Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वाराणसी के चिरईगांव विकासखंड के सुल्तानपुर गांव में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं, मास्‍क के साथ शारीरिक दूरी का हो रहा पालन

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Tue, 27 Apr 2021 10:49 PM (IST)

    वाराणसी के चिरईगांव विकासखंड का सुल्तानपुर गांव नगरीय सीमा से सटे होने के बाद भी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को ग्राम वासियों की सूझबूझ से अभी तक सुरक्षित है। ै। 45 वर्ष से ऊपर के लगभग 85 प्रतिशत लोग वैक्सीन भी लगवा चुके हैं।

    Hero Image
    सारनाथ के सुल्तानपुर गांव में मास्क व शारीरिक दूरी बना कर बैठ कर बातचीत करते गांव के लोग ।

    वाराणसी [केके अस्थाना]। चिरईगांव विकासखंड का सुल्तानपुर गांव नगरीय सीमा से सटे होने के बाद भी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को ग्राम वासियों की सूझबूझ से अभी तक सुरक्षित है । इसका मुख्य कारण है कि घर से बाहर निकलते समय मास्क व शारीरिक दूरी को अपने जेहन में उतारने के साथ ही पालन किया। गांव का हर बुजुर्ग हो या बच्चे तक घर से बाहर निकलते समय मास्क जरूर लगाते है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    2080 जनसख्या वाला सुल्तानपुर गांव मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर है। गांव के लोगों की सोच है कि मास्क व घरों में रहना ही कोरोना की चेन को तोड़ना है । इसी उद्देश्य को लेकर गांव का हर व्यक्ति अमल कर रहा है । यही कारण है कि कोरोना की दूसरी खतरनाक लहर में गांव के एक भी लोग दूसरी लहर के चपेट में नही आये हैं। खुद तो बच रहे साथ ही अपने परिवार को भी सुरक्षित रखे हैं। गांव के बुजुर्ग तो अपने घर के बरामदे में ही बैठे रहते हैं । तो युवा वर्ग भी बहुत आवश्यक है तो गांव के बाहर जाते हैं नही तो अपने ही परिवार के साथ रहते हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए बाहरी लोगों का आवागमन नही के बराबर है । यही नहीं ठेला पर सब्जी बेचने वालों का गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है।

    वही गांव के कुछ लोग सब्जी बेचते थे वहीं गांव में सब्जी बेच रहे हैं। नवरात्र के दिनों में भी शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पूजा पाठ किया गया। नवरात्र के अंतिम दिन चोरा माता मंदिर पर लगने वाला मेले पर कोरोना संक्रमण को देखते हुए रोक लगा दी गयी है। गांव के दिनेश सिंह, गुलाब सिंह, राधेश्याम, राम प्रवेश , कुंवर प्रताप सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क व शारिरिक दूरी का पालन किया जा रहा है। 45 वर्ष से ऊपर के लगभग 85 प्रतिशत लोग वैक्सीन भी लगवा चुके हैं। पिछले बार जो प्रवासी मजदूर आये तो वे वापस गये नही यही मेहनत मजदूरी कर रहे हैं। कुछ लोग हैं जो दिल्ली, सहित अन्य राज्यो में कमाने गये वे वापस नही आये वे उसी जगह पर हैं। साथ ही दोस्त मित्रों के आने जाने पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है ।