वाराणसी के मिर्जामुराद के करधना में ताजिया को लेकर दो वर्गों में मारपीट, पेड़ की डाल काटने को लेकर विवाद
वाराणसी के मिर्जामुराद के करधना गांव में मंगलवार की दोपहर ताजिया ले जाने के दौरान जामुन के पेड़ की डाल काटने को लेकर दो वर्ग समुदाय के बीच विवाद हो गया ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, वाराणसी। मिर्जामुराद के करधना गांव में मंगलवार की दोपहर ताजिया जुलूस के दौरान जामुन के पेड़ की डाल काटने को लेकर दो समुदाय के बीच विवाद हो गया। इस दौरान जमकर लाठी-डंडा व ईंट-पत्थर चलने से भगदड़ मच गई और दुकानें बंद हो गईं। बवाल में एक ही पक्ष के दस से अधिक लोग चोटिल हो गए। आरोप है कि धारदार हथियार भी चलाए गए। ताजिया भी टूट गया। ताजिया की जुलूस में शामिल लोग भाग खड़े हुए। सूचना के बाद आइजी के सत्यनारायण, एसपी (ग्रामीण), एडीएम प्रशासन, एसडीएम, एएसपी, सीओ, एसएचओ समेत बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंच गई। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए फोर्स तैनात कर दी गई है।

जंसा थाना क्षेत्र के एक ताजिया को लेकर लोग जुलूस के रूप में कुंडरिया स्थित कर्बला जा रहे थे। इस बीच करधना बाजार से गुजरते समय दुकानदार खदेरू जायसवाल के घर के सामने स्थित जामुन के पेड़ की डाल को तजियादार काटने लगे। इस दौरान दुकानदार ने खुद ही डाल काटने की इच्छा जताई। इसी बीच पेड़ की डाल कटते ही वह ताजिया पर गिर पड़ी। डाल गिरने से ताजिया जुलूस में शामिल एक युवक आक्रोशित हो राजन जायसवाल पर धारदार हथियार चला दिया, जिससे वह लहूलुहान हो गया।
इसके बाद दोनों समुदाय के बीच हो रही कहासुनी मारपीट में बदल गई। देखते ही देखते ईंट-पत्थर व लाठी-डंडा चलने से बाजार में अफरा-तफरी मच गई। कपड़े, कागज व लकड़ी की बनी ताजिया भी टूट कर सड़क पर गिर पड़ी। बवाल में आदर्श जायसवाल, राजन, राहुल, खदेरू, बबलू, सत्यप्रकाश, मोनू, ज्वाला, जमुना व उजाला जायसवाल चोटिल हो गए। भगदड़ से बाजार की सभी दुकानों के शटर गिर गए। ग्रामीणों का आरोप था कि ताजिया के जुलूस संग पुलिस नहीं थी।
जिला पंचायत सदस्य अमन सिंह, जितेंद्र उर्फ चन्दर सिंह, ग्रामप्रधान निसार अहमद व पूर्व प्रधान पप्पू सिंह समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने पुलिस का सहयोग कर ताजिया को मौके से हटवाया। इस दौरान आगे रास्ते में कई ताजिया घंटो रुका रहा।
रास्ते को लेकर थोड़ी देर के लिए रुका ताजिया
फूलपुर के कुआर बाजार में मंगलवार को उस समय पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए जब एक व्य1ित द्वारा रास्ते को अवरुद्ध कर पिलर खड़ा कर दिया गया। हालांकि अधिकारियों व दोनों समुदाय के आपसी तालमेल से पिलर को हटा कर रास्ता देने से माहौल सामान्य हो गया।

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