Lolark Kund Varanasi : लोलार्क कुंड में आधी रात से लगने लगी संतति कामना की डुबकी, आस्था का उमड़ा रेला
काशी में छठ के मौके पर लोलार्क कुंड में स्नान कर सूर्य की उपासना करने का यह मौका आस्था पर भारी है। लोगों की आधी रात से लगी कतार अगले दिन भी थमने का नाम नहीं ले रही है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। सुबह से बैरिकेडिंग में बैठ कर पूर्वांचल समेत देश भर से आए दंपतियों ने स्नान के मुहूर्त का इंतजार किया तो आधाी रात को पुण्य की डुबकी लगाई। गुरुवार की दोपहर में भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी लग गई थी। मान अनुसार लोलार्क षष्ठी का स्नान कुछेक लोगों ने किया लेकिन आधी रात के बाद शुरू स्नान शुक्रवार की सुबह तक उसी मान के अनुसार होता रहा।
संतति कामना से देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी खींचे चले आए श्रद्धालुओं का रेला गुरुवार सुबह से ही लोलार्क कुंड की ओर था। सुबह से कतार लगी और बैरिकेडिंग में बैठे हुए इंतजार किया। आधी रात घड़ी की सूइयां 12 पर एकाकार हुईं लोलार्केश्वर महादेव की जयकार के साथ युगलों ने मनोकामना की डुबकी लगा दी। पूरी रात जज्बात झलकते रहे और रात में भी दिन का आभास होता रहा।
वास्तव में भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी का लोलार्क षष्ठी का मान है। तिथि विशेष पर संतति कामना से स्नान का विधान है। इसके लिए पूर्वांचल समेत विभिन्न प्रदेशों से आए श्रद्धालुओं की सुबह से ही जुटान हो गई। खानपान के इंतजाम के बाद लोगों ने बैरिकेडिंग में स्थान ले लिया। दोपहर में षष्ठी तिथि लगने के साथ कुछ लोगों ने डुबकी जरूर लगा ली लेकिन ज्यादातर ने इंतजार किया। रात 12 बजने के साथ रेला उमड़ पड़ा। लोगों ने कुंड में स्नान के साथ वस्त्र छोड़े। साथ ही फल दान किया। इसे वर्ष पर्यंत न ग्रहण करने का संकल्प लिया। इसके अलावा स्नान के लिए वे भी आए जिनके संकल्प पूरे हुए। स्नान-दान के साथ लोलार्केश्वर महादेव का दर्शन किया। बच्चे का मुंडन कराया और कड़ाही भी चढ़ाई।
देश भर से श्रद्धालुओं के आने से गोदौलिया-बीएचयू रोड पर पूरी रात चहल-पहल रही। इस मार्ग पर आवागमन पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया था। कतार दो किलोमीटर के पार थी। आसपास पूजन सामग्री व खानपान की दुकानें सज गई थीं। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस की चौकसी रही। शिवाला स्थित क्रीं कुंड में स्नान के लिए भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही। अघोराचार्य बाबा कीनाराम की तपोस्थली में शुक्रवार को स्नान विधान के साथ ही पीठाधीश्वर बाबा सिद्धार्थ गौतम राम के सानिध्य में सुबह से शाम तक अनुष्ठान भी हो रहे हैं।
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