75वें वर्ष का भारत है, इसलिए एक के बाद एक स्टार्टअप की संख्या बढ़ती जा रही है। यह बहुत बड़ी बात है और 40 प्रतिशत के लगभग ऐसे स्टार्टअप हैं, जिसको हमारी युवा महिलाओं ने खड़ा करने का काम किया है। देश की महिला आगे बढ़ रही है, देश के युवा आगे बढ़ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ दयाशंकर मिश्र "दयालु" ने कहा कि सड़कों पर आज एक अजीब उल्लास है, हर तरफ प्रभात फेरियां निकल रही हैं। अमृत महोत्सव के इस कार्यक्रम में पूरे देश में एक अजीब खुशी की लहर दौड़ रही है। आज लग रहा है कि जैसे सच में यह हमारे भारतीयता का राष्ट्रीयता का समस्त हिंदुस्तानियों का त्यौहार हो गया है।
हरित क्रांति माटी के लाल व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की देन है। यह सौभाग्य की बात है कि वह इसी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्र हुआ करते थे। यह स्वतंत्रता के आंदोलन में सबसे बड़ा शिक्षण संस्थान था। 14 अगस्त देश के बंटवारे का दिन रहा। आज हिंदुस्तान के प्रत्येक जिले में मौन जुलूस निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश 15 अगस्त को आजाद जरूर हुआ, लेकिन 14 अगस्त को 10 लाख लोगों को अपना प्राण कुर्बान करना पड़ा। आज उन सभी को याद करने के लिए जिलों में मौन जुलूस निकाला गया हैं। 15अगस्त जश्न का दिन है। सभी लोग अपने घरों में तिरंगा अवश्य लगाएं। तिरंगा 17 तारीख तक लगा रहे। इसके बाद उस तिरंगे को सुरक्षित उतार कर रखें।
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