Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मेरी 'धड़कन’ भी बन सकती है आपकी धड़कन, बीएचयू में एक साल में 250 मरीजों का लगता है पेसमेकर

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Fri, 06 May 2022 08:10 AM (IST)

    एक पेसमेकर में 60 हजार से दो लाख तक खर्च आता है। पेसमेकर लगे किसी मरीज की मृत्यु होने पर स्वजन पेसमेकर दान कर सकते हैैं। बीएचयू के हृदयरोग विभागाध्यक्ष प्रो. ओमशंकर बताते हैं कि पुराना पेसमेकर लगाने में कोई खतरा नहीं है।

    Hero Image
    छह साल पहले दान में मिला पेसमेकर दूसरे मरीज को लगाकर उसकी धड़कन अनवरत की गई थी।

    वाराणसी, मुकेश चंद्र श्रीवास्तव : 'जी करता है कि आपसे दिल लगाऊं, लेकिन क्या करूं अब बैटरी से धड़कता है मेरा दिल’ ये शब्द उनके लिखे हैं जो चिकित्सकीय जांच के लिए काशी में सम्माननीय तो रहे ही, साहित्य की जगत में भी उनके शब्दों का डंका बजता था। पैथोलाजिकल जांच के विशेषज्ञ एवं साहित्यकार डा. भानुशंकर मेहता कहते थे कि जीवन के लिए धड़कन जरूरी है, चिकित्सा विज्ञानियों का आभारी इंसान को होना चाहिए क्योंकि पेसमेकर जैसा उपकरण बनाकर उन्होंने धड़कनों की आयु बढ़ा दी लेकिन गरीबों के लिए अब भी ये दुरूह है। ऐसे में पेसमेकर का दान गरीबों के लिए वरदान बन सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बीएचयू स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में छह साल पहले दान में मिला पेसमेकर दूसरे मरीज को लगाकर उसकी धड़कन अनवरत की गई थी। इससे न सिर्फ मरीज की जान बचाई जा सकी थी, बल्कि धन की बचत भी हुई थी। एक पेसमेकर में 60 हजार से दो लाख तक खर्च आता है। पेसमेकर लगे किसी मरीज की मृत्यु होने पर स्वजन पेसमेकर दान कर सकते हैैं। बीएचयू के हृदयरोग विभागाध्यक्ष प्रो. ओमशंकर बताते हैं कि पुराना पेसमेकर लगाने में कोई खतरा नहीं है। सरकार को इसे लेकर कानून बनाना चाहिए।

    बीएचयू में एक साल में 250 मरीजों का लगता है पेसमेकर

    बीएचयू के हृदय रोग वार्ड में एक साल में करीब 250 मरीजों को पेसमेकर लगाया जाता है। प्रो. ओमशंकर ने बताया कि यहां पर गुणवत्ता के आधार पर पेसमेकर 60 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक के लगाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि करीब छह साल पहले यहां पर सोनभद्र के एक गरीब मरीज को पुराना पेसमेकर लगाया गया था। वह पेसमेकर किसी दूसरे मरीज के शरीर से निकलवाकर लाया गया था। बताया कि मृतक के शरीर से कोई भी जनरल सर्जन पेसमेकर निकाल सकते हैं।

    ब्लास्ट का कोई खतरा नहीं

    लोगों में ऐसी भ्रांतियां हैं कि जिस मरीज के शरीर में पेसमेकर लगा है उसके अंतिम संस्कार यानी जलाने पर ब्लास्ट हो सकता है। प्रो. ओमशंकर ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है। वैसे तो कई बार शव को जलाते हुए सिर भी हल्का ब्लास्ट करता है। इसे लेकर भी लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।

    वारंटी व वारंटी कार्ड स्थानांतरित करने का बने नियम

    प्रो. ओमशंकर ने कहा कि सरकार को चाहिए कि दान के पेसमेकर को लेकर नियम बनाए। पेसमेकर की वारंटी अवधि व वारंटी कार्ड को दूसरे मरीज को स्थानांतरित करने की भी नीति बने, क्योंकि बिना कानूनी अड़चन दूर किए भविष्य में यह किसी तरह की मुसीबत को जन्म दे सकता है। इसे ऐसे समझने की जरूरत है कि अगर कोई कंपनी मरीज को लाइफ टाइम वारंटी के साथ पेसमेकर उपलब्ध कराती है, तो क्या यह वारंटी दूसरे मरीज पर ट्रांसफर हो सकती है, इसलिए वारंटी अवधि वर्ष में निर्धारित करने की जरूरत है। अगर इसे लेकर स्पष्ट गाइडलाइन बन जाए तो यह गरीब मरीजों के लिए काफी हितकारी होगा।