वाराणसी में सड़क पर बेरोकटोक शोर मचा रहे हूटर लगे वाहन, राहगीर हो रहे परेशान
हूटर लगे वाहन बेरोकटोक चल रहे हैं। जाम हो या खाली सड़क रौब जमाने के लिए हूटर बजाते हुए पूरी रफ्तार में रहते हैं। हूटर की तेज आवाज से राहगीर परेशान होते हैं लेकिन उन्हें फर्क नहीं पड़ता है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : हूटर लगे वाहन बेरोकटोक चल रहे हैं। जाम हो या खाली सड़क रौब जमाने के लिए हूटर बजाते हुए पूरी रफ्तार में रहते हैं। हूटर की तेज आवाज से राहगीर परेशान होते हैं लेकिन उन्हें फर्क नहीं पड़ता है। भीड़ भरे चौराहे, स्कूल, हास्पिटल कहीं भी हों उनके हूटर बजते रहते हैं। यही नहीं, वाहनों पर राजनीतिक पार्टी के झंडे के साथ उस पर भारी-भरकम पद का उल्लेख करते हैं। रोक के बावजूद इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, जबकि अपने पहले कार्यकाल में कोविड काल में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हूटर व बत्ती लगाकर चलने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था।
विधानसभा चुनाव बीतने के बाद जैसे वाहनों की जांच कम हुई यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की भीड़ बढ़ गई है। राजनीतिक पार्टियों के भारी-भरकम पद के बोर्ड और झंडे लगाए वाहन सड़कों पर दौडऩे लगे हैं। काली फिल्म तो लगभग हर चौथे चारपहिया वाहन में लगी नजर आ रही है। मोटर वाहन अधिनियम 1998 के अनुसार किसी भी मोटर वाहन में मल्टीटोन हार्न या अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण नहीं लगे होने चाहिए, इसमें हूटर भी शामिल है। लगातार हूटर बजने से लोगों को तेज आवाज का सामना करना पड़ता है। इससे ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ता है।
फायर ब्रिगेड वाहन और एंबुलेंस को है इस्तेमाल की इजाजत
गंभीर मरीज होने पर ही एंबुलेंस हूटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा कहीं आग लगने की सूचना पर जाते समय ही फायर ब्रिगेड की गाड़ी में सायरन और हूटर बजाया जा सकता है। यहां तक कि पुलिस को भी हूटर इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है। यह जरूर है कि आपात स्थित में किया जा सकता है। किसी प्राइवेट वाहन में हूटर बिल्कुल भी नहीं लगा सकते हैं। नियमों के मुताबिक हूटर के इस्तेमाल पर पांच हजार तक जुर्माना हो सकता है।
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